लॉकडाउन में रामानंद सागर की रामायण और बीआर चोपड़ा की महाभारत को फिर से प्रसारित किया गया. कमाल की बात ये रही कि सालों बाद भी ये दोनों शोज टीआरपी में छाए रहे. रामायण-महाभारत को लोगों का इस कदर प्यार मिला कि दूरदर्शन को सालों बाद नंबर वन चैनल बनने का मौका मिला. दोनों शोज को लेकर सोशल मीडिया पर जबरदस्त ट्रेंड बना.
रामायण-महाभारत की सफलता को देख बाकी चैनल्स ने भी धार्मिक शोज का रिपीट टेलीकास्ट दिखाया. लेकिन कोई भी शो रामायण-महाभारत को टीआरपी में पछाड़ नहीं पाया. टॉप चैनल्स की रेस में खुद को पिछड़ते देख प्राइवेट चैनल्स ने भी रामायण-महाभारत को दूरदर्शन के बाद अपने चैनल पर टेलीकास्ट करने का फैसला लिया. जब डीडी पर रामायण खत्म हुई तो इसे स्टार प्लस पर फिर से टेलीकास्ट किया गया. वहीं डीडी भारती पर महाभारत खत्म भी नहीं हुई थी कि कलर्स ने इसे रीरन करने का फैसला लिया.
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TRP में क्यों पिछड़ा रामायण-महाभारत का रीरन?
स्टार प्लस और कलर्स को लगा कि दूरदर्शन की तरह ही उन्हें भी टीआरपी में फायदा मिलेगा. लेकिन हैरत की बात ये है कि इन दोनों ही शोज के रीरन को लोगों का खास रिस्पॉन्स नहीं मिला. दूरदर्शन पर रामायण-महाभारत को जिस कदर बंपर टीआरपी मिली, प्राइवेट चैनल्स पर टेलीकास्ट होने के बाद ये दोनों ही शोज टॉप-5 शोज की लिस्ट से गायब दिखे.
संभव है कि ज्यादातर लोगों ने दोनों शोज को पहले ही दूरदर्शन पर देख लिया था. सालों बाद ये शो टेलीकास्ट हुए थे इसलिए लोग काफी एक्साइटेड भी थे. सभी ने इनके एपिसोड बिना मिस किए देखा. ऐसे में बिना दिन या महीनों के गैप के यही शोज फिर से दिखाने का फंडा समझ से परे है. लोगों ने उसी कंटेंट, स्टारकास्ट, डायरेक्शन, कहानी को बार-बार देखना पसंद नहीं किया.
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गौर करने वाली बात ये है कि गुरमीत चौधरी-देबीना बनर्जी की रामायण और सिद्धार्थ कुमार तिवारी की महाभारत दर्शकों का दिल जीत रही है. दोनों ही शोज टीआरपी के टॉप-5 लिस्ट में शामिल हैं. साफ है कि लोग 80s की रामायण-महाभारत को छोड़ नई रामायण-महाभारत देखने के इच्छुक हैं. लोग एक जैसा कंटेंट फिर से रिपीट नहीं देखना चाहते, वो नया टेस्ट चाहते हैं. अगर 80s की रामायण-महाभारत को महीनों के गैप पर रिपीट किया जाता तो शायद चैनल को फायदा होता.