
52 साल की उम्र में सिंगर जुबिन गर्ग का दुनिया को अलविदा कह जाना किसी बुरे सपने सा है. 19 सितंबर को जब उनके निधन की खबर आई, तो सिंगर के चाहने वालों का दिल बैठ सा गया. मंगलवाल को राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा सहित हजारों लोगों ने सिंगर को नम आंखों से अंतिम विदाई दी.
जुबिन गर्ग को अंतिम विदाई
19 सितंबर को सिंगापुर में स्कूबा डाइव करते हुए जुबिन गर्ग का निधन हो गया था. सिंगर की मौत सभी को शॉक कर गई थी. फैन्स और फैमिली सभी को बस यही लग रहा था कि आखिर स्कूबा डाइव में उनकी जान कैसे जान सकती थी. इसी मिस्ट्री को सुलझाने के लिए दो बार उनका पोस्टमार्टम किया गया.

पोस्टमार्टम होने के बाद गुवाहाटी में सिंगर का अंतिम संस्कार किया गया. उन्हें विदाई देने के लिए पूरा जन सैलाब उमड़ पड़ा. दुख की घड़ी में सिंगर की पत्नी गरिमा फूट-फूटकर रोती दिखीं.

गरिमा की आंखों से बहने वाले आंसू उनकी पीड़ा बयां कर रहे हैं. जुबिन को अंतिम विदाई देने आई भीड़ को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि वो हर दिल अजीज थे.

जुबिन के लिए जनता का प्यार देखकर पता चल रहा है कि लोगों ने सिर्फ एक अच्छा सिंगर ही नहीं, बल्कि बेहतर इंसान भी खो दिया है. राज्य सरकार ने सिंगर के अंतिम संस्कार के लिए कड़ी व्यवस्था की थी. इसलिए हजारों लोगों मौजूद होने के बाद शांति पूर्वक उन्हें अंतिम विदाई दी जा सकी.

जब लाखों प्रशंसक, फैन अपने आइकॉन को अंतिम सम्मान देने के लिए इकट्ठा हुए, तब जुबिन के पसंदीदा गानों में से एक "मायाबिनी रातिर बुकुत" हवा में गूंज रहा था.

जुबिन के चाहने वालों ने उनके गानों की तरह उनकी अंतिम विदाई को भी यादगार बना दिया है.

हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि जुबिन की "समाधि" हमेशा रहेगी जहां लोग किसी भी दिन जा कर उन्हें श्रद्धांजलि दे सकते हैं.

जुबिन 'गैंगस्टर', 'कृष 3' जैसी फिल्मों में 'या अली' और 'दिल तू ही बता' जैसे पॉपुलर गानों के लिए जाने जाते हैं.

सिंगर आज भले ही वो हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी आवाज हमेशा फैन्स के दिलों और दिमाग में गूंजरी रहेगी.