डायरेक्टर आनंद एल राय और धनुष की जोड़ी जब पहली बार फिर 'रांझणा' में साथ आई तो सुपरहिट हो गई थी. 'रांझणा' के जरिए दर्शकों को धनुष का एक ऐसा अवतार देखने को मिला, जिससे वो पहले कभी नहीं मिले थे. ये था कुंदन. आवारा, दीवाना, बेधड़क कुछ भी कर जाने वाला कुंदन. जो प्यार करता था जोया से और अपनी मोहब्बत को पाने के लिए किसी भी हद से गुजरने के लिए तैयार था. पिक्चर में भले ही कुंदन की मोहब्बत पूरी नहीं हुई, लेकिन उसने दर्शकों का दिल जीत लिया था.
लेकिन वही जादू दोनों बार-बार बिखेर पाएं ऐसा जरूरी तो नहीं. धनुष और आनंद एल राय की जोड़ी एक बार फिर 'तेरे इश्क में' फिल्म लेकर आई है और इसे देखने के बाद यही कहा जा सकता है. 'तेरे इश्क में' का टीजर जब आया था, तब सभी ने कयास लगाने शुरू कर दिए थे कि कुंदन की तरह धनुष का ये नया किरदार भी एक दिल जला आशिक होगा. लेकिन कृति ने ऐसा क्या किया है, जो वो उसे बेटा होने की दुआ दे रहा है?
क्या है फिल्म की कहानी?
ये कहानी है शंकर गुरुक्कल (धनुष) और मुक्ति बेनीवाल (कृति सेनन) की. कॉलेज का आवारा, गुस्सैल और ट्रॉमा से भरा शंकर रोज मारपीट और उधमबाजी करते हुए अपना वक्त बिताता है. एक दिन उसकी मुलाकात मुक्ति से होती है, जो उसी के जैसे गुस्सैल लोगों पर अपनी पीएचडी की थीसिस लिख रही है. मुक्ति, बिहेवियरल साइकोलॉजी पर रिसर्च के लिए शंकर की मदद लेती है. वो पहले ही साफ कर देती है कि ये सब बस काम के लिए है और प्यार का कोई सीन नहीं है. लेकिन शंकर को एंगर इश्यू के साथ-साथ बाउंड्री इश्यू भी है.
वो तो कर बैठता है मोहब्बत. और गालिब ने कहा है न- मोहब्बत में नहीं है फर्क जीने और मरने का. उसी को देख कर जीते हैं जिस काफिर पे दम निकले. ऐसा ही कुछ शंकर के साथ भी होता है. मुक्ति के प्यार में वो जानवर से इंसान बन जाता है. लेकिन उसकी एक तरफा मोहब्बत अधूरी ही रह जाती है. जब तक मुक्ति को अपने प्यार में होने का होश आता है, चीजें हाथ से निकल चुकी होती हैं.
कहां हुई गड़बड़?
ये फिल्म जितने सिंपल तरीके से मैंने समझाई है, उतनी है नहीं. पिक्चर की शुरुआत टिपिकल तरीके से होती है. फ्यूचर में खड़ा शंकर गुरुक्कल आज इंडियन एयर फोर्स का टॉप पायलेट बन चुका है. उसकी एक ही प्रॉब्लम है कि वो किसी पर भरोसा नहीं करता और ऑर्डर नहीं मानता (जैसे ये तो हमने पहले कभी देखा ही नहीं). लेकिन वो टीम का बेस्ट सोल्जर है. तो फिर उसे जाने नहीं दिया जा सकता. सोल्जर के गुस्से और बर्ताव का कारण एक लड़की है. ये बात शंकर के बॉस के साथ-साथ दर्शक भी जानते हैं. इसके बाद आता है कॉलेज का फ्लैश बैक... जैसे-जैसे फिल्म की कहानी आगे बढ़ती है, खराब होती जाती है.
शंकर गुंडे से इंसान और इंसान से प्यार में पागल बनता है. लेकिन उसकी जर्नी भर-भरकर उतार-चढ़ाव से भरी है. फिल्म की शुरुआत में आपको लगता है कि आप 'रांझणा' के कुंदन को दूसरे जन्म में देख रहे हैं. फिर वो 'फाइटर' का ऋतिक रोशन बन जाता है. इसके बाद वो '12वीं फेल' का विक्रांत मैसी भी बन जाता है. 'कबीर सिंह' का टॉक्सिक हीरो और 'एनिमल' का एल्फा मेल भी आपको शंकर में दिखाई देगा. मुक्ति भी टिपिकल लड़की निकली, न-न करते हुए शंकर को दिल दे बैठी. सबकुछ मिलकार जो खिचड़ी तैयार हुई है, वो है 'तेरे इश्क में'.
कुछ अच्छे पल
डायरेक्टर आनंद एल राय का स्क्रीनप्ले बहुत धगमगाया हुआ है. ये बहुत बेहतर हो सकता था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. फिर भी फिल्म के कुछ हिस्सों में उन्होंने अच्छे और दिल छूने वाले पल दिखाए. जैसे शंकर का अपनी मां और ट्रॉमा के बारे में मुक्ति से खुलकर बात करना. शंकर और उनके पिता राघव (प्रकाश राज) के बीच के पल. फिल्म 'रांझणा' का कॉल बैक, जिसमें शंकर को कुंदन की याद दिलाई जाती है. और वो पल जब फिल्म खत्म होने वाली होती है.
परफॉरमेंस
धनुष, तमिल सिनेमा के दमदार एक्टर हैं और उसी जोश के साथ वो बॉलीवुड में भी काम करते हैं. अगर किसी फिल्म के साथ धनुष का नाम जुड़ा है, भले ही वो कोई भी भाषा या इंडस्ट्री की हो, आपको पता है कि उनका काम अच्छा ही होगा. 'तेरे इश्क में' भी कुछ ऐसा ही हुआ. एक्टर का काम जबरदस्त है. वहीं उनकी स्क्रीन प्रेजेंस को कृति सेनन ने बढ़िया तरीके से मैच किया है. कृति क्यूट होने के साथ-साथ बिंदास और फिर बर्बाद, सभी रूपों में बढ़िया रहीं. लेकिन अफसोस दोनों में से कोई भी इस फिल्म को नहीं बचा सका.