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हनुमान जी के ऊपर बैठे राम, ऐसा कब हुआ? आदिपुरुष ट्रेलर से निराश रामायण शो के लक्ष्मण

रामायण के लक्ष्मण सुनील लाहिड़ी ने आदिपुरुष का ट्रेलर देखने के बाद हमसे खास बातचीत की है. सुनील को कुछ सीन्स पर दिक्कत है. आखिर वो कौन से सीन्स हैं, खुद बता रहे हैं.

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सुनील लाहिड़ी, प्रभास
सुनील लाहिड़ी, प्रभास

इस साल की मोस्ट अवेटेड फिल्म 'आदिपुरुष' का ट्रेलर रिलीज हो चुका है. भरपूर वीएफएक्स और थ्रीडी वाले इस ट्रेलर को एक ओर जहां पसंद किया जा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें ट्रेलर कुछ अल्ट्रा मॉर्डन लग रहा है. रामानंद सागर के रामायण में लक्ष्मण के किरदार को अमर करने वाले सुनील लहरी ने ट्रेलर पर रिएक्ट करते हुए हमसे बातचीत की है. 

आजतक डॉट इन से बातचीत के दौरान सुनील कहते हैं, मैं समझता हूं कि ट्रेलर पहले से बेहतर है लेकिन फिर भी मुझे यह लगता है कि यह मॉर्डन बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं. देखिए, हर आदमी का परसेप्शन और नजरिया होता है, वो अपने तरीके से राम की कहानी को दिखा सकते हैं. अभी तो फिल्म देखी नहीं है, तो इसके अप्रोच को लेकर क्लैरिटी नहीं है. मैंने पहले भी कहा है कि रामायण के प्रति जो इमोशन बनी है, उनके साथ ज्यादा छेड़-छाड़ नहीं करनी चाहिए. जाहिर सी बात है अगर ऐसा कुछ करेंगे, तो ऑडियंस के सेंटीमेंट्स को हर्ट कर सकती है. 

 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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मौजूदा माहौल पर सुनील कहते हैं, जो माहौल है, उसका ख्याल रखकर ही इन्हें अपना काम करना चाहिए. आप खिलवाड़ नहीं कर सकते हैं. मुझे कुछ चीजें अच्छी नहीं लगी हैं. हनुमान जी के ऊपर राम जी को बिठाया है. जहां वो उसके ऊपर बैठकर तीर चला रहे हैं. मेरे ख्याल से आजतक मैंने रामायण में देखा या पढ़ा नहीं है. हां, लक्ष्मण ने जरूर उनपर बैठकर तीर चलाया था. वो भी हनुमान के आग्रह करने पर हुआ था. उसके प्रमाण भी हैं, जहां पुराणे स्कल्पचर में बनाया गया है कि हनुमान के कंधे पर राम बैठे हैं, लेकिन उड़ते हुए किसी ने नहीं पाया है. अगर ऐसा कुछ वाकई में होता, तो आखिर में जब राम को इंद्र भगवान का रथ भेजा गया था, वो नहीं भेजा चाहिए था. क्योंकि हनुमान संग उड़कर वो रावण को मार सकते थे न. देखो, उन्होंने वीएफएक्स में टेक्नॉलिजी को माइथो के साथ ब्लेंड करने की कोशिश की है, जिसमें कोई बुराई नहीं है. यह एक्सपेरिमेंट होना चाहिए. हां, बस उसके एसेंस को खराब न करें. 

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सुनील आगे कहते हैं, मैं थोड़ा उनकी कॉस्ट्यूम से भी निराश हुआ हूं. यहां रामायण में वनवास के दौरान पूरे कपड़ों में दिखाया गया है. ऐसा नहीं था. जहां भी रामायण के कपड़ों की बात हुई है, वहां राम केवल एक भगवा रंग के कपड़ों में होते हैं. उन्होंने ट्रेडिशनल लुक के चार्म को खराब कर दिया है. जो नहीं होना चाहिए था. 

 

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