एक्टर अभिषेक बनर्जी ने स्त्री, भेड़िया, आज्जी, स्टोलेन जैसी बेहतरीन फिल्मों से इंडस्ट्री में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. अभिषेक की राह आसान नहीं रही थी. ये मुकाम हासिल करने में एक लंबा वक्त लगा. लेकिन उन्होंने अपनी मां से छोटी-छोटी खुशियों में खुश होना सीखा. वो उन्हें रॉकस्टार बताते हैं. एक्टर ने हाल ही में बताया कि वो सिजोफ्रेनिक हैं, जिसमें इंसान भ्रम का शिकार हो जाता है. बावजूद इसके वो नॉर्मल इंसानों से बेहतर सोच रखती हैं. ऐसे में भी उन्होंने एक्टर की बेहतरीन परवरिश की.
मां ने दी जिंदगी की सबसे बड़ी सीख
वी आर युवा से बातचीत में अभिषेक ने बताया कि उनकी लाइफ के सबसे बेहतरीन सीख मां से मिले हैं. ऐसा क्यों? उन्होंने पहली बार मां की बीमारी का जिक्र करते हुए जाहिर किया.
अभिषेक बनर्जी ने कहा कि- ये मैंने कभी कहीं पर भी नहीं कहा है, लेकिन अब लगता है कि ये सही समय है. मेरी मां सिजोफ्रेनिया की पेशेंट हैं. वो इस बीमारी से लंबे समय से जूझ रही हैं. जब मैं छोटा बच्चा था तबसे वो इस कंडीशन की शिकार हैं. हमारी बड़ी न्यूक्लियर फैमिली थी, मेरी मां, पापा और मैं. सब मुझे कहते थे कि तुम्हें खूब पढ़ना चाहिए, समझना चाहिए, क्योंकि इस तरह की बीमारी से जूझ रहे लोग सही फैसले लेने के काबिल नहीं होते हैं.
''लेकिन मेरा मानना है कि वो सब गलत हैं. मैं उनकी सोच से इत्तेफाक नहीं रखता. क्योंकि जो भी मेरी मां ने मुझे सिखाया है, अपनी समझ की दुनिया में रहते हुए जो सिखाया है, उससे मुझे कहीं बेहतर शिक्षा मिली है. बजाए उसके, जो मुझे उन लोगों से मिली है- जो खुद को परफेक्ट कहते हैं. वो समझ उससे कहीं बेहतर है.''
'रॉकस्टार हैं मां'
इसके बाद अभिषेक ने उदाहरण देते हुए समझाया कि- एक दिन उन्होंने मुझे बुलाया और कहा कि एक गुड न्यूज है. और मैंने नॉर्मली पूछा कि क्या हुआ- पापा का प्रमोशन हुआ, ये हुआ, वो हुआ, क्या हुआ? लेकिन उन्होंने बड़ी सादगी से कहा कि- नहीं वो पौधे में नया फूल खिला है. तो मुझे लगता है कि ये सोच मेरे साथ रह गई. जिस तरह से वो सोचती हैं वो मेरे अंदर भी आई. जो भी उनके पॉलिटिकल व्यूज हैं, स्पोर्ट्स को लेकर जो सोचती हैं, वो मुझे लगता है हम उन सब लोगों से बेहतर है जो खुद को परफेक्ट कहते हैं. तो वो मेरी रॉकस्टार हैं.
अभिषेक आखिरी बार परम सुंदरी फिल्म में नजर आए थे. एक्टर जल्द ही साइड हीरोज, सेक्शन 84, वैम्पायर्स ऑफ विजय नगर जैसी कई फिल्मों में दिखाई देंगे.