कानपुर की सीसामऊ विधानसभा सीट पर 13 नवंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए सपा ने इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को अपना प्रत्याशी बनाया है. उन्होंने अपने प्रचार अभियान के दौरान शिवलिंग पर जलाभिषेक किया. दिवाली की रात वह वनखंडेश्वर मंदिर पहुंचीं. यहां उन्होंने भगवान शिव की पूजा की, दीये जलाए. नसीम सोलंकी के शिव मंदिर में पूजा करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है.
वनखंडेश्वर मंदिर सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र में स्थित है. यहां मुस्लिम आबादी के साथ हिंदुओं की आबादी भी है. किसी भी समुदाय द्वारा एक तरफा वोटिंग से सीट निकालना मुश्किल है. शायद इसी बात को ध्यान में रखते हुए सपा प्रत्याशी शिव मंदिर में पूजा करने पहुंची थीं ताकि हिंदू मतदाताओं में एक अच्छा संदेश जाए. लेकिन अब वह अपनी ही कम्युनिटी के निशाने पर आ गई हैं.
यह भी पढ़ें: यूपी उपचुनाव: मीरापुर सीट पर टिकीं सभी की नजर, किसकी तरफ जाएंगे मुस्लिम वोटर?
मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने फतवा जारी किया, जिसमें उन्होंने नसीम सोलंकी के इस कृत्य को इस्लामी मान्यताओं के विपरीत बताया हैं. शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि सपा प्रत्याशी शिव मंदिर में पूजा करने गईं, इसके लिए उन्हें कलमा पढ़ना चाहिए और सार्वजनिक तौर पर माफी (तौबा) मांगनी चाहिए-
इसके बाद भाजपा विधायक सुरेंद्र मैथानी ने नसीम सोलंकी पर निशाना चाहते हुए कहा कि यह समाजवादी लोग हैं, जिन्होंने कार सेवकों पर गोलियां चलाई थीं. इनका मंदिर जाना और जलाभिषेक करना मात्र ढोंग है. जनता सब जानती है और सीसामऊ में भाजपा ही जीतेगी.
यह भी पढ़ें: बिहार उपचुनाव: जन सुराज के 4 में से 3 उम्मीदवारों का क्रिमिनल रिकॉर्ड, प्रशांत किशोर के दावों पर उठे सवाल
सीसामऊ में क्यों हो रहा उपचुनाव?
यूपी की कटेहरी (अंबेडकरनगर), करहल (मैनपुरी), मीरापुर (मुजफ्फरनगर), गाजियाबाद, मझवां (मिर्जापुर), सीसामऊ (कानपुर नगर), खैर (अलीगढ़), फूलपुर (प्रयागराज) और कुंदरकी (मुरादाबाद) सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं. इनमें से 8 सीटें यहां के विधायकों के सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई थीं, जबकि सीसामऊ सीट पर सपा विधायक इरफान सोलंकी की अयोग्यता के कारण उपचुनाव हो रहा है.
इरफान को एक आपराधिक मामले में दोषी ठहराया गया था. मालूम हो कि परिसीमन के बाद 2012 में सीसामऊ में पहला विधानसभा चुनाव हुआ था. यहां से सपा लगातार जीत रही है. इस सीट पर ढाई लाख से ज्यादा मतदाता हैं, जिसमें से मुस्लिम मतदाता एक लाख के करीब हैं. वहीं, ब्राह्मण और अनुसूचित जाति मतदाताओं की संख्या करीब 50-50 हजार है.