श्री हरगोबिंदपुर विधानसभा, जिला गुरदासपुर में पड़ता है. वहीं लोकसभा होशियारपुर में आता है. इस सीट पर 1951 से ही विधानसभा चुनाव लड़े जा रहे हैं. और अगर मोटे तौर पर नतीजों की बात करें, तो इस सीट पर अबतक कुल 15 बार विधानसभा चुनाव हुए हैं. इनमें से 6 बार इस सीट पर कांग्रेस पार्टी का कब्जा रहा है. 8 बार अकाली दल के कैंडिडेट जीत प्रपात कर चुके हैं जबकि एक बार यहां से CPI के कैंडीडेट भी जीत प्राप्त कर चुके हैं.
2012 में यह हलका SC कैटेगरी के लिये रिजर्व हो गया था. जहां तक वोटिंग पैटर्न का सवाल है, तो यह हलका नारोल पेडू में पड़ता है. श्री हरगोबिंदपुर के अधिकतर क्षेत्र में दलित लोग रहते हैं. ये लोग सिख प्रत्याशी के हक़ में ही अपने मत का इस्तेमाल करते हैं. चाहे वो दलित समाज से हो जा जनरल समाज से.
सामाजिक ताना-बाना
श्री हरगोबिंदपुर सीट का ऐतिहासिक तौर पर काफी महत्व है. क्योंकि यहां सिखों के 6 वें गुरु श्री हरगोबिंद साहिब जी काफी समय रहे थे. उनके नाम पर ही इस हलके का नाम श्री हरगोबिंदपुर रखा गया है. लेकिन दलित सिख बहुलता वाला क्षेत्र होने के कारण, लोग सिख प्रत्याशी को प्राथमिकता देते हैं. सबसे रोचक बात यह है के इस हलके में पड़ने वाले कस्बा घुमान में कबीर पंथी समाज के बाबा नामदेव जी भी काफी समय रहे थे. इस समुदाय के लोगों के लिये यह कस्बा काफी महत्वपूर्ण सथान रखता है. 2017 के आंकड़ों के मुताबिक इस विधानसभा हलके में कुल 1 लाख 70 हज़ार के करीब वोटर थे. जिनमें से 84,292 महिला वोटर, जबकि 85,700 पुरुष मतदाता थे. जबकि 8 मतदाता तीसरे लिंग के थे.
2017 का जनादेश
इस सीट पर 2017 के जनादेश की बात करें तो, 43 सालों बाद इस सीट पर कांग्रेस पार्टी ने कब्जा किया था. कांग्रेस पार्टी के बलविंदर सिंह लाडी को 57489 वोट मिले थे, अकाली दल के मनजीत सिंह मन्ना को 39424 वोट, जबकि आम आदमी पार्टी के कैंडिडेट अमरपाल सिंह को 24,294 हज़ार वोट मिले. इस तरह कांग्रेस कैंडीडेट अकाली दल के कैंडीडेट को हराकर करीब 18 हज़ार 700 वोटों से जीते थे. इस सीट पर वर्ष 2017 में 70 प्रतिशत वोटिंग हुई थी.
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विधायक का रिपोर्ट कार्ड
श्री हरगोबिंदपुर विधानसभा क्षेत्र में सीवरेज की काफी समस्या थी. जिसके लिए 150 करोड़ रुपए लगाकर समस्या का हल किया गया. 100 गांवो में खेड़ स्टेडियम बनाई गई और ब्रिज बनाए जा रहे हैं. यहां की सड़कों के विकास में भी 60 से 70 करोड़ रुपये ख़र्च किए गए हैं. 40 किलोमीटर और सड़के बनाने केलिए सरकार की और से पैसे मंजूर किये जा चुके हैं. रोजगार के लिए कैंप लगाए और करीब हज़ार लोगों को रोजगार दिया गया है. ऐतिहासिक कस्बे घुमान में 30 करोड़ की लागत से सीवरेज डाला जा रहा है. यहां बस स्टैंड बनाया जा रहा है इसके एलावा एक नई ITI कॉलाजे भी बनाई गई है.