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पोलाची लोकसभा सीट: एआईएडीएमके के गढ़ में ये दल दे रहे चुनौती

दूसरे चरण के चुनावों में 13 राज्यों की कुल 97 सीटों को शामिल किया गया है. जिसमें से तमिलनाडु की पोलाची भी एक है. यहां से उम्‍मीदवारों की किस्‍मत का फैसला 18 अप्रैल को होगा और नतीजे 23 मई को आएंगे.

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सांकेतिक तस्‍वीर
सांकेतिक तस्‍वीर

देश में लोकतंत्र के महाकुंभ यानी आम चुनावों की घोषणा की जा चुकी है. चुनाव आयोग ने देश की 543 संसदीय सीटों पर सात चरणों में चुनाव कराए जाने का ऐलान कर दिया है. नई सरकार बनाने के लिए 11 अप्रैल से प्रक्रिया की शुरुआत की जानी है. जिसमें 91 सीटों पर वोट डाले जाएंगे, ये चुनाव का पहला चरण होगा. अंतिम चरण में वोटिंग 19 मई को होगी, जिसके बाद पूरे देश के चुनाव नतीजों का ऐलान 23 मई को किया जाएगा. दूसरे चरण के चुनावों में 13 राज्यों की कुल 97 सीटों को शामिल किया गया है. जिसमें से तमिलनाडु की पोलाची सीट भी एक है.

इस संसदीय सीट से नामांकन रद्द होने और नाम वापस लेने की प्रक्रिया के बाद फाइनल नामों को चुनाव आयोग से हरी झंडी मिल चुकी है, जिनमें मुख्य दलों में ये नाम हैं-

गणेश मूर्त‍ि ए(बहुजन समाज पार्टी),

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महेंद्रन सी(ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम)

के शनमुगासुंदरम (द्रविड़ मुनेत्र कड़गम)

मूकाबिका(मक्कल निधि मय्यम),

सनूजा यू(नाम तमिलर काची).

साथ ही निर्दलीय उम्मीदवारों में के रामासामी, बालाजी जी, अंसारी एस, मुथुकुमार सी, शन मुगासुदंरम वी, मानिकावेल सी, राजेंधिरन गोपाल और मुथुकुमार एस शामिल हैं.

पोलाची लोकसभा सीट पर 2014 का जनादेश

2014 के लोकसभा चुनाव में एआईएडीएमके के सी. महेंद्रन ने जीत दर्ज की थी. उन्हें 417,092 वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर केएमडीके के ई.आर. ईश्वरन थे. उन्हें 276,118 मत मिले थे. ईश्वरन बीजेपी समर्थित प्रत्याशी थे. डीएमके के प्रत्याशी पी. पलानीसामी को 251,829 को वोट से संतोष करना पड़ा था.

पोलाची लोकसभा सीट एआईएडीएमके का गढ़ मानी जाती है. 2009 और 2014 के आम चुनावों में यहां इसी पार्टी ने जीत के झंडे गाड़े थे. पोलाची की खास बात यह है कि यह शहरी सीट है. यहां 61 फीसदी से ज्यादा लोग शहर में रहते हैं. यहां करीब 13 लाख से ज्यादा मतदाता हैं. इसमें 49.72 फीसदी पुरुष और 50.27 फीसदी महिलाएं हैं.

पोलाची सीट पर एआईएडीएमके के वर्चस्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लोकसभा चुनाव के इतिहास में सात बार एआईएडीएमके ने यहां जीत दर्ज की है. 1951 से अब तक किसी पार्टी को इतनी बार यहां जीत नहीं मिली.

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गौरतलब है कि चुनाव के पहले चरण में 18 मार्च को नोटिफिकेशन जारी किए जाने के बाद 25 मार्च को नामां‍कन की आखिरी तारीख थी. दूसरे दिन स्‍क्रूटनी के बाद तय नामों पर 11 अप्रैल को संसदीय क्षेत्र के मतदाता अपने पसंदीदा प्रत्‍याशी के नाम पर मुहर लगाएंगे.

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