बिहार में इसी साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं. इन चुनावों में एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), जनता दल (यूनाइटेड), राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस जैसी पुरानी पार्टियां मैदान में होंगी. वहीं, दूसरी तरफ चुनाव रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर की जन सुराज समेत कई नई पार्टियां भी चुनाव मैदान में दिग्गज दलों से दो-दो हाथ करती नजर आएंगी. ऐसे दलों की लिस्ट में पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह की पार्टी 'आप सबकी आवाज' से लेकर शिवदीप वमनराव लांडे की हिंद सेना के भी नाम शामिल हैं. ये नई पार्टियां कौन सी हैं और इनका चुनावी प्लान क्या है?
आप सबकी आवाज
जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह की पार्टी 'आप सबकी आवाज' इस बार चुनावी समर में उतरने की तैयारी में है. ये पार्टी बिहार की 243 में से कितनी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी, इसे लेकर अभी कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है. आरसीपी सिंह कभी नीतीश कुमार के सबसे करीबी और भरोसेमंद नेताओं में गिने जाते थे. वह जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे लेकिन समय का चक्र ऐसा घुमा कि 2022 में नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया.
नीतीश कुमार ने तब आरसीपी सिंह पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के साथ मिलकर जेडीयू को तोड़ने की कोशिश कर रहे थे. आरसीपी को जेडीयू से निकाले जाने के पीछे यही तर्क दिया गया था. जेडीयू से निकाले जाने के बाद आरसीपी सिंह कुछ समय तक हाशिए पर रहे. कुछ महीने बाद वह बीजेपी में शामिल हो गए थे लेकिन वहां भी उन्हें खास तरजीह नहीं मिली. आरसीपी सिंह ने पिछले साल बीजेपी का साथ भी छोड़ दिया और 'आप सबकी आवाज' (ASA) नाम से अपनी पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया था. आरसीपी की पार्टी ने एनडीए या महागठबंधन में से किसी गठबंधन का हिस्सा बनने को लेकर कुछ नहीं कहा है.
हिंद सेना
भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी और बिहार में सिंघम के नाम से चर्चित शिवदीप वमनराव लांडे ने भी हाल ही में हिंद सेना नाम से पार्टी बनाई है. लांडे ने यह ऐलान भी कर दिया है कि हिंद सेना विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी और वह खुद भी मैदान में उतरेंगे. शिवदीप लांडे 2006 बैच के आईपीएस अधिकारी थे और पिछले साल सितंबर में उन्होंने आईजी के पद पर रहते हुए पुलिस सेवा से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद से ही अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह जल्द ही बिहार की राजनीति में सक्रिय हो सकते हैं.कुछ दिन पहले ही उन्होंने अपनी राजनीतिक पार्टी का ऐलान कर दिया था. वह मूल रूप से महाराष्ट्र के रहने वाले हैं.
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इंडियन इंकलाब पार्टी
बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार इंडियन इंकलाब पार्टी भी मैदान में उतरेगी. अखिल भारतीय पान महासंघ के प्रमुख इंजीनियर आईपी गुप्ता ने कुछ ही दिन पहले पटना के गांधी मैदान में आयोजित रैली में इंडियन इंकलाब पार्टी के गठन का ऐलान किया था. आईपी गुप्ता को तांती ततवा समाज का समर्थन प्राप्त है. आईपी गुप्ता ने अपने समाज के लिए आरक्षण की मांग भी की है. आईपी गुप्ता ने आगामी विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार उतारने या नहीं उतारने को लेकर अभी कोई ऐलान नहीं किया है.
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इन दलों का भी पहला विधानसभा चुनाव
इन पार्टियों के अलावा भी कुछ नए दल पहली बार विधानसभा चुनाव के मैदान में नजर आएंगे. ऐसी पार्टियों की लिस्ट में चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी, उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा के नाम भी शामिल हैं. चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा केंद्र की एनडीए सरकार में मंत्री हैं और दोनों की पार्टियां एनडीए में शामिल हैं. पशुपति पारस की पार्टी भी एनडीए में थी लेकिन एक दिन पहले ही उन्होंने इस गठबंधन से एग्जिट करने का ऐलान कर दिया था. पशुपति पारस की पार्टी के लिए ये पहला चुनाव होगा. वहीं, चिराग और कुशवाहा की पार्टियां पिछले साल लोकसभा चुनाव अपने सिंबल पर लड़ चुकी हैं.