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पूर्व सांसद अरुण कुमार की बेटे ऋतुराज संग JDU में वापसी, मगध क्षेत्र में NDA को​ मिलेगी मजबूती!

अरुण कुमार अपने विवादित बयानों के लिए भी जाने जाते हैं. बिहार के मुख्यमंत्री पर उनकी एक टिप्पणी की सूबे की सियासत में अक्सर चर्चा होती है, जब उन्होंने नीतीश कुमार की 'छाती तोड़ने' की बात कही थी.

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 जहानाबाद के पूर्व सांसद अरुण कुमार और उनके बेटे ऋतुराज जेडीयू में शामिल. (Photo: X/@ArunKumar)
जहानाबाद के पूर्व सांसद अरुण कुमार और उनके बेटे ऋतुराज जेडीयू में शामिल. (Photo: X/@ArunKumar)

जहानाबाद के पूर्व सांसद ​अरुण कुमार और उनके बेटे ऋतुराज ने शनिवार को जनता दल यूनाइटेड (JDU) जॉइन कर ली. दरअसल, अरुण कुमार की यह पार्टी में तीसरी बार घर वापसी हुई है. जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा और मुंगेर से लोकसभा सांसद ललन सिंह ने पिता-पुत्र को पार्टी की सदस्यता दिलाई. यह तेजस्वी यादव के भूमिहार नेताओं को आरजेडी में लुभाने के प्रयासों के जवाब में, जेडीयू की भूमिहार वोट बैंक को मजबूत करने की रणनीति मानी जा रही है.

अरुण कुमार 1999 और 2014 में जहानाबाद से लोकसभा सदस्य रह चुके हैं. वह जेडीयू के ही संस्थापक सदस्य हैं. साल 2020 में नीतीश कुमार और कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ मनमुटाव के बाद उन्होंने जदयू छोड़ दी थी और अपनी अलग भारतीय सबलोग पार्टी (BSLP) बना ली थी. जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने कहा, 'हमारे पुराने सहयोगी अरुण कुमार और उनके बेटे हमारे साथ आ चुके हैं. उनके आने से जहानाबाद ही नहीं पूरे मगध क्षेत्र में जनता दल यूनाइटेड को मजबूती मिलेगी.'

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ललन सिंह ने कहा, 'अरुण कुमार की वापसी जेडीयू के लिए खुशी की बात है. वह हमारे नेता नीतीश कुमार के पुराने सहयोगी हैं और बिहार की राजनीति में उनका अनुभव पार्टी को मजबूती देगा.' अरुण कुमार के बेटे ऋतुराज कुमार को आगामी विधानसभा चुनाव में जेडीयू से टिकट मिलने की चर्चाएं चल रही हैं. पार्टी सूत्रों के अनुसार, वह जहानाबाद या आसपास के किसी सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. अरुण कुमार ने जेडीयू की सदस्यता लेने के बाद कहा, 'नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार का विकास हुआ है. मेरी पार्टी में वापसी विकास और सामाजिक न्याय की राजनीति को मजबूत करने के लिए है. आरजेडी के जातिवादी एजेंडे का मुकाबला हम एनडीए के साथ मिलकर करेंगे.'

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दरअसल, इससे पहले भी अरुण कुमार और ऋतुराज की सदस्यता को लेकर तारीख तय हुई थी, लेकिन जेडीयू के कुछ दिग्गज नेताओं की आपत्तियों के कारण उस समय कार्यक्रम टाल दिया गया था. पार्टी इस बार किसी विरोध की संभावना को दरकिनार करते हुए उन्हें साथ लाया. अरुण कुमार की जेडीयू में वापसी सिर्फ औपचारिकता मात्र नहीं है, बल्कि इसके पीछे राजनीतिक संतुलन साधने की कोशिश है. जगदीश शर्मा के बेटे राहुल शर्मा ने कल पटना में तेजस्वी यादव की मौजूदगी में राष्ट्रीय जनता दल का दामन थाम लिया था.

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राहुल शर्मा को आरजेडी में शामिल करके म​हागठबंधन ने जहानाबाद में अपनी पैठ मजबूत करने की कोशिश की है. इसे देखते हुए जेडीयू अब अरुण कुमार को सामने रखकर इस राजनीतिक चाल का तोड़ तैयार कर रही है. राहुल शर्मा के आरजेडी में जाने से जेडीयू समझ गई है कि जहानाबाद की जातीय राजनीति में असंतुलन की स्थिति बन सकती है. पिछले लोकसभा चुनाव में अरुण कुमार ने बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर जहानाबाद से चुनाव लड़ा था. बिहार विधानसभा चुनाव 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में होंगे, जबकि नतीजे 14 नवंबर को आएंगे. 

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