लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने सीट शेयरिंग और कांग्रेस वर्किंग कमिटी (CWC) की पटना बैठक को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने साफ कहा कि वह सम्मानजनक सीट से कभी समझौता नहीं करेंगे.
चिराग पासवान ने कहा कि उन्हें अच्छा लगा कि कांग्रेस वर्किंग कमिटी को पटना की याद आई, लेकिन यह दबाव की राजनीति का हिस्सा है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष खुद कहते हैं कि 243 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. दबाव के कारण ही राहुल गांधी को इतनी लंबी यात्रा करनी पड़ रही है. लेकिन अब तक कांग्रेस मुख्यमंत्री के नाम पर भी कोई स्पष्टता नहीं दे पाई है.
लोजपा (रामविलास) प्रमुख ने कांग्रेस और राजद पर हमला बोलते हुए कहा कि पूरी कांग्रेस पटना में CWC बैठक कर रही है, इतने बड़े नेताओं की मौजूदगी का मकसद सिर्फ दबाव बनाना है. यह असल में गठबंधन के भीतर वर्चस्व की लड़ाई है कि कौन किस पर हावी होगा.
'कांग्रेस में इतनी हिम्मत नहीं कि बिहार में अकेले चुनाव लड़ सके'
उन्होंने कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि पिछली बार हार का ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ा गया था. अब कांग्रेस उसी का जवाब देने की कोशिश कर रही है, लेकिन सच यह है कि देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस में इतनी हिम्मत नहीं है कि बिहार में अकेले चुनाव लड़ सके. उनके पास खोने के लिए कुछ नहीं है, लेकिन ताकत भी नहीं है कि बिना राजद के मैदान में उतर पाएं.
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बिना गठबंधन के नहीं जीत पाएंगे कांग्रेस और राजद
चिराग पासवान ने अपने राजनीतिक सफर का जिक्र करते हुए कहा कि उनके खिलाफ सवाल उठते हैं, लेकिन उन्होंने हिम्मत दिखाई और 2020 का विधानसभा चुनाव अकेले लड़ा था. जबकि कांग्रेस और राजद में इतनी क्षमता नहीं है कि वे बिना गठबंधन के मैदान में उतरकर जीत हासिल कर सकें.
पासवान ने स्पष्ट कर दिया कि उनकी पार्टी किसी भी हाल में सम्मानजनक सीटों से पीछे हटने वाली नहीं है. उनके इस बयान को बिहार की आगामी राजनीति और चुनावी समीकरणों से जोड़कर देखा जा रहा है. फिलहाल, कांग्रेस-राजद गठबंधन की अंदरूनी खींचतान और चिराग के तेवर ने बिहार की राजनीति को और गरमा दिया है.