बिहार में उम्मीदवारों के ऐलान से पहले ही नेताओं के दल बदलने का सिलसिला तेज हो गया है. भाजपा विधायक मिश्री लाल यादव ने शनिवार को पार्टी से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी. उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी में दलितों और पिछड़े वर्गों की उपेक्षा की जा रही है और उन्हें उनका उचित हक नहीं मिल रहा है.
मैथिली ठाकुर की वजह से छोड़ी पार्टी ?
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक दरभंगा जिले की अलीनगर विधानसभा सीट से विधायक मिश्री लाल यादव ने पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वो जल्द ही अपना इस्तीफा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलिप जायसवाल को सौंपेंगे. उन्होंने कहा, 'मैंने अलीनगर से एनडीए के लिए पहली बार जीत दर्ज कराई थी, जबकि इससे पहले धन और बाहुबल वाले कई उम्मीदवार असफल रहे.'
सूत्रों के मुताबिक, यादव लंबे समय से नाराज़ चल रहे थे. बताया जा रहा है कि पार्टी इस बार अलीनगर सीट से लोक गायिका मैथिली ठाकुर को टिकट देने पर विचार कर रही थी, जिससे मिश्री लाल यादव असंतुष्ट थे.
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वीआईपी छोड़ बीजेपी में आए थे मिश्री लाल यादव
मिश्री लाल यादव ने 2020 का विधानसभा चुनाव विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के टिकट पर जीता था. यह पार्टी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की एनडीए सहयोगी थी, लेकिन 2022 में भाजपा के दबाव में इसके संस्थापक मुकेश सहनी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया, जिसके बाद पार्टी गठबंधन से बाहर हो गई.
जल्द आरजेडी ज्वाइन करेंगे मिश्री लाल
इसके तुरंत बाद, वीआईपी के चारों विधायक, जिनमें मिश्री लाल यादव भी शामिल थे, भाजपा में शामिल हो गए. यादव ने हालांकि अपने आगे के राजनीतिक कदमों का खुलासा नहीं किया, लेकिन सूत्रों का कहना है कि वो आरजेडी के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन के संपर्क में हैं.
भाजपा की ओर से अब तक यादव के इस्तीफे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन राजनीतिक हलकों में यह चर्चा जोरों पर है कि यादव आगामी चुनावों में विपक्षी खेमे से मैदान में उतर सकते हैं.