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'बिना नोटिस और सुनवाई के किसी भी वोटर का नाम नहीं हटाया जाएगा', 'SIR' पर सुप्रीम कोर्ट में EC का हलफनामा

बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. आयोग ने कहा कि बिना नोटिस और सुनवाई के किसी पात्र मतदाता का नाम नहीं हटाया जाएगा. SIR का पहला चरण पूरा हो चुका है और प्रारूप सूची प्रकाशित हो गई है. दावे-आपत्तियों की अंतिम तिथि 1 सितंबर 2025 है.

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SIR को लेकर सुप्रीम कोर्ट में EC ने हलफनामा दायर की है. (Photo: ITG)
SIR को लेकर सुप्रीम कोर्ट में EC ने हलफनामा दायर की है. (Photo: ITG)

बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) मामले में निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. आयोग ने अपने जवाब में कहा कि बिहार में किसी भी पात्र मतदाता का नाम बिना पूर्व सूचना, सुनवाई का अवसर दिए और तर्कपूर्ण आदेश के मतदाता सूची से नहीं हटाया जाएगा. सभी योग्य मतदाताओं का नाम फाइनल मतदाता सूची में शामिल कराने के लिए सभी संभव कदम उठाए जा रहे हैं.

राज्य में चल रहे SIR के दौरान गलत तरीके से नाम हटाए जाने की कोशिशों को रोकने के लिए "सख्त निर्देश" जारी किए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने आरोप लगाया कि 65 लाख मतदाताओं को गलत तरीके से सूची से बाहर किया गया है और पारदर्शिता के मुताबिक उनकी सूची प्रकाशित नहीं की गई. सुप्रीम कोर्ट ने 6 अगस्त को निर्वाचन आयोग को हलफनामा दाखिल कर स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया था. इस मामले में 13 अगस्त को सुनवाई होगी.

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आयोग ने अपने अतिरिक्त हलफनामे में कहा कि SIR का पहला चरण पूरा हो चुका है और 1 अगस्त 2025 को प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशित कर दी गई है. यह चरण बूथ स्तर अधिकारियों (BLOs) द्वारा घर-घर जाकर मतदाताओं के नाम और फॉर्म जुटाने के बाद पूरा हुआ. 7.89 करोड़ मतदाताओं में से 7.24 करोड़ लोगों ने अपने नाम की पुष्टि करते हुए दस्तावेज जमा किए हैं.

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मतदाताओं की पुष्टि के लिए कैसे किया गया काम?

इसके लिए 38 जिला निर्वाचन पदाधिकारी, 243 निर्वाचन पंजीकरण पदाधिकारी, 77,895 BLO, 2.45 लाख स्वयंसेवक और 1.60 लाख बूथ स्तर एजेंट सक्रिय रहे. राजनीतिक दलों को समय-समय पर छूटे हुए मतदाताओं की सूची दी गई. प्रवासी मजदूरों के लिए 246 अखबारों में हिंदी विज्ञापन, ऑनलाइन-ऑफलाइन फॉर्म सुविधा, शहरी निकायों में विशेष कैंप, युवाओं के लिए अग्रिम पंजीकरण और वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों की मदद के लिए 2.5 लाख स्वयंसेवक तैनात किए गए.

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प्रक्रिया पर रोजाना जारी किया जा रहा प्रेस रिलीज- चुनाव आयोग

किसी भी नाम को हटाने से पहले नोटिस, सुनवाई और सक्षम अधिकारी का कारणयुक्त आदेश अनिवार्य है. 1 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक दावे और आपत्तियां दर्ज की जा सकती हैं. सभी दावों का निस्तारण सात कार्यदिवस में किया जाएगा. अपील ERO और फिर मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास होगी. आयोग ने कहा कि प्रक्रिया पर रोजाना प्रेस रिलीज से जनता को जानकारी दी जा रही है.

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