बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और आरजेडी विधायक तेजस्वी यादव ने राज्य की स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) ड्राफ्ट वोटर लिस्ट को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं. रविवार को उन्होंने प्रेस वार्ता में दावा किया कि बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा का नाम दो अलग-अलग जगहों पर ड्राफ्ट मतदाता सूची में दर्ज है और उनके पास दो अलग-अलग ईपिक (EPIC) कार्ड भी हैं. हालांकि, सिन्हा ने सफाई में कहा कि उन्होंने 5 अगस्त को पटना से नाम हटवाने के लिए BLO को आवेदन दिया है.
तेजस्वी ने विजय कुमार सिन्हा के दोनों वोटर आईडी कार्ड का डिटेल मीडिया को दिखाया. दोनों ईपिक का डिटेल ऑनलाइन चेक करके भी दिखाया. तेजस्वी ने कहा कि ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में विजय कुमार सिन्हा का नाम पटना और लखीसराय, दोनों जगहों पर शामिल है. यही नहीं, दोनों वोटर आईडी कार्ड पर अलग-अलग ईपिक नंबर और उम्र दर्ज है.
'चुनाव आयोग ने एक महीने का वक्त दिया'
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विजय सिन्हा ने मीडिया के सामने एक दस्तावेज पेश किया, जिसमें 30 अप्रैल 2024 को पटना से नाम हटवाने के लिए ऑनलाइन अप्लाई किया गया था. सिन्हा का कहना था कि ये संशोधन का समय है. आयोग ने एक महीने का वक्त दिया है. तेजस्वी यादव संवैधानिक संस्थाओं पर सवाल उठाने वाले लोग हैं. इनको लोकतंत्र पर भरोसा नहीं है. उम्र के अंतर पर विजय कुमार सिन्हा का कहना था कि इसको संशोधित करने के लिए मैंने दिया था. मेरी उम्र सर्टिफिकेट के अनुसार है.
दरअसल, राज्य में मतदाता सूची की शुद्धता पर सवाल खड़े हो रहे हैं. इस बीच, अब डिप्टी सीएम का नाम भी दो अलग-अलग जगहों पर होने के दावे से SIR प्रक्रिया की पारदर्शिता पर चर्चा तेज हो गई है.
गौरतलब है कि तेजस्वी यादव खुद भी दो ईपिक कार्ड रखने के आरोपों को लेकर पहले से विवादों में घिरे हुए हैं. ऐसे में इस नए आरोप ने बिहार की सियासत में गरमी बढ़ा दी है.