केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर बुधवार को बिहार बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक हुई. इसमें बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े और विजय सिन्हा समेत कई बीजेपी नेता शामिल हुए. यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण थी क्योंकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने अभी तक बिहार चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे के फॉर्मूले को अंतिम रूप नहीं दिया है.
बिहार में एनडीए में भाजपा, नीतीश कुमार की जनता दल-यूनाइटेड (जेडी-यू), चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) शामिल हैं.
बैठक के बाद बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने बड़ा बयान दिया. उन्होंने बताया कि एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन विधानसभा स्तर पर आयोजित किए जाएंगे, जो 25 सितंबर तक लगातार चलते रहेंगे. दिलीप जायसवाल ने कहा कि चुनावी तैयारियों को लेकर पार्टी ने रणनीति तय कर ली है. इसके तहत चुनाव अभियान समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें सभी बड़े नेता शामिल रहेंगे.
उन्होंने बताया कि यह समिति बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के प्रचार अभियान को आगे बढ़ाएगी. साथ ही, चुनाव समिति का भी गठन होगा जो उम्मीदवारों के नाम पर मंथन करेगी. उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया में जिला स्तर के नेतृत्व के साथ विधानसभा स्तर पर गहन चर्चा होगी.
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उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आज की बैठक में सीट शेयरिंग को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई. जायसवाल ने कहा कि “फिलहाल हमारा फोकस कार्यकर्ताओं को संगठित करने और चुनावी अभियान की नींव मजबूत करने पर है. सीट बंटवारे पर बात आगे की बैठकों में होगी.”
माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में एनडीए (भाजपा, जदयू और सहयोगी दल) मिलकर बिहार में चुनावी रणनीति को अंतिम रूप देंगे. बीजेपी का मकसद विधानसभा स्तर पर कार्यकर्ताओं की सक्रिय भागीदारी से जमीनी स्तर पर मजबूत नेटवर्क तैयार करना है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि इन सम्मेलनों के जरिए कार्यकर्ताओं को बूथ स्तर तक सक्रिय किया जाएगा, ताकि विपक्षी गठबंधन के मुकाबले एनडीए मजबूत स्थिति में नजर आए.