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'हैदराबाद पर ध्यान दें, सीमांचल में भ्रम न फैलाएं...', असदुद्दीन ओवैसी को प्रशांत किशोर की सलाह

जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने किशनगंज में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को नसीहत दी कि वे हैदराबाद पर ध्यान दें और सीमांचल में “भ्रम फैलाने” से बचें. उन्होंने कहा कि मुसलमान अब स्थानीय नेतृत्व के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं.

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प्रशांत किशोर इन दिनों सीमांचल में हैं. (Photo-X)
प्रशांत किशोर इन दिनों सीमांचल में हैं. (Photo-X)

जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने किशनगंज, बिहार में असदुद्दीन ओवैसी को सार्वजनिक मंच से स्पष्ट सलाह देते हुए कहा, "ओवैसी साहब मेरे मित्र हैं, लेकिन मेरी बिना मांगी सलाह है कि वे हैदराबाद संभालें और अपना किला बचाएं. सीमांचल में आकर अनावश्यक भ्रम न फैलाएं. अगर उन्होंने हैदराबाद में मुसलमानों के हित में बेहतर काम किया होता, तो अच्छा होता."

प्रशांत किशोर ने कहा, "बंगाल चुनाव के वक्त भी, जब ISF और ओवैसी साहब ने वहां उपस्थिति दर्ज कराई थी, तो मुसलमानों ने साफ कहा कि वे TMC पर भरोसा करते हैं, नतीजतन वे कुछ नहीं कर पाए. इस बार सीमांचल के मुसलमान 2020 जैसी गलती नहीं दोहराएंगे."

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प्रशांत किशोर ने साफ कर दिया कि ओवैसी साहब का सम्मान है और वे पढ़े-लिखे नेता हैं, लेकिन उन्हें हैदराबाद तक सीमित रहना चाहिए. सीमांचल की सियासत सीमांचल के बेटों को ही करनी चाहिए, बाहर से ‘लीडरशिप’ स्थापित करने की कोई जरूरत नहीं है.

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मुसलमान सामाजिक-आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे 

प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि सीमांचल प्रादेशिक पहचान के साथ-साथ मुसलमानों की सामाजिक-आर्थिक समस्याओं से जूझ रहा है और यहां के लोग स्थानीय नेतृत्व के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं.​

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असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने 2020 के विधानसभा चुनाव में सीमांचल की 5 सीटें जीती थीं, लेकिन हाल के वर्षों में TMC और RJD जैसी क्षेत्रीय दलों के आगे उसकी ज़मीन कमजोर हुई है.

सीमांचल में बहुकोणीय मुकाबला!

प्रशांत किशोर का यह बयान सीमांचल के मतदाताओं में स्थानीय नेतृत्व को बढ़ावा देने की रणनीति माना जा रहा है. सीमांचल में सियासी समीकरण तेजी से बदल रहे हैं, और इस बार बहुकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है, जिसमें महागठबंधन, जदयू-बीजेपी, जन सुराज और AIMIM सभी अपनी दावेदारी मजबूत करना चाह रहे हैं.​

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