बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच मोकामा क्षेत्र में जनसुराज समर्थक दुलारचंद यादव हत्या मामले में बिहार पुलिस ने पूर्व विधायक अनंत सिंह समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. इसी बीच मृतक के पोते ने घोषणा करते हुए कहा कि वह पांचों आरोपियों की गिरफ्तारी और फांसी की सजा न मिलने तक ब्रह्मभोज की रस्म नहीं करेंगे.
मृतक दुलारचंद यादव के पोते ने समाचार एजेंसी से बातचीत करते हुए आरोप लगाया कि उनके दादाजी की हत्या उनके विरोधियों ने प्रशासन की मदद से की. उन्होंने कहा, 'हमारी मांग है कि मेरे दादाजी की हत्या में शामिल सभी पांच लोगों को गिरफ्तार किया जाए.'
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि जब तक सभी पांचों आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता और उन्हें मौत की सजा नहीं दी जाती, तब तक वह 'ब्रह्मभोज' संस्कार की रस्म नहीं करेंगे.
अनंत सिंह समेत तीन गिरफ्तार
वहीं, दुलारचंद हत्याकांड मामले में पटना पुलिस ने आरोपी अनंत सिंह और उनके करीबी सहयोगी मणिकांत ठाकुर, रंजीत राम को शनिवार-रविवार की दरमियानी रात को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद उन्हें पटना एसएसपी ऑफिस के DIU सेल में रखा गया है.
मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश होंगे आरोपी
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) पटना कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि मृतक के पोते की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई प्राथमिकी में स्थानीय दबंग अनंत सिंह को चार अन्य लोगों के साथ आरोपी बनाया गया है. इस मामले में अनंत सिंह समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. तीनों को रविवार को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा.
दरअसल, दुलार चंद यादव (जो जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी प्रियदर्शी पीयूष का समर्थन कर रहे थे) का अनंत सिंह से करीब दो दशक पुराना व्यक्तिगत वैमनस्य रहा है. दुलारचंद 1990 के दशक के कुख्यात अपराधी रहे, जिनके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. घटना के बाद मोकामा में दो जातियों के बीच तनाव फैल गया, जिसमें फायरिंग और वाहनों को तोड़ने की घटनाएं हुईं. वहीं, घटना के बाद निर्वाचन आयोग ने पटना ग्रामीण एसपी विक्रम सिहाग का तबादला किया और तीन अन्य अधिकारियों- बारह एसडीएम, बारह-1 एसडीपीओ और बारह-2 एसडीपीओ- के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए है.
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