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कानून की पढ़ाई में अब उम्र बाधा नहीं

उत्तर प्रदेश में कानून की पढ़ाई करने के लिए अब उम्र-सीमा का बंधन नहीं रहेगा. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने राज्य उच्च शिक्षा विभाग को पत्र भेजकर लॉ की पढ़ाई में उम्र बंधन हटाने को कहा है.

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उत्तर प्रदेश में कानून की पढ़ाई करने के लिए अब उम्र सीमा का बंधन नहीं रहेगा. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने राज्य उच्च शिक्षा विभाग को पत्र भेजकर लॉ की पढ़ाई में उम्र बंधन हटाने को कहा है.

उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी 2008-09 में भी कानून की पढ़ाई के लिए उम्र सीमा का कोई बंधन नहीं था, लेकिन बार काउंसिल ऑफ इंडिया के फरमान के बाद लॉ कॉलेजों में LL.B व BA.LL.B में प्रवेश लेने वालों की उम्र सीमा तय कर दी गई थी. इसके तहत वर्तमान में 12वीं की पढ़ाई करने के बाद लॉ में प्रवेश की अधिकतम उम्र सीमा सामान्य छात्रों के लिए 20 साल SC/ST व OBC के लिए 22 साल, जबकि एलएलबी के तीन वर्षीय कोर्स के लिए 28 साल कर दी गई थी.

आपको बता दें कि इस बाबत देशभर से करीब 65 याचिकाएं दायर की गई थीं. याचिकाओं की सुनवाई करते हुए 2009 में इलाहाबाद और आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने नए नियम पर स्थगन आदेश दे दिया था. हाईकोर्ट का मानना था कि किसी व्यक्ति को पढ़ाई करने के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता. अदालत ने स्वीकार किया कि 2008 का नियम असंवैधानिक तथा नैसर्गिक सिद्धांत के खिलाफ है.

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रविकांत शुक्ल विश्वविद्याल के कुलसचिव केके चंद्राकर ने कहा, 'भले ही लॉ के लिए उम्र बंधन हटाने के निर्देश जारी हो चुके हैं, लेकिन जब तक राज्य सरकार की ओर से निर्णय नहीं आ जाता, तब तक हम कुछ नहीं कह सकते. निर्देश जल्द मिल गया तो इसी सत्र से लॉ में किसी भी उम्र के छात्र को दाखिला मिलने लगेगा'.

वहीं, उच्च शिक्षा विभाग के सचिव बी एल अग्रवाल ने कहा, 'बार काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से उम्र बंधन हटाने के लिए पत्र मिल चुका है. पत्र का परीक्षण किया जा रहा है. इसके बाद जल्द ही निर्णय ले लेंगे'.

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