हमने और आपने अक्सर कई लोगों से ये सलाह जरूर सुनी होगी कि हम सब को डायरी लिखनी चाहिए. ये सलाह सुनकर उसपर सिर हिला देने के बाद हम खुद को ऐसा सोचते पाते हैं कि डायरी लिखना 'ओल्ड फैशन' है. लेकिन आपको बता दें, आज के वक्त में डायरी लिखना आपके सबसे ज्यादा काम आ सकता है. कई चीजें हम लोगों से बता नहीं पाते, इतने व्यस्त जीवन में हम कई बार दिमाग में चल रही चीजों को सही से रख भी नहीं पाते. ऐसे में डायरी लिखने से आपकी मेंटल हेल्थ सही रहती है. आज हम आपको बताएंगे कि डायरी लिखने के क्या फायदे होते हैं और आप कैसे डायरी लिख सकते हैं.
डायरी लिखना क्यों जरूरी?
कई शोधकर्ताओं का मानना है कि डायरी लिखने से व्यक्ति का स्ट्रेस कम होता है. साथ ही, इससे एंग्जाइटी भी काफी हद तक कंट्रोल में रहती है. इसलिए कहा जाता है कि डायरी लिखना आपकी मेंटल हेल्थ के लिए सबसे अच्छा उपाय है.
डायरी लिखते वक्त इन बातों को रखें ध्यान
जब आप डायरी लिखने का प्लान कर रहे हैं तो बस इतना ध्यान रखें कि लिखते वक्त आप अपने किसी भी भाव (Emotions) को रोकें नहीं. डायरी लिखते हुए आपको खुद के साथ सच बोलना है. आप जैसा फील कर रहे हैं, उसे वैसे ही लिखें. आप इस डायरी में अपने दिन के बारे में लिख सकते हैं. आप लिख सकते हैं कि आज आपका दिन कैसे प्रोडक्टिव रहा. अगर आप एंग्जाइटी से गुजर रहे हैं तो अपनी डायरी में लिखें कि ऐसी कौन सी बाते हैं जो आपकी एंग्जाइटी को ट्रिगर करती हैं.
ये हैं डायरी लिखने के फायदे
आप अपने आप को बेहतर तरीके से समझ पाते हैं: जब आप रोजाना डायरी लिखने लगेंगे तो पाएंगे कि आप खुद के बारे में और बेहतर जान पा रहे हैं. हम अक्सर अपनी पर्सनैलिटी को दूसरों के बताए हुए तरीकों से जज करते हैं. लेकिन डायरी लिखते वक्त आप अपने विचारों और शब्दों के आधार पर खुद के बारे में सोच रहे होते हैं. डायरी लिखना आपको उस सुरक्षित स्थान पर ले जाता है जहां आपको कोई जज नहीं करता और आप अपने साथ बिल्कुल सच्चे रह पाते हैं.
वर्तमान में रहने में मदद मिलती है: आपने ये तो कई बार सुना होगा कि हमें आज में जीना चाहिए. लेकिन लाख कोशिशों के बाद भी हमारा दिमाग या तो हमें भूतकाल में ले जाता है या हम खुद को भविष्य की चिंता से घिरा पाते हैं. लेकिन जब आप डायरी लिखते हैं तो आप भूत या भविष्य में नहीं बल्कि वर्तमान में होते हैं. डायरी लिखने से आपका फोकस आज के दिन पर होता है. इसलिए भी डायरी लिखना जरूरी है.
पॉजिटिव रहने में मिलती है मदद: जब हम किसी बुरी स्थिति में होते हैं तो सबसे पहले हमारा दिमाग निगेटिव विचारों की तरफ भागता है. लेकिन डायरी लिखने की आदत आपको पॉजिटिव रहने में मदद कर सकती है. अगर डायरी लिखते वक्त भी आपके दिमाग में निगेटिव विचार आ रहे हों तो आप उन्हें लिखिए. लेकिन खुद को ये भी बताइए कि ये विचार आपके जीवन को कंट्रोल नहीं करते. जो निगेटिव विचार आप लिख रहे हैं, उन्हें कुछ पॉजिटिव शब्दों से बदलकर भी लिखें. ऐसा करने से आप धीरे-धीरे सकारात्मकता की ओर बढ़ेंगे.
दिमाग को शांत रखता है: सबसे अच्छा फायदा जो आपको डायरी लिखने से मिलता है, वो है कि इससे आपका दिमाग तरह-तरह के विचारों से मुक्त रहता है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि जब आप अपने विचारों को डायरी में लिख देते हैं, वो विचार आपके दिमाग से निकल जाते हैं. अगर आप दूसरों से बातें कह नहीं पाते तो दिमाग को शांत रखने के लिए डायरी लिखना आपके लिए सबसे अच्छा रास्ता है.