आज तक ने प्राइमरी स्कूल महीपतमऊ में दो वर्ष से तिरपाल के नीचे चल रही कक्षाएं की खबर का शासन और प्रशासन ने संज्ञान लिया है. डीएम विशाख, SDM मनोज सिंह और BSA राम प्रवेश स्कूल पहुंचे. उन्होंने तिरपाल के नीचे पढ़ाई कर रहे बच्चों और शिक्षकों से बातचीत की और स्कूल के जर्जर भवन का जायजा लिया.
डीएम ने कहा कि अब तिरपाल के नीचे कक्षाएं नहीं चलेंगी. बीएसए को निर्देश दिए कि स्कूल परिसर में बने नए अतिरिक्त कक्ष में बच्चों की कक्षाएं दो पालियों में चलेंगी. जिलाधिकारी ने दो नए कक्ष बनाने की सहमति दी है. अधिशासी अभियंता आईएस को इसका इस्टीमेंट तैयार कर जल्द प्रस्तुत करने के निर्देश जारी किए गए हैं.
2015 के बाद गिरने लगा था प्लास्टर
अपर प्राइमरी स्कूल माहीपतमऊ का निर्माण वर्ष 2008 में कराया गया था. स्कूल में 113 बच्चे नामांकित हैं. स्कूल की कक्षाओं में वर्ष 2015 में सीलन के बाद प्लास्टर गिरने लगा था. मरम्मत न कराए जाने की वजह से दो वर्ष पहले भवन ज्यादा जर्जर होने पर शिक्षकों ने खुद के खर्च से बांस के टट्टर और तिरपाल से अस्थाई कक्षाएं बनाई.
आजतक ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था. डीएम विशाख जी ने स्कूल पहुंचकर जर्जर भवन और स्कूल के ऊपर से जा रही हाईटेंशन लाइन को देखा. बच्चों ने बताया कि तेज बारिश में बौछार का पानी कक्षाओं के भीतर आता है. जर्जर भवन और तिरपाल के नीचे पढ़ाई कर रहे बच्चों को देखकर डीएम अचरज में पड़ गए. उन्होंने कहा कि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो. इसलिए परिसर में बने नए अतिरिक्त कक्ष में दो पालियों में बच्चों की कक्षाएं चलाएं.
स्कूल में बनाए जाएंगे तो दो कक्ष, बच्चों ने कहा 'थैंक यू आजतक'
प्रशासन की ओर से स्कूल में दो नए कक्ष बनाए जाने पर शिक्षकों और अभिभावकों ने आजतक को धन्यवाद दिया. अभिभावकों का कहना है कि स्कूल का भवन 10 वर्ष से जर्जर था. शिक्षकों ने कई प्रयास किया लेकिन किसी ने नहीं सुना. यह काम आजतक की एक खबर ने कर दिया. नए केबिन में शिफ्ट हुए बच्चों ने आजतक का शुक्रिया किया और कहा कि अभी तक हम लोग डर में पढ़ रहे थे और पानी ऊपर तक भर जाता था. इसकी वजह से हमारी किताबें भी भीग जाती थी, लेकिन आजतक की खबर दिखाने के बाद हम अब बेहतर शिक्षा ले पाएंगे.
डीएम विशाख जी ने अधिशासी अभियंता, ग्रामीण अभियंत्रण सेवा (आरईएस) को तत्काल जर्जर भवन का मूल्यांकन कर रिपोर्ट मांगी है. उन्होंने एडीएम सदर, बीएसए और अधिशासी अभियंता आरईएस को निर्देशित किया कि जर्जर भवन की तत्काल नीलामी कर ध्वस्त कराएं. तिरपाल के नीचे संचालित कक्षाओं की जगह पर दो नए कक्षों का निर्माण शुरू कराएं.
आजतक की खबर दिखाने के बाद अब स्कूल की जर्जर इमारत को रस्सी से बांधकर सील कर दिया गया है और लिख दिया गया. कि जर्जर इमारत में प्रवेश वर्जित है लेकिन सवाल यह है कि आखिर पिछले 2 साल से क्या प्रशासनिक अधिकारी सो रहे थे, या राजस्थान जैसी किसी घटना का इंतजार कर रहे थे. आजतक लगातार इस मामले में खबरदार करता रहेगा.