देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) में आज भव्य पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया. इस समारोह में अकादमी से 451 अधिकारी कैडेट्स ने स्नातक की उपाधि प्राप्त की. इनमें से 419 कैडेट्स भारतीय सेना में शामिल होंगे, जबकि 32 कैडेट्स नौ मित्र देशों से हैं और अपनी-अपनी सेनाओं में सेवा देंगे.परेड ऐतिहासिक चेटवुड बिल्डिंग के सामने ड्रिल स्क्वायर पर हुई. श्रीलंका के सेना प्रमुख जनरल लासांथा रोड्रिगो, जो पूर्व आईएमए कैडेट (87वां कोर्स) भी हैं, मुख्य अतिथि थे और उन्होंने सलामी ली. परेड के बाद पीपिंग और शपथ समारोह आयोजित किया गया, जहाँ कैडेट आधिकारिक तौर पर अधिकारी बन गए. ये कैडेट 156वें नियमित पाठ्यक्रम और 139वें तकनीकी स्नातक पाठ्यक्रम का हिस्सा थे.
आईएमए का गौरवशाली इतिहास
इस परेड के साथ ही आईएमए ने 1932 में अपनी स्थापना के बाद से अब तक 66,000 से अधिक सैन्य अधिकारियों को प्रशिक्षित और कमीशन किया है. इसमें मित्र देशों के लगभग 3,000 अधिकारी शामिल हैं. आईएमए भारतीय सेना और अन्य देशों के लिए बहादुर और अनुशासित अधिकारी तैयार करने के लिए जाना जाता है. अकादमी का प्रशिक्षण नेतृत्व, साहस और राष्ट्र के प्रति समर्पण पर केंद्रित है. परेड का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रही.
इन लोगों को दिया गया सम्मान
श्रीलंका सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बीकेजीएम लासांथा रोड्रिगो पासिंग आउट परेड के समीक्षा अधिकारी थे. श्रीलंका सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बीकेजीएम लासांथा रोड्रिगो ने अधिकारी कैडेटों को पदक प्रदान किए. स्वॉर्ड ऑफ ऑनर का प्रतिष्ठित पुरस्कार अकादमी कैडेट एडजुटेंट एनी नेहरा को प्रदान किया गया. ऑर्डर ऑफ मेरिट में प्रथम स्थान पर रहने वाले अधिकारी कैडेट का स्वर्ण पदक अकादमी अंडर ऑफिसर रोनित रंजन नायक को प्रदान किया गया. ऑर्डर ऑफ मेरिट में दूसरे स्थान पर रहने वाले अधिकारी कैडेट का रजत पदक अकादमी कैडेट एडजुटेंट एनी नेहरा को प्रदान किया गया. ऑर्डर ऑफ मेरिट में तीसरे स्थान पर रहने वाले अधिकारी कैडेट का कांस्य पदक बटालियन अंडर ऑफिसर अनुराग वर्मा को प्रदान किया गया. ऑर्डर ऑफ मेरिट में प्रथम स्थान पर आने वाले ऑफिसर कैडेट का पदक विदेशी ऑफिसर कैडेट निशान बालामी (नेपाल) को प्रदान किया गया.
5 जून को भी आयोजित की गई थी परेड
स्प्रिंग टर्म 2025 के लिए 12 कंपनियों में से ओवरऑल प्रथम स्थान पर रहने के लिए केरेन कंपनी को चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर प्रदान किया गया. भारत और विदेश से पासिंग आउट परेड में शामिल 451 कैडेट्स अब ऑफिसर के तौर पर अपने-अपने देशों की सेना का हिस्सा बने. इनमें भारतीय सेना के 419 कैडेट्स और 32 विदेशी कैडेट्स शामिल थे. भारतीय सैन्य अकादमी की स्थापना 1 अक्टूबर 1932 को हुई थी. अब तक इस प्रतिष्ठित संस्थान से 65 हजार से ज्यादा कैडेट्स पास आउट हो चुके हैं. इनमें 34 मित्र देशों के कैडेट्स भी शामिल हैं. इस बीच, 5 जून को आर्मी एयर डिफेंस सेंटर, गोपालपुर में एक गौरवपूर्ण और महत्वपूर्ण अवसर तब देखने को मिला जब अग्निवीरों के पांचवें बैच की पासिंग आउट परेड (पीओपी) आयोजित की गई.
परेड का निरीक्षण आर्मी एयर डिफेंस सेंटर के कमांडेंट ब्रिगेडियर हेमंत सिंह ने किया, जिन्होंने 401 अग्नि वीरों को उनके कठोर प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूरा करने और भारतीय सेना में शामिल होने की दिशा में अपना 'अंतिम पग' (अंतिम कदम) के लिए बधाई दी. इस कार्यक्रम में एक प्रभावशाली ड्रिल प्रदर्शन भी किया गया, जो केंद्र में दिए जाने वाले अनुशासन और प्रशिक्षण के उच्च मानकों का प्रमाण था. ब्रिगेडियर हेमंत सिंह ने अपने संबोधन में इस बात पर प्रकाश डाला कि ड्रिल सैन्य अनुशासन का आधार है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बेहतरीन ड्रिल न केवल सैनिकों के शारीरिक और मानसिक समन्वय को दर्शाती है, बल्कि अग्निवीरों के बीच अटूट अनुशासन और एकता को भी दर्शाती है. उन्होंने कहा, "एक सैनिक का अनुशासन ड्रिल स्क्वायर पर गढ़ा जाता है. आज प्रदर्शित की गई सटीकता और समन्वय आपकी प्रतिबद्धता और आर्मी एयर डिफेंस सेंटर द्वारा निर्धारित उच्च मानकों का प्रतिबिंब है."