
कोटा में इंजीनियर बनने आया 16 साल का छात्र रचित संडे से लापता है. चार दिनों से पुलिस, परिजन, दोस्त सभी उसे हर जगह खोज रहे हैं. आज उसके कमरे से पुलिस को कुछ ऐसे नोट्स बरामद हुए हैं जो सोच में डालने वाले हैं. ये नोट्स स्टूडेंट की खराब मेंटल हालत और सुसाइड की ओर इशारा कर रहे हैं. वहीं, परिजन ये मान रहे हैं कि उनका बेटा किसी ऑनलाइन गेम के कारण परेशान था.
ऑनलाइन गेम के कारण परेशान था...
लापता छात्र रचित सोंधिया के पिता के दोस्त योगेंद्र सिंह सोलंकी ने बताया कि रचित की चप्पल, बैग, मोबाइल फोन हमें मिले हैं. रचित का अभी तक कुछ पता नहीं लग पाया है. रचित के कमरे की चाबी भी हमें उसके बैग के पास ही रखी हुई मिली, कैमरा तलाशने पर हमें कुछ नोट्स मिले जिन पर ब्लड गिरा हुआ है. किसी गेम की वजह से बच्चा परेशान था, नोटिस में भी कोड वर्ड में गेम के बारे में लिखा हुआ है. गेम की वजह से हमारा बच्चा लापता. मिल नहीं रहा है हमें, रचित के पिता भी बहुत ज्यादा परेशान हैं. पूरा परिवार कोटा में ही मौजूद है.
क्यों लिखा- I really want to die...?
ये नोट्स दरअसल कुछ कॉपियों के पन्नों पर लिखी ऐसी लाइनें हैं जिससे साफ पता चल रहा है कि छात्र मानसिक परेशानी का सामना कर रहा था. उसकी मेंटल हेल्थ शायद अच्छी नहीं थी और वो ये बात किसी से साझा नहीं कर पा रहा था. एक पन्ने पर तो उसने ये भी लिखा है कि (I really want to die why I am fine) मैं वाकई मरना चाहता हूं, क्यों? मैं ठीक हूं. इस वाक्य को अगर मनोवैज्ञानिक नजरिये से समझें तो ऐसा प्रतीत होता है कि वो किशोर डिप्रेशन में था. मनोचिकित्सक मानते हैं कि जिन लोगों में सुसाइडल थॉट यानी आत्मघाती विचार आते हैं, वो लोग इसी ढर्रे से सोचते हैं. उन्हें एक तरफ महसूस होता है कि वो ठीक हैं, तो दूसरे ही पल मरने का विचार आता है.

अवसाद की वजह कहीं ये तो नहीं?
छात्र ने अपने नोट में एक जगह लिखा है कि मैं अपनी पसंद से इस कमरे (Hostel room) में आया हूं पर किताब नहीं खोली है. मैं केवल मोबाइल फोन पसंद करता हूं और पढ़ाई के बारे में हमेशा झूठ बोलता हूं.आपकी मेरे प्रति सहानुभूति से मैं पहले से ही जानता हूं कि आप मेरे झूठ के बारे में बहुत कुछ जानते हैं....ये पंक्ति शायद उसने अपने पेरेंट्स के लिए लिखी हैं. ऐसा भी संभव है कि छात्र अपने तनाव के चलते या किसी अन्य कारण से पढ़ाई में रुचि न ले पा रहा हो और यही बात उसकी तनाव की वजह बन गई हो.
गेम टास्क या आत्महत्या का प्रयास?
छात्र के हॉस्टल कमरे से जो नोट्स मिले हैं उसमें एक पन्ना डरा देने वाला है. यह पन्ना छात्र के खून के धब्बे से भरा हुआ है और इन धब्बों के पीछे छात्र ने अपने मन की बात लिखी हुई है. छात्र का खुदको यूं चोट पहुंचाना कई सवाल खड़े करता है? छात्र के नोट्स देखकर कोई इसे गेम का टास्क बता रहा है तो कोई इसे डिप्रेशन का कारण बता रहा है. घरवाले आंखों में आंसू और आस लिए लड़के की राह देख रहे हैं लेकिन अभी तक सिर्फ उसका सामान मिला है लड़का नहीं.

पिछले चार दिन में क्या-क्या हुआ?
शिक्षा नगरी से लापता हुए कोचिंग छात्र का आज बुधवार को चौथे दिन भी पता नहीं चल सका. नगर निगम के गोताखोरों व एसडीआरएफ की टीमों ने गरडिया महादेव के घने जंगल व नदी में करीब 12 घंटे तक सर्च अभियान चला कर छात्रा को तलाश किया. रचित सोंधिया रविवार को दोपहर 12:00 बजे टेस्ट देने के लिए हॉस्टल से निकला था. उसके बाद से वापस नहीं लौटा. छात्र के वापस नहीं लौटने पर परिजनों ने जवाहर नगर थाना पुलिस को सूचना दी जिसके बाद पुलिस परिजनों ने उसकी तलाश शुरू कर दी. लापता छात्र रचित के पिता ने बताया कि रचित का मोबाइल चप्पल व बैग ,गरड़िया महादेव के पास हमें मिला था.

चंबल नदी में उतरे गोताखोर ने कही ये बात
नगर निगम के गोताखोर विष्णु श्रृंगी ने बताया कि नगर निगम की टीम सुबह 7:00 बजे नाव से नदी में उतरी थी वह करीब डेढ़ घंटे बाद गराडिया महादेव पहुंच गई थी वहां जाते ही नदी के अलावा घने जंगल में भी छात्र को तलाश किया जिस जगह पर उसका मोबाइल व बैग मिले थे वहां से लेकर दूर-दूर तक करीब 2 से 3 किमी पैदल घने जंगल में तलाश किया, यह जगह ऐसी खतरनाक है, जहां जंगली जानवरों का भी खतरा बना रहता है, उसके बाद भी निगम के साथ एनडीआरएफ की टीमों ने मंगलवार को देर शाम 7:00 बजे तक छात्र को तलाश किया इस दौरान छात्र के परिजन भी मौजूद रहे लेकिन उसका कहीं पता नहीं चल सका.
अब बुधवार को फिर से अधिकारियों के निर्देशानुसार सर्च अभियान चलाया जा रहा है. इधर छात्र के नहीं मिलने पर उसके परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो रहा है.