दिल्ली विश्वविद्यालय के दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज द्वारा दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित दिल्ली यूनिवर्सिटी के दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज द्वारा असिस्टेंट प्रोफेसर और असोसिएट प्रोफेसर की वेतन कटौती का मामला अब और बढ़ गया है. चेयरमैन की तरफ से कॉलेज के प्रिंसिपल को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है और कई मुद्दों पर जवाब मांगा गया है.
कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर हेम चंद जैन को नोटिस जारी कर इन मुद्दों पर जवाब मांगा गया-
1. जब DHE के सैलरी हेड के तहत आवश्यक राशि जारी की गई, तो यह पता चला है कि जुलाई महीने के लिए एसोसिएट प्रोफेसर/ प्रोफेसर के वेतन में 50,000/- और असिस्टेंट प्रोफेसर के वेतन में 30,000/- रुपये की कटौती क्यों की गई है. स्पष्ट करें कि आपने किसकी अनुमति से यह राशि काटी.
2. समाचार पत्रों से यह भी देखा गया है कि कॉलेज में सप्ताह में 5 दिन होने जा रहे हैं और जैसा कि आपने कहा, ऐसा इसलिए है क्योंकि NCT सरकार बिजली बिलों का भुगतान करने के लिए पैसे नहीं दे रही है. आप UGC के मानदंडों के खिलाफ कैसे जा सकते हैं, और दिल्ली NCT सरकार पर झूठा दोष क्यों लगा रहे हैं.
3. यह भी पता चला है कि शासी निकाय में वसूली का मामला लाए बिना आपके एकतरफा निर्णय के फलस्वरूप महाविद्यालय के कर्मचारियों से TA की वसूली की गई है.
नोटिस में प्रिंसिपल से अनुरोध किया गया है कि वे कल 10 सितंबर तक मामले में अपना जवाब भेजें. बता दें कि DDU कॉलेज द्वारा एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के वेतन में कटौती किए जाने के बाद विवाद हुआ था. कॉलेज ने 06 सितंबर को नोटिस जारी कर फंड्स की कमी का हवाला देते हुए सैलरी में कटौती की जानकारी दी थी. अब कॉलेज को इस मामले में अपना स्पष्टीकरण देना होगा.