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World Sight Day 2022: क्‍या है आंखों का डायब‍िटीज कनेक्शन, जानें वर्ल्‍ड साइट डे का इतिहास-महत्‍व

आंखों की रोशनी प्रकृति का एक वरदान जैसा है. ये हमारे शरीर का एक खास अंग हैं जिससे हम ये खूबसूरत दुनिया देख पाते हैं. लेकिन डायबिटीज एक ऐसा रोग है जो आंखों की रोशनी पर भी असर डालता है. आज वर्ल्ड साइट डे पर हम आपको डायबिटीज का आंखों से कनेक्शन बता रहे हैं, जानिए-एक्सपर्ट की राय... 

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प्रतीकात्मक फोटो (Getty)
प्रतीकात्मक फोटो (Getty)

हर साल अक्टूबर के दूसरे गुरुवार विश्व दृष्टि दिवस मनाया जाता है. इस दिन का उद्देश्य नेत्रहीन और दृष्टिबाधित लोगों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने देर से निदान और उपचार के कारण दृष्टि हानि से पीड़ित एक अरब लोगों की जानकारी दी है. इस खास दिन पर आइए जानते हैं कि डायबिटीज किस तरह इंसान की आंखों की रोशनी को प्रभावित करती है. 

कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के नेत्ररोग विभागाध्यक्ष डॉ. परवेज खान कहते हैं कि इंसान की आंखों की रोशनी हमेशा एक जैसी नहीं रहती. जैसे शरीर की उम्र बढ़ने के साथ ही दूसरे अंग कमजोर होने लगते हैं, उसी तरह आंखें भी कमजोर होती हैं. फिर भी हम अच्छी लाइफस्टाइल से इन्हें स्वस्थ रख सकते हैं. एक उम्र के बाद अक्सर लोग आंखों में धुंधला दिखने की श‍िकायत करते हैं. इसके पीछे उम्र को वजह मानकर लोग आंखों की जांच भी कराते हैं. लेकिन आंखों में धुंधलापन होना सिर्फ उम्र की वजह नहीं होती है, ये डायबिटीज के कारण भी हो सकता है. 

उन्होंने कहा कि डायबिटिक लोगों में आंखों से धुंधलापन दिखाई देने की सबसे बड़ी वजह ब्लड शुगर के स्तर का अनियंत्रित होना है. ये रेटिना में मौजूद प्रकाश संवेदी ऊतकों तक पहुंचने वाले खून की नलिकाओं को क्षतिग्रस्त कर देता है. यदि आंखों में धुंधलापन आए तो इसे हल्के से नहीं लेना चाहिए. वो बताते हैं कि  डायबिटीज के कारण जब आंखों की समस्या आती है तो इसे रेटिनोपेथी (diabetic retinopathy) कहते हैं. 

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धुंधलापन की वजह आंखों की मसल्स फूल जाना, मोतियाबिंद और ग्लूकोमा भी हो सकता है. वहीं डायबिटिक आई की पहचान इसके कुछ शुरुआती लक्षणों से की जा सकती है. ये हैं- आंखों से धुंधला दिखाई देना, रंग को पहचानने में दिक्कत, रात को देखने में दिक्कत, आंखों के पास डार्क स्पॉट्स इत्यादि हैं. 

डॉक्टर से कब कराएं आई चेकअप 
आंखों या सिर में दर्द रहना
कम रोशनी में देखने में परेशानी होना
आंखों के सामने काले धब्बे दिखना 
आंखों के सामने छाया दिखना
धुंधला या आंखों के सामने छल्ले दिखना

क्या करें
आंखों की नियमित जांच कराएं
ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखें
खानपान का पूरी तरह ध्यान रखें
नियमित व्यायाम करें
पूरी नींद लें 

क्या न करें 
धूम्रपान आंखों को नुकसान पहुंचाता है 
प्रदूषण वाली जगहों पर ब‍िना बचाव के जाना 
मोबाइल और टीवी पर ज्यादा समय देना 
ऐसे भारी व्यायाम जो आंखों की कोशिकाओं पर भी प्रेशर दें

विश्व दृष्टि द‍िवस का इतिहास 
लायंस क्लब फाउंडेशन ने विश्व दृष्टि द‍िवस के आयोजन की शुरुआत की. यह दिन पहली बार 8 अक्टूबर 1984 को मनाया गया था. बाद में, यह दिन WHO और IABP सदस्यों द्वारा निर्देशित एक सहयोगी कार्यक्रम बन गया, जिसमें दुनिया भर में जागरूकता फैलाने के लिए गैर सरकारी संगठनों, नेत्र देखभाल समूहों और नेत्र अस्पतालों की भागीदारी शामिल थी. 

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