राजा रघुवंशी हत्याकांड में मुख्य आरोपी सोनम रघुवंशी की गिरफ्तारी के बाद गाजीपुर के जिला अदालत ने शिलांग पुलिस को ट्रांजिट रिमांड दी है. दरअसल, कोर्ट ने शिलांग पुलिस की अपील को स्वीकार कर लिया और सोनम को 72 घंटे की ट्रांजिट रिमांड पर सौंप दिया है. इसके बाद सोनम को गाजीपुर से शिलांग ले जाया जा रहा है, जिसके बाद आगे की जांच की जाएगी और केस से जुड़े सच सामने लाने की कोशिश की जाएगी.
लेटेस्ट अपडेट के अनुसार, अभी सोनम पटना एयरपोर्ट पर है, जिसे दोपहर 3.55 बजे इंडिगो की फ्लाइट से कोलकाता और वहां से गुवाहाटी और फिर शिलांग ले जाया जाएगा. ऐसे में सवाल है कि आखिर ये ट्रांजिट रिमांड क्या होती है, जिसे मिलने के बाद सोनम को शिलांग ले जाया जा रहा है. साथ ही जानते हैं ये रिमांड मिलने के बाद आरोपी के साथ साथ क्या होता है...
क्या होती है ट्रांजिट रिमांड?
दरअसल, ये ट्रांजिट रिमांड का इस्तेमाल उन केस में होता है, जब आरोपी को उस राज्य से अरेस्ट नहीं किया जाता है, जहां पर केस दर्ज होता है. जब आरोपी को केस दर्ज होने वाले राज्य से अलग राज्य में गिरफ्तार किया जाता है तो वहां की अदालत ट्रांजिट रिमांड जारी करती है. ऐसे में केस दर्ज होने वाले राज्य की पुलिस को अरेस्ट किए गए राज्य में कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड लेना जरूरी होता है, जिसके बाद आरोपी को केस दर्ज होने वाले राज्य में जांच के लिए ले जाया जा सकता है.
जैसे मान लीजिए कोई केस लखनऊ में दर्ज हुआ है और उसके आरोपी को हरियाणा से गिरफ्तार किया गया है तो उस आरोपी को वापस लखनऊ ले जाने के लिए हरियाणा में कोर्ट से पुलिस को ट्रांजिट रिमांड लेना होगा. इसके बाद आरोपी को लखनऊ में ले जाया सकेगा.
इस बारे में दिल्ली हाईकोर्ट के एडवोकेट प्रेम जोशी बताते हैं कि जब आरोपी को केस से जुड़ी जांच के लिए जज से अनुमति लेने के एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाता है तो ट्रांजिट रिमांड की जरुरत होती है. रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रांजिट रिमांड मिलने के बाद केस से संबंधित कोर्ट उस पर आगे फैसला लेती है.
ट्रांजिट रिमांड में एक वक्त दिया जाता है कि आरोपी को संबंधित राज्य की अदालत में पेश कर दिया जाए. साथ ही इसके लिए कहा जाता है कि ये कोई सजा नहीं है और ये जांच के लिए आरोपी का ट्रांसफर करना है. अगर सोनम के केस की बात करें तो सोनम को गाजीपुर से रिमांड मिल गई है, जिसके बाद अब शिलांग की कोर्ट ही उस केस में आगे का फैसला लेगी.