भारत में डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है. वर्तमान में देश में 13,86,150 एलोपैथिक डॉक्टर और 7,51,768 आयुष पद्धति के फिजिशियन रजिस्टर्ड हैं. अगर 80% डॉक्टर उपलब्ध माने जाएं, तो देश में डॉक्टर-जनसंख्या अनुपात 1:811 यानी 811 मरीजों पर एक डॉक्टर है. सरकार इस रेशो को बेहतर बनाने और ग्रामीण इलाकों में डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं चला रही है. सरकार का दावा है कि पिछले 10 सालों में NEET UG की सीटों में 130% और पीजी की सीटों 138% की बढ़ोतरी हुई है.
10 साल में MBBS की 130% और PG की 138% सीटें बढ़ीं
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने राज्य सभा में दिए एक जवाब में बताया कि भारत में मेडिकल कॉलेजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है. MBBS सीटों की कुल संख्या अब प्रभावशाली 1,18,190 तक पहुंच गई है, जबकि PG सीटें बढ़कर 74,306 हो गई हैं. एमबीबीएस सीटों की संख्या 130% बढ़कर 2014 में 51,348 से आज 1.18 लाख से अधिक हो गई है, जबकि पीजी सीटों में भी 138% (31,000 से बढ़कर 74,306 हुईं) की वृद्धि हुई है.
पांच साल में 75,000 नई मेडिकल सीटें जोड़ने का लक्ष्य
उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में मेडिकल सीटों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है. सरकार के बजट 2025 में अगले पांच सालों में 75,000 नई मेडिकल सीटें जोड़ने की घोषणा की गई थी. सरकार ने अकेले शैक्षणिक वर्ष 2024-25 में 13,436 नई मेडिकल सीटें जोड़ दी हैं.
मेडिकल संस्थानों की संख्या भी 101% बढ़ी
राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने आगे कहा कि कुल मेडिकल संस्थानों की संख्या अब 780 है, जो 2014 में सिर्फ 387 थी. यह पिछले दशक में 101.5% वृद्धि दर्शाता है. इसके अलावा, सरकार ने एमबीबीएस और पीजी दोनों सीटों की क्षमता बढ़ाने के लिए मौजूदा मेडिकल कॉलेजों को अपग्रेड करने पर काम किया है. एक पहल के तहत, 83 कॉलेजों में 4,977 नई एमबीबीएस सीटें जोड़ी गई हैं और 137 कॉलेजों में विभिन्न चरणों में पीजी सीटों में 8,058 की वृद्धि की गई है.
नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना
उन्होंने कहा कि सरकार के इन प्रयासों को अलग-अलग सरकारी योजनाओं के माध्यम से सपोर्ट किया गया है, जिसमें नए मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के लिए केंद्र प्रायोजित योजना (सीएसएस) भी शामिल है, खासकर वंचित और आकांक्षी जिलों में. इस योजना के तहत दूरदराज के इलाकों में स्वास्थ्य सेवा शिक्षा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए मौजूदा जिला और रेफरल अस्पतालों से नए मेडिकल कॉलेज जोड़े गए हैं. अब तक सरकार ने 157 ऐसे मेडिकल कॉलेजों की स्थापना को मंजूरी दी है, जिनमें से 131 पहले से ही काम कर रहे हैं. इसके अलावा, 22 नए एम्स (AIIMS) भी स्थापित किए जा रहे हैं, जिनमें से 19 में पहले ही अंडरग्रेजुएट कोर्स की पढ़ाई शुरू हो चुकी है.