अमेरिका ने भारत को 93 मिलियन डॉलर के हथियारों की बिक्री को मंज़ूरी दे दी है, जिससे नई दिल्ली के लिए जेवलिन एंटी-टैंक मिसाइलों और एक्सकैलिबर प्रिसिशन-गाइडेड आर्टिलरी राउंड्स की एक नई खेप प्राप्त करने का रास्ता साफ़ हो गया है.
इस पैकेज में 100 FGM-148 जेवलिन मिसाइलें, 25 हल्के कमांड लॉन्च यूनिट और 216 एक्सकैलिबर आर्टिलरी राउंड्स शामिल हैं. रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी (DSCA) ने प्रस्तावित हस्तांतरणों की औपचारिक रूप से कांग्रेस को जानकारी दे दी है.
डीएससीए द्वारा जारी बयान के मुताबिक, भारत के अनुरोध में लाइफसाइकल सपोर्ट, सुरक्षा निरीक्षण, संचालक प्रशिक्षण, प्रक्षेपण इकाइयों के लिए नवीनीकरण सेवाएं और पूर्ण परिचालन क्षमता के लिए जरूरी अन्य संबंधित तत्व भी शामिल हैं.
US-इंडिया रणनीतिक साझेदारी...
एजेंसी ने कहा कि प्रस्तावित बिक्री अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी को मज़बूत करेगी. मौजूदा और उभरते खतरों का मुकाबला करने की भारत की क्षमता को बढ़ाएगी. बयान में कहा गया है, "प्रस्तावित बिक्री मौजूदा और भविष्य के खतरों से निपटने, अपनी मातृभूमि की रक्षा को मज़बूत करने और क्षेत्रीय खतरों को रोकने की भारत की क्षमता में सुधार करेगी." इसमें आगे कहा गया है कि भारत को इन वस्तुओं और सेवाओं को अपने सशस्त्र बलों में शामिल करने में कोई कठिनाई नहीं होगी.
वॉशिंगटन ने एक्सकैलिबर गाइडेड आर्टिलरी राउंड की बिक्री को भी मंजूरी दे दी, जिसकी कीमत करीब 47 मिलियन डॉलर है. इससे कुल राशि करीब 93 मिलियन डॉलर हो गई.
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डीएससीए ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि इस लेन-देन से क्षेत्र में बुनियादी सैन्य संतुलन में कोई बदलाव नहीं आएगा. अमेरिकी सरकार ने कहा कि उसे इस बिक्री से जुड़ी किसी भी ऑफसेट व्यवस्था की जानकारी नहीं है. इस तरह का कोई भी समझौता भारत और निर्माताओं के बीच बाद में तय किया जाएगा.
आरटीएक्स और लॉकहीड मार्टिन द्वारा संयुक्त रूप से निर्मित जेवलिन सिस्टम्स पैदल सेना इकाइयों को लंबी दूरी पर बख्तरबंद टारगेट्स पर हाई एक्यूरेसी के साथ अटैक करने की अनुमति देती हैं.