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2300 KM दूर से हमला, ईरान में 406 मौतें तो इजरायल में 16 मरे... 72 घंटे की जंग में किसको कितना नुकसान पहुंचा?

इजरायल की वायु सेना ने पूर्वी ईरान के मशहद हवाई अड्डे पर एक ईरानी ईंधन भरने वाले विमान पर हमला किया, जो इजराइल से लगभग 2,300 किलोमीटर दूर है. हमले के बाद ये विमान आग की लपटों में आ गया और तबाह हो गया. यह ऑपरेशन राइजिंग लॉयन की शुरुआत के बाद से किया गया सबसे लंबी दूरी का हमला है. वहीं ईरान ने इजरायल के हाइफा पोर्ट पर भीषण हमला करने का दावा किया है.

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: तेल अवीव पर ईरानी हमले के बाद तबाही का दृश्य. (फोटो- रॉयटर्स)
: तेल अवीव पर ईरानी हमले के बाद तबाही का दृश्य. (फोटो- रॉयटर्स)

ईरान पर इजरायली हमले के 72 घंटे हो चुके हैं. इस हमले में अब 406 ईरानियों की मौत हो चुकी है, जबकि 654 लोग घायल हैं. वहीं ईरानी हमले में अबतक 16 इजरायलियों की मौत हो चुकी है और दर्जनों लोग घायल हैं. पिछले 72 घंटों में इजरायल ने ईरान के हर मुमकिन इंफ्रास्ट्रक्चर और टारगेट पर हमला किया है. हालांकि तेहरान का कहना है कि इजरायली हमले में अबतक 224 मौतें हुई हैं. इनमें ज्यादातार नागरिक हैं.

इजरायल ने दावा किया है कि पिछले 24 घंटे में उसने अपने देश से तेहरान के बीच 'एयर कॉरिडोर' बना लिया है. यानी कि इजरायली दावे के मुताबिक अब इजरायल की वायु सेना अपने देश से तेहरान तक बिना बाधा के उड़ान भर सकती है और हमले कर सकती है.

इस बीच इजरायल ने ईरान पर सबसे ज्यादा दूरी से हमला किया है. इजरायल की वायु सेना ने पूर्वी ईरान के मशहद हवाई अड्डे पर एक ईरानी ईंधन भरने वाले विमान पर हमला किया, जो इजराइल से लगभग 2,300 किलोमीटर दूर है. हमले के बाद ये विमान आग की लपटों में आ गया और तबाह हो गया. यह ऑपरेशन राइजिंग लॉयन की शुरुआत के बाद से किया गया सबसे लंबी दूरी का हमला है.

इजरायल सैनिक अड्डों को निशाना बनाने के बाद अब मिलिट्री इंफ्रास्ट्रक्चर को निशाना बना रहा है. इजरायल ने तेहरान में मौजूद जमीन से हवा में मार करने वाले मिसाइल लॉन्चर को ही उड़ा दिया है. IDF  ने इस हमले का वीडियो जारी किया है. 

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आइए बताते हैं कि इजरायल ने पिछले 72 घंटों में ईरान के किन-किन ठिकानों को निशाना बनाया है. 

परमाणु ठिकाने: जंग की शुरुआत के साथ ही इजरायल ने ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर हमला किया था. इजरायली हमले का पहला टारगेट थे नंताज परमाणु साइट. इजरायल का दावा है कि उसके हमले में नंताज में यूरेनियम संवर्धन की मशीनरी को भारी नुकसान पहुंचा है.

इजरायल ने इस्फहान और फोर्डो में भी परमाणु साइट पर हमला किया है. यहां पर हुए नुकसान की जानकारी सार्वजनिक नहीं हुई है. हालांकि 

सैन्य ठिकाने: इजरायल ने न्यूक्लियर साइट के अलावा ईरान के मिलिट्री साइट पर भी हमला किया है और इसे जबर्दस्त नुकसान पहुंचाया है. तेहरान और अन्य शहरों में सैन्य ठिकानों पर हमले हुए हैं. जिसमें मिसाइल उत्पादन सुविधाएं शामिल हैं. दक्षिणी ईरान में एक रिफाइनरी में भारी विस्फोट हुआ है. तबरेज और करमानशाह में दो मिसाइल बेस पूरी तरह तबाह हो गए हैं. 

इजरायली हमले में राजधानी तेहरान में भारी नुकसान की खबर है. कई रिहायशी इलाकों और सरकारी इमारतों को भारी नुकसान हुआ है. मेहराबाद एयरपोर्ट प्रभावित हुआ है.  ईरान ने तेहरान एयरपोर्ट को बंद कर दिया है. 

13-15 जून 2025 को इजरायली हमलों में ईरान के कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों और परमाणु वैज्ञानिकों की मौत की पुष्टि अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसियों ने की है. 

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टॉप मिलिट्री लीडरशिप साफ

इनमें आर्मी चीफ मेजर जनरल मोहम्मद बघेरी, इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कमांडर-इन-चीफ मेजर जनरल हुसैन सलामी, IRGC के खातम-अल-अंबिया सेंट्रल हेडक्वार्टर्स के प्रमुख मेजर जनरल गुलाम अली रशीद, IRGC की एयरोस्पेस फोर्स के कमांडर जनरल अमीर अली हाजीज़ादेह, ईरानी सशस्त्र बलों के डिप्टी इंटेलिजेंस चीफ जनरल गुलामरेज़ा मेहराबी, ईरानी सशस्त्र बलों के डिप्टी कमांडर ऑफ ऑपरेशंस जनरल मेहदी रब्बानी मारे गए हैं. 

वहीं प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में पुष्टि की है कि ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के खुफिया प्रमुख ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद काज़मी और उनके डिप्टी जनरल हसन मोहाकिक तेहरान पर इजरायली हवाई हमले में मारे गए हैं.

इसके अलावा सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई के वरिष्ठ सलाहकार और पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा प्रमुख अली शमखानी भी मारे गए हैं.

इजरायली हमले में ईरान का टॉप मिलिट्री लीडरशिप खत्म हो गया है.

न्यूक्लियर साइंटिस्ट का एक जेनेरेशन ही खत्म

इसके अलावा इजरायल ने ईरान के कई परमाणु वैज्ञानिकों को भी मार डाला है.

इनमें भौतिक विज्ञानी मोहम्मद मेहदी तेहरांची, ईरान की परमाणु ऊर्जा संगठन के पूर्व प्रमुख फेरेयदौन अब्बासी-दवानी,  शाहिद बेहेश्ती विश्वविद्यालय में परमाणु इंजीनियरिंग के प्रमुख अब्दुलहामिद मिनोचेहर, शाहिद बेहेश्ती विश्वविद्यालय में परमाणु इंजीनियरिंग के प्रोफेसर अहमदरेज़ा जोलफगारी, अमीरहोसैन फकी, परमाणु वैज्ञानिक अली बकाई करीमी, परमाणु वैज्ञानिक मंसूर असगरी, परमाणु वैज्ञानिक सईद बोरजी शामिल है. 

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इतने बड़े पैमाने पर परमाणु वैज्ञानिकों को मारकर इजरायल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को भारी नुकसान पहुंचाया है. 

इजरायल को नुकसान

इजरायली हमले के जवाब में ईरान ने  100-200 बैलिस्टिक मिसाइलें और ड्रोन दागे. जिनमें से कुछ ने आयरन डोम रक्षा प्रणाली को भेद दिया. इससे तेल अवीव में कई इमारतें और वाहन नष्ट हो गए. ईरानी हमले में तेल अवीव में तबाही की भयानक तस्वीरें सामने आई है.

ईरान के मिसाइल और ड्रोन हमलों में अबतक इजरायल में 16 लोगों की मौत हुई है. ईरान ने मुख्य रूप से तेल अवीव, रमात गान, बैट यम और रेहोवोट में हमला किया है. 

ईरान से लॉन्च हुए मिसाइलों को तेल अवीव में नष्ट किया गया. फोटो- reuters

तेहरान टाइम्स के अनुसार सोमवार की सुबह-सुबह ईरान ने इजरायल के कब्जे वाले इलाकों को निशाना बनाकर मिसाइलों की दूसरी खेप दागी, जो संघर्ष की शुरुआत के बाद से दसवीं बमबारी थी. 

तेहरान टाइम्स का दावा है इससे पहले आधी रात को ईरान ने नेगेव रेगिस्तान और किरयात गत के साथ-साथ हाइफ़ा के अन्य क्षेत्रों में रणनीतिक स्थलों को निशाना बनाया, जिससे सैन्य और आर्थिक बुनियादी ढांचे को काफी नुकसान पहुंचा.  हाइफा में ईरानी मिसाइल गिरने के बाद आग लगने की खबर है.

हाइफा इजरायल का महत्वपूर्ण बंदरगाह है. यहां से इजरायल का अंतरराष्ट्रीय व्यापार होता है.

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                                                                           जब हाइफा पर गिरा ईरानी मिसाइल

ईरान का दावा है कि नेगेव रेगिस्तान जो अक्सर ईरानी हमलों का टारगेट रहा है, में डिमोना परमाणु परिसर और गुप्त मिसाइलों की तैनाती होती है. 

ईरान की सेना ने इजरायल के रेहोवोट में स्थित वीज़मैन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस पर हमला किया. इस अटैक में बिल्डिंग तबाह हो गई.

इसके अलावा ईरान ने इजरायल की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी और कब्जे वाले क्षेत्रों में 150 से अधिक सैन्य एवं खुफिया स्थलों पर हमला किया था.

ईरान की सेना ने इजरायल पर हमले के लिए  “शाहेद हाज कासिम” मिसाइलों का उपयोग किया, जिनका वजन 660-1540 पाउंड था. हालांकि, इजरायल की आयरन डोम और अमेरिकी सहायता ने अधिकांश मिसाइलों को रोक लिया. कुछ मिसाइलें सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने में सफल रहीं, लेकिन नुकसान सीमित रहा. 

ईरानी हमले के बाद इजरायल ने राष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर दिया है. तेल अवीव, यरुशलम, और हाइफा में हवाई हमले के सायरन बजने से लाखों लोग बंकरों में शरण लेने को मजबूर हुए हैं. 

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