भारत और बांग्लादेश ने सीमा पार अपराधों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने का फैसला किया है. दोनों देशों ने संयुक्त गश्त बढ़ाने, निगरानी सख्त करने और सीमा पर आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए ईमानदार प्रयास करने पर सहमति जताई है.
यह समझौता ढाका के पिलखाना में बीजीबी मुख्यालय में आयोजित चार दिवसीय डीजी-स्तरीय सीमा सम्मेलन के बाद जारी संयुक्त बयान में घोषित किया गया. सम्मेलन 25 से 28 अगस्त 2025 तक चला, जिसमें भारत की बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) और बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड (बीजीबी) के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.
दोनों पक्षों ने विश्वास जताया कि ये कदम सीमा पर शांति और सुरक्षा को और मजबूत करेंगे. यह 56वां डीजी-स्तरीय सीमा सम्मेलन था, जो दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का महत्वपूर्ण कदम है.
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भारत-बांग्लादेश की बीच लंबी और विचित्र सीमा
भारत और बांग्लादेश के बीच 4,096 किलोमीटर लंबी सीमा है, जिसमें 180 KM जल सीमा और 79 KM सुंदरबन जैसे क्षेत्र शामिल हैं. यह सीमा घुसपैठ, तस्करी, हत्या और अवैध निर्माण जैसी समस्याओं से ग्रस्त रही है. बीजीबी के डीजी मेजर जनरल मोहम्मद अशरफुज्जमां सिद्दीकी की अगुवाई में 21 सदस्यीय बांग्लादेशी प्रतिनिधिमंडल और बीएसएफ के डीजी दलजीत सिंह चौधरी की अगुवाई में 11 सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल के बीच हुआ.
भारतीय पक्ष में गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और ढाका में भारतीय उच्चायोग के अधिकारी भी शामिल थे. बांग्लादेशी पक्ष में मुख्य सलाहकार कार्यालय, गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, शिपिंग मंत्रालय, सड़क विभाग, भूमि सर्वेक्षण विभाग, संयुक्त नदी आयोग और नशीली दवाओं नियंत्रण विभाग के प्रतिनिधि थे.

यह सम्मेलन पिछले फरवरी में दिल्ली में हुए 55वें सम्मेलन का हिस्सा है. दोनों देशों के बीच डीजी-स्तरीय बैठकें साल में दो बार होती हैं, जो 1975 के संयुक्त दिशानिर्देशों पर आधारित हैं. इस बार का सम्मेलन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के आने के बाद पहली बार भारतीय प्रतिनिधिमंडल ढाका गया.
संयुक्त बयान के मुख्य बिंदु: अपराधों पर सख्ती
सम्मेलन के अंत में जारी संयुक्त बयान में दोनों पक्षों ने सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने की प्रतिबद्धता जताई. मुख्य फैसले इस प्रकार हैं...
संयुक्त गश्त और निगरानी बढ़ाना: दोनों देशों ने सीमा पर संयुक्त गश्त को बढ़ाने का फैसला किया. बीएसएफ ने रात्रि गश्त को तेज करने और अतिरिक्त सावधानियां बरतने का आश्वासन दिया. इससे घुसपैठ, तस्करी और अवैध क्रॉसिंग को रोका जा सकेगा.
सीमा पर हत्याओं को रोकना: बीजीबी ने बीएसएफ द्वारा बांग्लादेशी नागरिकों की अंधाधुंध गोलीबारी और हत्याओं पर गहरी चिंता जताई. बीएसएफ डीजी ने इन घटनाओं को रोकने के लिए अतिरिक्त उपायों का वादा किया. दोनों पक्षों ने संयुक्त जागरूकता कार्यक्रम चलाने, संवेदनशील क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास योजनाएं लागू करने और सीमा की पवित्रता का सम्मान बढ़ाने पर सहमति जताई.
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लक्ष्य: ऐसी घटनाओं को शून्य करना.
पुश-इन रोकना: बीजीबी ने बीएसएफ द्वारा भारतीय नागरिकों, रोहिंग्या और म्यांमार के विस्थापित लोगों को बांग्लादेश में धकेलने पर चिंता जताई. दोनों ने अवैध धकेलाव रोकने और नागरिकों को कानूनी प्रक्रिया के बाद ही प्रत्यर्पित करने का फैसला किया.
तस्करी और अपराधों पर कार्रवाई: ड्रग्स, हथियार, गोला-बारूद और अन्य वर्जित वस्तुओं की तस्करी रोकने के लिए सख्त कदम. दोनों ने 'जीरो टॉलरेंस' नीति अपनाई और वास्तविक समय में सूचना साझा करने का वादा किया. भारतीय विद्रोही समूहों (IIGs) के खिलाफ कार्रवाई और आतंकी गतिविधियों को रोकने पर जोर.
सीमा बुनियादी ढांचा और निर्माण: अंतरराष्ट्रीय सीमा के 150 गज के दायरे में विकास गतिविधियां और अनधिकृत निर्माण रोकना. फेनी के मुहुरीर चार में स्थायी सीमा स्तंभ बनाना और इछामती, कालिंदी, रैमनगल तथा हरियाभंगा नदियों पर सीमा निर्धारण. बीएसएफ ने इन मुद्दों को संबंधित मंत्रालयों के पास रखने का आश्वासन दिया.
नदी प्रबंधन और जल बंटवारा: सीमा नदियों के तटों का संरक्षण और निष्पक्ष जल बंटवारा. संयुक्त नदी आयोग के साथ सहयोग बढ़ाना.
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एकीकृत सीमा प्रबंधन योजना (IBMP): संयुक्त पहल से योजना लागू करना. एयरस्पेस उल्लंघन न करने पर सहमति.
विशेष मुद्दे: 'कनेक्टेड बांग्लादेश' प्रोजेक्ट के तहत टिन बिघा कॉरिडोर से दाहाग्राम को ऑप्टिकल फाइबर जोड़ने का मुद्दा. बीएसएफ ने इसे मंत्रालयों के पास रखने का वादा किया. भारतीय नागरिकों को बांग्लादेश और बांग्लादेशी नागरिकों को भारत से प्रत्यर्पित करने पर सहमति.
क्यों जरूरी है यह समझौता?
भारत-बांग्लादेश सीमा पर कई समस्याएं हैं. पिछले एक साल में बीएसएफ द्वारा 34 बांग्लादेशी नागरिकों की हत्या हुई (एआईएन ओ सलिश केंद्रा के अनुसार). 7 मई 2025 से 2,000 से अधिक लोग, जिसमें रोहिंग्या और भारतीय नागरिक शामिल, बांग्लादेश में धकेले गए. तस्करी, घुसपैठ से तनाव बढ़ा. सीमा पर शांति से व्यापार, विकास और लोगों का जीवन सुरक्षित होगा.