scorecardresearch
 

दो प्रेसवार्ताएं, दो वर्दी... कर्नल सोफिया और विंग कमांडर व्योमिका की आज की Uniforms में भी था बड़ा मैसेज

8 मई 2025 को, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने युद्ध वर्दी में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी दी. दोनों महिला अधिकारियों ने सैन्य ताकत और नारी शक्ति का प्रदर्शन कर देश को गौरवान्वित किया.

Advertisement
X
Indian Combat Uniform
Indian Combat Uniform

भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने गुरुवार को नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दी. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों महिला अधिकारियों ने युद्ध वर्दी (कॉम्बैट यूनिफॉर्म) में उपस्थित होकर देश की सैन्य ताकत और नारी शक्ति का शानदार प्रदर्शन किया. जबकि इससे पहले वो सामान्य यूनिफॉर्म में आई थीं.  

Advertisement

कर्नल सोफिया कुरैशी

गुजरात के वडोदरा की रहने वाली कर्नल कुरैशी भारतीय सेना के कॉर्प्स ऑफ सिग्नल्स में एक सम्मानित अधिकारी हैं. उन्होंने 1997 में एमएस यूनिवर्सिटी से बायोकेमिस्ट्री में मास्टर डिग्री हासिल की और 1999 में ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (OTA), चेन्नई से कमीशन प्राप्त किया. वह 2006 में कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में शामिल थीं. पहली भारतीय महिला हैं जिन्होंने बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में भारतीय सेना के दस्ते की कमान संभाली.

विंग कमांडर व्योमिका सिंह

भारतीय वायुसेना की एक कुशल हेलीकॉप्टर पायलट, व्योमिका सिंह को 2004 में कमीशन किया गया था. 2017 में विंग कमांडर के पद पर पदोन्नत किया गया. उन्होंने चेतक और चीता हेलीकॉप्टर उड़ाए हैं. कई उच्च जोखिम वाले उड़ान अभियानों में भाग लिया है. 2019 में उन्हें फ्लाइंग ब्रांच में स्थायी कमीशन मिला.

युद्ध वर्दी का महत्व

Advertisement

प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों अधिकारियों ने डिजिटल कैमोफ्लाज पैटर्न वाली युद्ध वर्दी पहनी थी, जो भारतीय सेना और वायुसेना की आधुनिक वर्दी का हिस्सा है. सेना की वर्दी में हरे, भूरे और काले रंगों का मिश्रण होता है, जबकि वायुसेना की वर्दी में नीले, ग्रे और हरे रंगों का पैटर्न शामिल है. यह वर्दी न केवल युद्धक्षेत्र में कार्यक्षमता और छिपने की क्षमता प्रदान करती है, बल्कि सैन्य गौरव और अनुशासन का प्रतीक भी है.

Indian Army

भारतीय सेना की सामान्य युद्ध वर्दी

भारतीय सेना की युद्ध वर्दी को विभिन्न भौगोलिक और युद्ध परिस्थितियों के लिए अनुकूलित किया गया है. सेना ने अपनी वर्दी को और अधिक आधुनिक और कार्यात्मक बनाने के लिए कई बदलाव किए हैं. 2022 में भारतीय सेना ने एक नई डिजिटल पैटर्न वाली युद्ध वर्दी पेश की, जो पुरानी वर्दी की तुलना में अधिक प्रभावी और बहुमुखी है.

नई डिजिटल कैमोफ्लाज युद्ध वर्दी

डिज़ाइन: नई वर्दी में डिजिटल कैमोफ्लाज पैटर्न है, जिसमें हरे, भूरे और काले रंगों का मिश्रण शामिल है. यह पैटर्न जंगल, अर्ध-रेगिस्तानी और शहरी क्षेत्रों में छिपने (कैमोफ्लाज) के लिए आदर्श है.

कपड़ा: वर्दी उच्च गुणवत्ता वाले कॉटन और पॉलिएस्टर के मिश्रण से बनाई गई है, जो इसे हल्का, टिकाऊ और सांस लेने योग्य बनाता है. यह सैनिकों को लंबे समय तक युद्ध परिस्थितियों में आराम प्रदान करता है.

Advertisement

विशेषताएं

  • एर्गोनोमिक डिज़ाइन: वर्दी को सैनिकों की गतिशीलता और आराम को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है. इसमें कंधों और कोहनी पर अतिरिक्त पैडिंग होती है.
  • मल्टीपल पॉकेट्स: वर्दी में कई जेबें होती हैं, जो गोला-बारूद, संचार उपकरण और अन्य आवश्यक सामग्री को रखने के लिए उपयोगी हैं.
  • वाटर-रेसिस्टेंट और फ्लेम-रेसिस्टेंट: कुछ वेरिएंट में जलरोधक और अग्निरोधी गुण होते हैं, जो विभिन्न पर्यावरणीय खतरों से सुरक्षा प्रदान करते हैं.
  • मॉड्यूलर सिस्टम: वर्दी को मॉड्यूलर बनाया गया है, जिससे सैनिक अपनी जरूरत के अनुसार सामान जोड़ या हटा सकते हैं, जैसे बॉडी आर्मर, टैक्टिकल वेस्ट और हेलमेट.
  • उपयोग: यह वर्दी सभी प्रकार के इलाकों में उपयोग के लिए उपयुक्त है, चाहे वह जम्मू-कश्मीर के बर्फीले पहाड़ हों, राजस्थान के रेगिस्तान हों या पूर्वोत्तर के घने जंगल.
  • निर्माण: नई वर्दी का डिज़ाइन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NIFT) के सहयोग से तैयार किया गया है. इसे मेक इन इंडिया पहल के तहत स्वदेशी रूप से निर्मित किया जा रहा है.

पुरानी युद्ध वर्दी

पुरानी वर्दी में पारंपरिक कैमोफ्लाज पैटर्न था, जो मुख्य रूप से हरे और भूरे रंगों पर आधारित था. यह जंगल और अर्ध-रेगिस्तानी क्षेत्रों के लिए उपयुक्त थी, लेकिन शहरी युद्ध और डिजिटल कैमोफ्लाज की तुलना में कम प्रभावी थी. कुछ इकाइयां अभी भी पुरानी वर्दी का उपयोग करती हैं, विशेष रूप से प्रशिक्षण और गैर-युद्ध परिस्थितियों में.

Advertisement

Indian Army

विशेष वर्दी

  • हाई-एल्टीट्यूड वर्दी: सियाचिन जैसे उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों के लिए, सेना विशेष थर्मल-इंसुलेटेड वर्दी का उपयोग करती है, जो -50 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में सुरक्षा प्रदान करती है.
  • रेगिस्तानी वर्दी: राजस्थान और गुजरात के रेगिस्तानी क्षेत्रों के लिए, हल्के रेत के रंग की वर्दी उपयोग की जाती है.
  • काउंटर-इंसर्जेंसी वर्दी: आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए, सेना हल्की और अधिक गतिशील वर्दी का उपयोग करती है, जो शहरी और जंगल दोनों क्षेत्रों में प्रभावी है.

भारतीय वायुसेना की सामान्य युद्ध वर्दी

भारतीय वायुसेना (IAF) की युद्ध वर्दी को मुख्य रूप से पायलटों, ग्राउंड क्रू और वायु रक्षा इकाइयों की जरूरतों को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है. वायुसेना की वर्दी में कैमोफ्लाज और कार्यक्षमता का संतुलन होता है, क्योंकि इसका उपयोग मुख्य रूप से हवाई अड्डों, कमांड सेंटरों और कभी-कभी युद्धक्षेत्र में होता है.

वायुसेना की डिजिटल कैमोफ्लाज यूनिफॉर्म

  • डिज़ाइन: वायुसेना ने भी 2022 में भारतीय सेना के साथ मिलकर डिजिटल कैमोफ्लाज पैटर्न वाली वर्दी को अपनाया. यह पैटर्न नीले, ग्रे और हरे रंगों का मिश्रण है, जो हवाई अड्डों और शहरी क्षेत्रों में छिपने के लिए उपयुक्त है.
  • कपड़ा: वर्दी हल्के और टिकाऊ सामग्री, जैसे कॉटन-पॉलिएस्टर मिश्रण से बनाई जाती है. यह पायलटों और ग्राउंड क्रू को लंबे समय तक आराम प्रदान करती है.

विशेषताएं

Advertisement
  • फ्लाइट सूट्स: पायलटों के लिए विशेष फ्लाइट सूट्स उपलब्ध हैं, जो अग्निरोधी और उच्च दबाव (G-फोर्स) के लिए डिज़ाइन किए गए हैं. ये सूट्स नीले या नारंगी रंग में होते हैं और इसमें जी-सूट (एंटी-ग्रैविटी सूट) शामिल होता है.
  • मल्टीपल पॉकेट्स: ग्राउंड क्रू की वर्दी में उपकरण और संचार डिवाइस रखने के लिए कई जेबें होती हैं.
  • हेलमेट और गॉगल्स: पायलटों की वर्दी में हेलमेट, ऑक्सीजन मास्क और नाइट विजन गॉगल्स जैसे उपकरण शामिल होते हैं.
  • वाटरप्रूफ और फ्लेम-रेसिस्टेंट: वर्दी में जलरोधक और अग्निरोधी गुण होते हैं, जो आपातकालीन स्थिति में सुरक्षा प्रदान करते हैं.
  • उपयोग: यह वर्दी हवाई अड्डों, वायु रक्षा इकाइयों और विशेष अभियानों में उपयोग की जाती है. यह शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में प्रभावी है.

विशेष वर्दी

  • एंटी-जी सूट: पायलटों के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया, यह सूट उच्च गति और तीव्र युद्धाभ्यास के दौरान रक्त प्रवाह को बनाए रखता है.
  • हाई-एल्टीट्यूड सूट: उच्च ऊंचाई पर उड़ान भरने वाले पायलटों के लिए, विशेष प्रेशराइज्ड सूट्स का उपयोग किया जाता है.
  • ग्राउंड क्रू यूनिफॉर्म: ग्राउंड क्रू के लिए हल्की और कार्यात्मक वर्दी होती है, जो रखरखाव और तकनीकी कार्यों के लिए उपयुक्त है.
Live TV

Advertisement
Advertisement