भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने गुरुवार को नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दी. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों महिला अधिकारियों ने युद्ध वर्दी (कॉम्बैट यूनिफॉर्म) में उपस्थित होकर देश की सैन्य ताकत और नारी शक्ति का शानदार प्रदर्शन किया. जबकि इससे पहले वो सामान्य यूनिफॉर्म में आई थीं.
कर्नल सोफिया कुरैशी
गुजरात के वडोदरा की रहने वाली कर्नल कुरैशी भारतीय सेना के कॉर्प्स ऑफ सिग्नल्स में एक सम्मानित अधिकारी हैं. उन्होंने 1997 में एमएस यूनिवर्सिटी से बायोकेमिस्ट्री में मास्टर डिग्री हासिल की और 1999 में ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (OTA), चेन्नई से कमीशन प्राप्त किया. वह 2006 में कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में शामिल थीं. पहली भारतीय महिला हैं जिन्होंने बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में भारतीय सेना के दस्ते की कमान संभाली.
विंग कमांडर व्योमिका सिंह
भारतीय वायुसेना की एक कुशल हेलीकॉप्टर पायलट, व्योमिका सिंह को 2004 में कमीशन किया गया था. 2017 में विंग कमांडर के पद पर पदोन्नत किया गया. उन्होंने चेतक और चीता हेलीकॉप्टर उड़ाए हैं. कई उच्च जोखिम वाले उड़ान अभियानों में भाग लिया है. 2019 में उन्हें फ्लाइंग ब्रांच में स्थायी कमीशन मिला.
युद्ध वर्दी का महत्व
प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों अधिकारियों ने डिजिटल कैमोफ्लाज पैटर्न वाली युद्ध वर्दी पहनी थी, जो भारतीय सेना और वायुसेना की आधुनिक वर्दी का हिस्सा है. सेना की वर्दी में हरे, भूरे और काले रंगों का मिश्रण होता है, जबकि वायुसेना की वर्दी में नीले, ग्रे और हरे रंगों का पैटर्न शामिल है. यह वर्दी न केवल युद्धक्षेत्र में कार्यक्षमता और छिपने की क्षमता प्रदान करती है, बल्कि सैन्य गौरव और अनुशासन का प्रतीक भी है.
भारतीय सेना की सामान्य युद्ध वर्दी
भारतीय सेना की युद्ध वर्दी को विभिन्न भौगोलिक और युद्ध परिस्थितियों के लिए अनुकूलित किया गया है. सेना ने अपनी वर्दी को और अधिक आधुनिक और कार्यात्मक बनाने के लिए कई बदलाव किए हैं. 2022 में भारतीय सेना ने एक नई डिजिटल पैटर्न वाली युद्ध वर्दी पेश की, जो पुरानी वर्दी की तुलना में अधिक प्रभावी और बहुमुखी है.
नई डिजिटल कैमोफ्लाज युद्ध वर्दी
डिज़ाइन: नई वर्दी में डिजिटल कैमोफ्लाज पैटर्न है, जिसमें हरे, भूरे और काले रंगों का मिश्रण शामिल है. यह पैटर्न जंगल, अर्ध-रेगिस्तानी और शहरी क्षेत्रों में छिपने (कैमोफ्लाज) के लिए आदर्श है.
कपड़ा: वर्दी उच्च गुणवत्ता वाले कॉटन और पॉलिएस्टर के मिश्रण से बनाई गई है, जो इसे हल्का, टिकाऊ और सांस लेने योग्य बनाता है. यह सैनिकों को लंबे समय तक युद्ध परिस्थितियों में आराम प्रदान करता है.
विशेषताएं
पुरानी युद्ध वर्दी
पुरानी वर्दी में पारंपरिक कैमोफ्लाज पैटर्न था, जो मुख्य रूप से हरे और भूरे रंगों पर आधारित था. यह जंगल और अर्ध-रेगिस्तानी क्षेत्रों के लिए उपयुक्त थी, लेकिन शहरी युद्ध और डिजिटल कैमोफ्लाज की तुलना में कम प्रभावी थी. कुछ इकाइयां अभी भी पुरानी वर्दी का उपयोग करती हैं, विशेष रूप से प्रशिक्षण और गैर-युद्ध परिस्थितियों में.
विशेष वर्दी
भारतीय वायुसेना की सामान्य युद्ध वर्दी
भारतीय वायुसेना (IAF) की युद्ध वर्दी को मुख्य रूप से पायलटों, ग्राउंड क्रू और वायु रक्षा इकाइयों की जरूरतों को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है. वायुसेना की वर्दी में कैमोफ्लाज और कार्यक्षमता का संतुलन होता है, क्योंकि इसका उपयोग मुख्य रूप से हवाई अड्डों, कमांड सेंटरों और कभी-कभी युद्धक्षेत्र में होता है.
वायुसेना की डिजिटल कैमोफ्लाज यूनिफॉर्म
विशेषताएं
विशेष वर्दी