कर्नाटक में पांच साल पहले परेश मेस्ता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. राज्य में उस समय क्योंकि हिंसा का दौर जारी था, ऐसे में बीजेपी और कुछ दूसरे दक्षिणपंथी संगठनों ने इसे सांप्रदायिक हत्या बता दिया था. लेकिन अब सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में सांप्रदायिक एंगल को खारिज कर दिया है. जोर देकर कहा गया है कि ये मौत एक दुर्घटना थी. शुरुआती जांच के बाद भी सीबीआई ने कहा था कि परेश मेस्ता की मौत डूबने की वजह से हुई थी.
जानकारी के लिए बता दें कि मेस्ता एक मछुआरा था. 6 दिसंबर, 2017 को उसका शव पुलिस को मिला था. तब दावा किया गया कि परेश मेस्ता की हत्या कर दी गई. बीजेपी ने भी तब की कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधा और इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की. बाद में जब सीबीआई ने अपनी जांच शुरू भी की, तब कहा गया कि परेश की मौत डूबने के कारण हुई. हत्या वाले एंगल को लेकर कोई सबूत नहीं मिले थे. इस मामले में पहले पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन अब सीबीआई की रिपोर्ट ने इसे एक्सीडेंटल डेथ बता दिया है.
सीबीआई रिपोर्ट के सामने आते ही कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बीजेपी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि बीजेपी ने इस घटना का राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश की थी. जब सीबीआई ने साफ कर दिया था कि ये एक हत्या नहीं है, बीजेपी ने गुमराह किया. अब पार्टी को आगे आकर लोगों से माफी मांगनी चाहिए. वैसे कांग्रेस जरूर सीबीआई रिपोर्ट के बाद आक्रमक हो गई है, लेकिन परेश के परिवार वाले इस रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं है. उनकी तरफ से इस मामले में फिर जांच की मांग कर दी गई है. मेस्ता के पिता ने दावा कर दिया है कि उनके बेटे के शरीर पर चोट के कई निशान थे, उसकी हत्या ही की गई थी.
वहीं श्रीराम सेना के प्रमोद मुथालिक ने भी परेश मेस्ता की मौत को हत्या ही माना है. उन्होंने कहा है कि सीबीआई ने ये अन्याय किया है. मैं इस रिपोर्ट की निंदा करता हूं. परेश की तो 100 प्रतिशत हत्या की गई थी. तब की कांग्रेस सरकार ने सभी सबूत नष्ट कर दिए थे.