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मुंबई में डील, एक करोड़ रुपये और नेपाल का माफिया... संजीव जीवा के शूटर को लेकर हुआ चौंकाने वाला खुलासा

Sanjeev Jeeva murder Update: लखनऊ के न्यायालय में दिनदहाड़े कुख्यात अपराधी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या की हत्या कर दी गई. इस मामले बड़ा खुलासा हुआ है. सूत्रों का कहना है कि संजीव जीवा को मारने की डील मुंबई में हुई थी. शूटर को एडवांस में रुपये भी दिए गए. इसके बाद उसे रिवॉल्वर बहराइच में दी गई. इसके अलावा शूटर का नेपाल कनेक्शन भी सामने आया है.

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 संजीव जीवा को मारी गईं थीं 6 गोलियां.
संजीव जीवा को मारी गईं थीं 6 गोलियां.

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात माफिया और मुख्तार अंसारी के करीबी संजीव जीवा माहेश्वरी की बुधवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस वारदात को हमलावरों ने कोर्ट परिसर में अंजाम दिया. इसके लिए वह बाकायदा वकील की ड्रेस पहनकर पहुंचे थे. अब इस मामले में नई जानकारी सामने आ रही है. सूत्रों के अनुसार, संजीव जीवा को मारने की डील मुंबई में हुई थी. मुंबई में ही शूटर विजय यादव को डील की बड़ी रकम एडवांस में दी गई थी.

मुंबई में साजिश के तहत डील होने के बाद जब आरोपी विजय यादव यूपी पहुंचा तो उसे एक अनजान व्यक्ति ने बहराइच में मैग्नम रिवॉल्वर दी थी. जेल जाने से पहले की गई शुरुआती पूछताछ में विजय यादव ने ये बातें कबूली हैं. उसने पुलिस को बताया कि पैसों के लिए संजीव जीवा की हत्या की है. पुलिस का कहना है कि हत्या में एक करोड़ से अधिक की डील हुई थी. हत्या के आरोपी विजय यादव को एडवांस में मुंबई में रकम दी गई थी.

कुछ दिन पहले नेपाल गया था शूटर विजय यादव

संजीव जीवा हत्याकांड मामले में शूटर विजय यादव का नेपाल कनेक्शन सामने आया है. विजय यादव कुछ दिन पहले ही नेपाल गया था, जहां वह नेपाल के बड़े माफिया के संपर्क में था. नेपाल से ही विजय यादव को सुपारी मिलने का शक जताया जा रहा है. विजय यादव का मोबाइल पुलिस के कब्जे में है. मोबाइल का डाटा रिट्रीव करने की कोशिश की जा रही है. फॉरेंसिक जांच के लिए मोबाइल भेजा गया है. पुलिस का कहना है कि विजय के मोबाइल से मर्डर के राज खुल सकते हैं.

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यह भी पढ़ेंः 18 साल पहले हुआ था संजीव जीवा की मौत का हल्ला, मुठभेड़ में ऐसे बच निकला था शातिर, पढ़िए पूरी कहानी

बता दें कि बुधवार को लखनऊ में SC-ST कोर्ट रूम में मुख्तार अंसारी के करीबी गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी जीवा पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर विजय यादव ने उसकी हत्या कर दी. इस दौरान कोर्ट रूम में अफरा-तफरी मच गई. वारदात के दौरान जज के साथ ही वकीलों ने टेबल का सहारा लेकर खुद को सेफ किया. दहशत भरे माहौल के बीच सभी इधर-उधर भागने लगे. वहीं जज अपने रूम में चले गए.

घटना को लेकर क्या बोले थे ज्वाइंट कमिश्नर

ज्वाइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस लॉ एंड ऑर्डर लखनऊ उपेंद्र अग्रवाल ने घटना के बाद कहा था कि संजीव महेश्वरी जीवा की एससी-एसटी कोर्ट में पेशी थी. उसकी सुनवाई का समय साढ़े तीन बजे के बाद का था. इसी दौरान जब जीवा सुनवाई के लिए कोर्ट रूम में जा रहा था, तभी एक हमलावर पीछे से आया और संजीव जीवा पर फायरिंग करते हुए हमला कर दिया, जिसमें में वो घायल हो गया.

लखनऊ में घटना के दौरान दो पुलिसकर्मी भी हमले में घायल हुए. इसके अलावा वहां पर एक महिला भी अपने पति और बच्चे के साथ थी, जो चोटिल हो गई. उसकी उंगली में चोट आई थी. वहीं एक बच्ची भी चोटिल हुई. सिक्योरिटी में कहां चूक हुई, ये जांच का विषय है.

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कभी मेडिकल कंपाउंडर था संजीव जीवा

संजीव जीवा

गैंगस्टर संजीव जीवा (Sanjeev Jeeva Murder) कभी कंपाउंडर हुआ करता था. संजीव का पूरा नाम संजीव माहेश्वरी था. वो मूलरूप से वेस्टर्न यूपी के मुजफ्फरनगर का रहने वाला था. वहीं से क्राइम की शुरुआत की थी. जहां संजीव कंपाउंडर था, उसी दवाखाना के मालिक का अपहरण कर लिया था. उसके बाद फिरौती मांगी थी.

इसके बाद किडनैपिंग किंग बन गया और माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) का खास बन गया. साल 2021 में संजीव जीवा की पत्नी पायल ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को लेटर लिखकर आशंका जताई थी कि उसके पति की जान को खतरा है. पायल 2017 में RLD के टिकट पर विधानसभा चुनाव भी लड़ी थी, जिसमें वो हार गई थी.

कोलकाता के कारोबारी के बेटे का किया था किडनैप

90 के दशक में संजीव जीवा ने कोलकाता के एक कारोबारी के बेटे का अपहरण कर लिया था. उस समय उसने 2 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी, जिसे उस समय मांगी गई सबसे बड़ी फिरौती में से एक कहा गया था. इसके बाद वो अपनी गैंग को तेजी से बढ़ाने लगा था. इस अपहरण के बाद संजीव जीवा हरिद्वार की नाजिम गैंग से जुड़ा था. इसके बाद सतेंद्र बरनाला गैंग में शामिल हो गया था. 

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बीजेपी नेता ब्रह्मदत्त का मर्डर कर बना कुख्यात

संजीव जीवा का नाम उस समय सबसे ज्यादा यूपी में चर्चा में आया था, जब उसने एक इशारे पर बीजेपी के बड़े नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या कर दी थी. इस घटना के बाद संजीव जीवा की गिरफ्तारी हुई. उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. संजीव जीवा मुन्ना बजरंगी और फिर मुख्तार अंसारी के संपर्क में आया था.

मुज्जफरनगर का होने और आधुनिक हथियारों का शौकीन संजीव जीवा ने हथियारों की सप्लाई भी शुरू कर दी थी. इसी की बदौलत उसका संपर्क मुख्तार अंसारी से हुआ था. मुख्तार को ऐसे हथियारों का शौक था. फिर दोनों में दोस्ती हो गई थी.

सब इंस्पेक्टर की तहरीर पर हमलावर के खिलाफ केस दर्ज

संजीव जीवा की पुलिस अभिरक्षा में हत्या के मामले में सब इंस्पेक्टर की तहरीर पर fir दर्ज की गई है. सब इंस्पेक्टर उदय प्रताप सिंह की तरफ से आरोपी विजय यादव के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था. लखनऊ के वजीरगंज थाने में हत्या, हत्या का प्रयास, 7 CLA, लोक सेवा को चोट पहुंचाना समेत ipc की धाराओं में केस दर्ज हुआ था.

संजीव जीवा हत्याकांड मामले में देर रात एसआईटी टीम जांच करने भी पहुंची थी, जिसमें एडीजी प्रवीण कुमार सहित अन्य अफसर शामिल थे. टीम ने तकरीबन 1 घंटे तक घटनास्थल का मुआयना किया था.

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जौनपुर का रहने वाला है हमलावर विजय यादव

पुलिस ने बताया कि हमलावर की पहचान जौनपुर जिले के रहने वाले 24 वर्षीय विजय यादव के रूप में हुई है. वारदात के बाद कोर्ट रूम के बाहर शाम करीब चार बजे मौके पर ही पुलिस ने उसे पकड़ लिया. प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि हमलावर ने वकील की ड्रेस पहन रखी थी, उसने करीब छह गोलियां चलाईं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का निर्देश दिया है.

पाइप लाइन बिछाने वाली कंपनी में काम कर रहा था आरोपी

शूटर विजय यादव 2 महीने से लखनऊ में पेयजल योजना के तहत पाइप लाइन बिछाने वाली निजी कंपनी में काम कर रहा था. वह 11 मई को घर गया था. बीते 15 दिन से विजय उसका मोबाइल बंद था. उसके घरवाले भी बातचीत नहीं कर पा रहे थे. लखनऊ से पहले विजय यादव मुंबई में एक निजी कंपनी में काम करता था. साल 2016 में नाबालिग किशोरी के अपहरण, दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट में विजय को जेल भेजा गया था.

मुजफ्फरनगर का रहने वाला था संजीव जीवा

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि लखनऊ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 48 वर्षीय जीवा को सुनवाई के लिए कोर्ट ले जाया गया था, उसी दौरान उस पर हमला किया गया. यूपी के मुजफ्फरनगर का रहने वाला जीवा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक कृष्णानंद राय और पूर्व मंत्री ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या के साथ-साथ अन्य कई मामलों में आरोपी था.

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भाजपा नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या में जीवा को हुई थी उम्रकैद

भाजपा के बड़े नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी की उनके गनर सहित 10 फरवरी 1997 को फर्रुखाबाद जिले में हत्या कर दी गई थी. ट्रायल कोर्ट ने 17 जुलाई 2003 को जीवा को द्विवेदी और उनके गनर की हत्या और ड्राइवर पर जानलेवा हमला करने के लिए दोषी ठहराया था. इस मामले में कोर्ट ने जीवा को उम्रकैद की सजा सुनाई थी.

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