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पूर्व सांसद केडी सिंह के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच, TMC का 10 करोड़ रुपये का डिमांड ड्राफ्ट जब्त

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी कहती रही हैं कि उनके नेताओं के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है. जबकि भाजपा का कहना है कि ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग जैसी एजेंसियां भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही हैं.

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पूर्व सांसद केडी सिंह के खिलाफ साल 2018 में PMLA  का केस लगा था
पूर्व सांसद केडी सिंह के खिलाफ साल 2018 में PMLA का केस लगा था

प्रवर्तन निदेशालय (ED) TMC के पूर्व सांसद केडी सिंह की कंपनी अलकेमिस्ट ग्रुप के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस में जांच कर रहा है. ने सोमवार को इसी केस के तहत ईडी ने तृणमूल कांग्रेस का 10.29 करोड़ रुपये का एक डिमांड ड्राफ्ट जब्त कर लिया. ऐसा पहली बार है कि किसी राजनीतिक दल की संपत्ति मनी लॉन्ड्रिंग रोधी कानून के तहत कुर्क की गई है.

टीएमसी का नेतृत्व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कर रही हैं, जिनका केंद्र सरकार के साथ टकराव चल रहा है. ममता और उनकी पार्टी कहती रही हैं कि उनके नेताओं के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है. जबकि भाजपा का कहना है कि ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग जैसी एजेंसियां भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही हैं.

पीटीआई के मुताबिक, ED ने एक बयान में कहा कि जब्त किए गए 10.29 करोड़ रुपये के डिमांड ड्राफ्ट की रकम का इस्तेमाल केडी सिंह की कंपनी (अल्केमिस्ट) उन विमानन कंपनियों को भुगतान करने के लिए करना चाहती थी, जिनकी सेवाएं 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रचार लिए ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (एआईटीसी) पार्टी द्वारा ली गई थीं. 

प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि इन विमानों का इस्तेमाल टीएमसी ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, पार्टी विधायक और पूर्व रेल मंत्री मुकुल रॉय, अभिनेता मुनमुन सेन और सांसद नुसरत जहां जैसे अपने स्टार प्रचारकों के लिए किया था.

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केडी सिंह यानी कंवर दीप सिंह राज्यसभा से पार्टी के पूर्व सांसद हैं. मनी लॉन्ड्रिंग का मामला अलकेमिस्ट ग्रुप के विभिन्न व्यक्तियों और कंपनियों के खिलाफ सीबीआई, कोलकाता पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज की गई कई एफआईआर पर आधारित है.

आपको बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय को इससे पहले भी केडी सिंह के ठिकानों पर छापेमारी में कई जरूरी कागजात, विदेशी करेंसी और कैश मिला था. साल 2018 में ही केडी सिंह पर PMLA के तहत केस शुरू किया गया था. KD सिंह की कंपनी अल्केमिस्ट इन्फ्रा रियलटी लिमिटेड पर ED ने 2016 में केस दर्ज किया था. आरोप था कि इस कंपनी ने लोगों को करीब 1900 करोड़ रुपये का चूना लगाया था. 

SEBI की ओर से कंपनी, इसके डायरेक्टर और शेयर होल्डर्स पर मामला दर्ज किया गया था. प्रवर्तन निदेशालय की ओर से इससे पहले भी केडी सिंह की संपत्ति को सीज किया गया था. केडी सिंह की करीब  239 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई थी, जिसमें रिजॉर्ट, शोरूम और बैंक खाते भी शामिल थे. केडी सिंह के ठिकानों पर ईडी पहले भी छापेमारी कर चुकी है.

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