ओडिशा के कटक शहर में धार्मिक जुलूस को लेकर शुरू हुआ मामूली विवाद हिंसा में तब्दील हो गया, जिसके बाद से तनाव जारी है. रविवार को हुई हिंसा के बाद सोमवार को शहर में 12 घंटे का बंद का जारी है. इस दौरान चारों ओर सुरक्षा बलों का कड़ा पहरा लगा हुआ है. इस बीच पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया है. स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन पुलिस अधिकारी हालात पर नजर रखे हुए हैं.
पुलिस आयुक्त एस देव दत्ता सिंह ने बताया कि रविवार को विहिप कार्यकर्ताओं द्वारा पुलिस पर किए गए हमले के संबंध में तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं. उन्होंने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है, लेकिन तनाव अभी भी महसूस किया जा सकता है, क्योंकि कई इलाकों में पुलिस बलों की गश्त जारी है. इस हिंसा में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अमरेंद पांडा और डीसीपी ऋषिकेश ज्ञानदेव समेत कुल 25 लोग घायल हुए हैं.
पुलिस अधिकारी अमरेंद पांडा की हालत गंभीर है. उन्हें एससीबी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है. पुलिस ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कई शरारती तत्वों की पहचान की गई है. इसके साथ ही शहर के विभिन्न हिस्सों में लगातार छापेमारी चल रही है. इस हिंसा की शुरुआत शनिवार तड़के दरगाहबाजार इलाके में हुई, जब हाथी पोखरी के पास धार्मिक विसर्जन जुलूस गुजर रहा था.

स्थानीय लोगों ने जुलूस में बज रहे तेज संगीत पर आपत्ति जताई. देखते ही देखते विवाद ने हिंसक रूप ले लिया. दोनों पक्षों में पत्थरबाजी और बोतल फेंकने की घटनाएं हुईं. इस दौरान डीसीपी ज्ञानदेव समेत कई लोग घायल हो गए. इसके बाद माहौल और बिगड़ गया. रविवार को विहिप कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर जुलूस की सुरक्षा में लापरवाही का आरोप लगाते हुए 12 घंटे के बंद का आह्वान किया, जो आज भी जारी है.
रविवार को बंद के समर्थन में विहिप कार्यकर्ताओं ने बाइक रैली निकाली. पुलिस ने जैसे ही रैली को उपद्रवग्रस्त इलाकों में पहुंचने से रोका, भीड़ भड़क गई. हिंसा फिर से शुरू हो गई. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पथराव किया. इसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियों का इस्तेमाल करना पड़ा. हिंसा के दौरान गौरीशंकर पार्क इलाके की कई दुकानों में आग लगने की भी खबर है.
हालांकि, सोमवार को बंद के दौरान कोई नई हिंसक घटना सामने नहीं आई, लेकिन शहर में भारी तनाव और सुरक्षा व्यवस्था बनी रही. सोमवार सुबह 6 बजे से बंद शुरू हुआ, जिसका मिला-जुला असर देखा गया. सरकारी कार्यालय और स्कूल-कॉलेज खुले रहे, लेकिन उपस्थिति बेहद थी. बाजार और पेट्रोल पंप खुले रहे. सार्वजनिक परिवहन सीमित रहा. हिंसा और बंद के मद्देनजर भारी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है.

एसीपी नरसिंह भोल ने बताया कि ओडिशा पुलिस के 1800 जवान, सीएपीएफ और ओडिशा स्विफ्ट एक्शन फोर्स के लगभग 800 जवान तैनात किए गए हैं. संवेदनशील इलाकों में लगातार गश्त हो रही है और बाहरी लोगों की एंट्री पर सख्त पाबंदी लगाई गई है. उन्होंने कहा, ''बाहर से आने वाले लोगों को शहर में प्रवेश की अनुमति नहीं है. यहां काम करने वाले और एससीबी मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए लोग आ सकते हैं.
एडीजी (कानून व्यवस्था) संजय कुमार ने बताया कि कटक शहर के 20 में से 13 थाना क्षेत्रों में 36 घंटे के लिए निषेधाज्ञा लागू की गई है, जो मंगलवार सुबह 10 बजे तक प्रभावी रहेगी. किसी भी तरह की अफवाह या हिंसा को रोकने के लिए रविवार शाम 7 बजे से इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं. सभी एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं. वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर हालात की निगरानी कर रहे हैं.