ओडिशा के खुर्दा जिले में जमीन विवाद की वजह से एक परिवार में खूनी संघर्ष देखने को मिला. यहां एक 42 वर्षीय व्यक्ति को उसके ही पिता, सौतेली मां और सौतेले भाई ने जिंदा जलाकर मौत के घाट उतार दिया.
इसके बाद पुलिस से बचने के लिए इसे आत्मदाह का रूप दे दिया. लेकिन पुलिस ने इस सनसनीखेज वारदात का पर्दाफाश करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
जानकारी के मुताबिक, मृतक की पहचान बलियंत थाना क्षेत्र के सारीपुर गांव निवासी ज्योतिरंजन मथिया के रूप में हुई है. उसे शुक्रवार को पेट्रोल डालकर जलाया गया था.
गंभीर रूप से झुलसे ज्योतिरंजन को पहले अथंतर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, फिर कैपिटल अस्पताल और आखिर में एम्स भुवनेश्वर में भर्ती कराया गया. लेकिन उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया था.
सहायक पुलिस आयुक्त (जोन 4) अभिमन्यु नायक ने बताया कि पुलिस को दिए बयान में मृतक के परिजनों ने बताया कि उसने आत्मदाह कोशिश की, जिसकी वजह से उसकी जान चली गई.
हालांकि, पुलिस की जांच और पीड़ित के मृत्यु पूर्व बयान (डाइंग डिक्लेरेशन) ने इस राज से पर्दा हटा दिया. ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग में दर्ज बयान से साफ हो गया कि पीड़िता पर पेट्रोल डाला गया था.
जमीन विवाद में सुनियोजित हत्या
पुलिस अधिकारी ने बताया, "प्रथम दृष्टया यह आत्मदाह नहीं बल्कि सुनियोजित हत्या का मामला है. जमीन विवाद इस वारदात की जड़ में है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद जांच को और मजबूती मिलेगी."
मृतक की पत्नी बिजयलक्ष्मी बेहरा ने परिजनों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उसका कहना है कि उनके पति को संपत्ति में हिस्सा देने से ससुर सुरेंद्रनाथ मथिया (74) ने इनकार कर दिया था.
हत्या से पहले शारीरिक प्रताड़ना
इस वजह से परिवार में लगातार विवाद चलता रहा. बिजयलक्ष्मी ने आरोप लगाया कि सौतेली मां प्रवती मथिया (57) न सिर्फ उनके पति को प्रताड़ित करती थी, बल्कि उन्हें भी लगातार मानसिक यातना देती रही.
पुलिस ने वारदात में शामिल तीन मुख्य आरोपियों पिता सुरेंद्रनाथ मथिया, सौतेली मां प्रवती मथिया और सौतेला भाई प्रशांत कुमार मथिया (34), को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.