कर्नाटक के बल्लारी जिले में पुलिस ने जिला अस्पताल से बच्चा चोरी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. मां के शौचालय जाते ही आरोपी महिला उसका बच्चा लेकर फरार हो गई थी. महज 24 घंटे के भीतर पुलिस ने बच्चे को सुरक्षित बरामद कर लिया. आरोपी महिला शमीम, उसके पति इस्माइल, साथी बाशा और खरीदार बसवराज महंतप्पा को गिरफ्तार किया गया है.
बल्लारी की पुलिस अधीक्षक शोभा रानी ने रविवार को बताया कि शमीम और इस्माइल ने अपने साथी बाशा के साथ मिलकर शुक्रवार को बच्चे का अपहरण किया था. इसके बाद बच्चे को तोरणगल्लू निवासी बसवराज महंतप्पा को बेच दिया गया. 19 साल से निःसंतान बसवराज महंतप्पा कानूनी तौर पर बच्चा गोद लेने की कोशिश में बार-बार नाकाम हो रहा था.
इसी बीच उसने स्वयंभू नीम हकीम बाशा से संपर्क किया, जिसने उसे अवैध तरीके से बच्चा दिलाने का आश्वासन दिया. ये घटना उस समय हुई जब बेनाकल्लू गांव की श्रीदेवी, अपने नवजात शिशु का टांका हटवाने और जन्म प्रमाण पत्र लेने के लिए जिला अस्पताल आई थीं. अस्पताल में शमीम ने उससे कहा कि जन्म प्रमाण पत्र नगर निगम कार्यालय से जारी होगा.
इसी बहाने उसने विश्वास जीत लिया. श्रीदेवी शौचालय जाने के लिए थोड़ी देर के लिए बाहर गईं. इस दौरान उन्होंने अपना बच्चा शमीम की देखरेख में छोड़ दिया. मौके का फायदा उठाकर शमीम तुरंत बच्चे को लेकर फरार हो गई. इसके बाद घबराई श्रीदेवी ने तत्काल ब्रूसपेट पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई. इस मामले की गंभीरता देखते हुए पुलिस सक्रिय हो गई.
एसपी शोभा रानी के नेतृत्व कई पुलिस टीमों का गठन किया गया. तेजी से कार्रवाई की गई. इस दौरान पुलिस ने आरोपियों का पता लगाकर शनिवार रात तक बच्चे को सुरक्षित बरामद कर लिया. पुलिस जांच में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ. शमीम की मां जैनबी बच्चा चुराने का काम करती थी. उसके खिलाफ पहले भी एक मामले में दोषी करार दिया गया था.
पुलिस अब इस गिरोह की गहरी पड़ताल कर रही है कि कहीं ये लोग और मामलों में तो शामिल नहीं हैं. एसपी का कहना है कि इस वारदात में संगठित गिरोह की सक्रियता के संकेत मिल रहे हैं. आरोपी कैसे अस्पताल तक पहुंचकर मां का विश्वास जीतने में कामयाब हुए और फिर बच्चे को अवैध सौदेबाज़ी में इस्तेमाल किया, यह पूरे नेटवर्क का हिस्सा लगता है.