दिल्ली से सटे गुरुग्राम के सेक्टर-10 में गुरुवार को उस समय सनसनी फैल गई, जब पुलिस और कुख्यात गैंगस्टर रोहित गोदारा गिरोह के गुर्गों के बीच एनकाउंटर हो गया. जवाबी कार्रवाई के बाद पुलिस ने दोनों बदमाशों को दबोच लिया. आरोपियों की पहचान नितिन (28) और यशपाल (23) के रूप में हुई है. दोनों बदमाशों के पैरों में गोली लगी. उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, दोनों आरोपी रेवाड़ी जिले के रहने वाले हैं. बुधवार को रेवाड़ी में इंस्पेक्टर अनिल छिल्लर पर हुए हमले में सीधे तौर पर शामिल थे. इतना ही नहीं, इन पर स्पेशल टास्क फोर्स की पलवल यूनिट पर गोलीबारी करने का भी आरोप है. गुरुवार तड़के करीब 3 बजे पुलिस को इनकी गतिविधियों की गुप्त सूचना मिली थी. पुलिस को पता चला कि दोनों गढ़ी हरसरू रोड पर मौजूद हैं.
दोनों आरोपी किसी बड़े अपराध को अंजाम देने की तैयारी में हैं. सूचना मिलते ही झज्जर जिले के बहादुरगढ़ एसटीएफ प्रभारी इंस्पेक्टर राकेश कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम गढ़ी हरसरू रोड पर पहुंची. जैसे ही पुलिस की गाड़ियां इलाके में दाखिल हुईं, वहां मौजूद दोनों आरोपी सतर्क हो गए और मौके से भागने लगे. पीछा करने पर उन्होंने पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. फायरिंग बहुत भयानक थी.
बदमाशों की दो गोलियां सीधे पुलिसकर्मियों की बुलेटप्रूफ जैकेट से टकराईं, लेकिन टीम ने मोर्चा नहीं छोड़ा. इसके बाद एसटीएफ ने पोजीशन लेते हुए जवाबी फायरिंग की और दोनों बदमाशों को पैरों में गोली लगी. घायल होने के बावजूद उन्हें जिंदा दबोच लिया गया. घटनास्थल से पुलिस ने दो अवैध पिस्तौल और नौ जिंदा कारतूसों के खोल बरामद किए. इसके बाद सेक्टर-10ए पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई.
गुरुग्राम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आरोपी नितिन के खिलाफ रेवाड़ी और गुरुग्राम में कुल सात मामले दर्ज हैं. वहीं यशपाल पर रेवाड़ी और गुरुग्राम में दो-दो मामले पहले से दर्ज हैं. पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह गिरफ्तारी एसटीएफ के लिए बड़ी सफलता है, क्योंकि इन दोनों की गिरफ्तारी के साथ रोहित गोदारा गिरोह की एक बड़ी साजिश भी नाकाम कर दी गई है.