ED Raid Donki Route Case: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने डंकी रूट के जरिए अवैध इमिग्रेशन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ी कार्रवाई की है. बुधवार को ED ने पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में एक साथ छापेमारी की. यह तलाशी अभियान कुल 13 व्यावसायिक और आवासीय परिसरों पर चलाया गया.
संबंधित अधिकारियों के मुताबिक यह कार्रवाई लंबे समय से चल रही जांच का हिस्सा है. जांच का फोकस अवैध तरीके से भारतीयों को विदेश भेजने वाले नेटवर्क पर है. खास तौर पर अमेरिका भेजे गए लोगों का मामला जांच के केंद्र में है. ED ने कहा कि इस नेटवर्क में कई लोग शामिल हैं.
जालंधर जोनल ऑफिस का एक्शन
इस पूरे तलाशी अभियान का संचालन ED के जालंधर जोनल ऑफिस ने किया. 18 दिसंबर को की गई इस कार्रवाई में कई अहम दस्तावेज और डिजिटल सबूत खंगाले गए. जांच उस नेटवर्क से जुड़ी है जो भारत से लोगों को गैरकानूनी तरीके से विदेश भेजता था. ED अधिकारियों के मुताबिक यह नेटवर्क बेहद संगठित और योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहा था.
जांच एजेंसी ने बताया कि यह मामला केवल एक राज्य तक सीमित नहीं है। इसमें कई राज्यों और विदेशी संपर्कों की भूमिका सामने आई है. ED का कहना है कि जांच अभी जारी है.
330 भारतीयों की डिपोर्टेशन
इस जांच की शुरुआत फरवरी 2025 में हुई एक बड़ी घटना के बाद हुई. अमेरिका से 330 भारतीय नागरिकों को एक सैन्य कार्गो विमान से डिपोर्ट किया गया था. इसके बाद भारत में कई FIR दर्ज की गईं. इन्हीं शिकायतों के आधार पर ED ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया. जांच में सामने आया कि इन सभी लोगों को डंकी रूट के जरिए अमेरिका भेजा गया था. अवैध इमिग्रेशन का यह तरीका बेहद खतरनाक और गैरकानूनी माना जाता है. ED ने इसे संगठित अपराध से जुड़ा मामला बताया है.
कैसे काम करता था डंकी रूट नेटवर्क
ED की जांच में डंकी रूट से जुड़े एक जटिल नेटवर्क का खुलासा हुआ है. इस नेटवर्क में ट्रैवल एजेंट, बिचौलिए और तथाकथित ‘डोंकर’ शामिल थे. इसके अलावा विदेशी संपर्क, हवाला ऑपरेटर और लॉजिस्टिक सपोर्ट देने वाले लोग भी जुड़े थे. अलग-अलग चरणों में लोगों को ठहराने और आगे बढ़ाने की व्यवस्था की जाती थी. हर लेयर का काम अलग था और सभी एक-दूसरे से जुड़े थे. ED का कहना है कि यह पूरा सिस्टम अवैध कमाई पर आधारित था. इसी कमाई को मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए घुमाया जाता था.
कई किरदार बेनकाब
ED ने बताया कि पहले की गई छापेमारी और जांच में अहम सुराग मिले थे. इन सबूतों से नेटवर्क की दूसरी और तीसरी परत के लोगों की पहचान हुई है. अब इन्हीं नए नामों और संस्थाओं को ताजा तलाशी अभियान में शामिल किया गया है. अधिकारियों का कहना है कि ये लोग सीधे तौर पर अवैध इमिग्रेशन को आसान बनाते थे. कुछ लोग पैसों के लेन-देन में शामिल थे तो कुछ लॉजिस्टिक मदद देते थे. ED का दावा है कि यह नेटवर्क काफी गहराई तक फैला हुआ है. आने वाले दिनों में और नाम सामने आ सकते हैं.
किन ठिकानों पर हुई छापेमारी?
बुधवार को जिन ठिकानों पर छापेमारी हुई उनमें कई बड़े नाम शामिल हैं. जालंधर की Richi Travels पर ED ने तलाशी ली. इसके अलावा दिल्ली में तरुण खोसला और पानीपत के बलवान शर्मा के ठिकानों पर भी कार्रवाई हुई. ED इन सभी की भूमिका की जांच कर रही है. एजेंसी यह पता लगाने में जुटी है कि इन्होंने अवैध माइग्रेशन में कैसे मदद की. साथ ही अपराध से हुई कमाई के लेन-देन की भी जांच हो रही है. ED ने कहा कि सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई तय होगी.
करोड़ों की संपत्ति पहले ही अटैच
ED ने इस मामले में पहले ही बड़ी वित्तीय कार्रवाई की है. एजेंसी ने हाल ही में 5.41 करोड़ रुपये की संपत्ति अस्थायी रूप से अटैच की है. ये संपत्तियां उन लोगों की हैं जो डंकी रूट के जरिए लोगों को विदेश भेजकर अवैध कमाई कर रहे थे. ED के मुताबिक यह रकम ‘प्रोसीड्स ऑफ क्राइम’ के तहत आती है.
एजेंसी अब इस पैसे के स्रोत और इस्तेमाल की गहन जांच कर रही है. एजेंसी के अधिकारियों ने साफ किया कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. यह कार्रवाई अवैध इमिग्रेशन नेटवर्क पर बड़ा संदेश मानी जा रही है.