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भड़काऊ वीडियो, सनसनीखेज आरोप और पुलिस पूछताछ... धर्मस्थल केस में इस यूट्यूबर पर कसा शिकंजा

Dharmasthala Mass Burial Case: धर्मस्थल सामूहिक दफन मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. यहां महिलाओं और लड़कियों के शव दफनाने के दावों के बीच पुलिस ने शिकायतकर्ता को ही गिरफ्तार कर लिया. इसके साथ ही भड़काऊ वीडियो बनाने के आरोप में एक यूट्यूबर को नोटिस जारी किया गया है.

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धर्मस्थल मामले में शिकायतकर्ता गिरफ्तार, यूट्यूबर को एसआईटी का नोटिस. (File Photo: ITG)
धर्मस्थल मामले में शिकायतकर्ता गिरफ्तार, यूट्यूबर को एसआईटी का नोटिस. (File Photo: ITG)

कर्नाटक के धर्मस्थल सामूहिक दफन मामले में यूट्यूबर एमडी समीर पर एसआईटी का शिकंजा कस गया है. शनिवार को पुलिस ने समीर को एक नोटिस जारी कर 24 अगस्त को विशेष जांच दल (एसआईटी) के सामने पेश होने का आदेश दिया है. यह नोटिस बल्लारी स्थित उनके घर पर चिपकाया गया. यह कार्रवाई ऐसे समय में की गई है, जब मंगलुरु की एक अदालत ने 21 अगस्त को उन्हें अग्रिम जमानत दी थी.

यूट्यूबर एमडी समीर पर आरोप है कि उन्होंने धर्मस्थल मामले से जुड़ा एक वीडियो अपलोड किया, जिसमें भड़काऊ कंटेंट और आपत्तिजनक दावे थे. धर्मस्थल पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 192 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसावे की कार्रवाई), 240 (गलत जानकारी देना) और 353(1)(बी) (सार्वजनिक उपद्रव फैलाने वाले बयान) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि समीर ने अपने वीडियो में ऐसे गंभीर आरोप लगाए थे, जिनसे सामाजिक तनाव बढ़ सकता था. इसके साथ ही माहौल बिगड़ने का खतरा था. एसआईटी अब उनकी भूमिका की गहराई से जांच कर रही है. यूट्यूबर समीर के लाखों ऑनलाइन फॉलोअर्स हैं. उनका दावा है कि वे मुख्यधारा के मीडिया द्वारा नजरअंदाज़ किए गए मुद्दों को लोगों के सामने लाते हैं.

यूट्यूबर पर भड़काऊ वीडियो का आरोप

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हालांकि, पुलिस का कहना है कि हाल ही में जारी उनकी सामग्री भड़काऊ थी और सार्वजनिक शांति भंग कर सकती थी. अदालत ने अग्रिम जमानत देते हुए साफ निर्देश दिए हैं कि एमडी समीर पुलिस की जांच में पूरा सहयोग करेंगे और भविष्य में किसी तरह का भड़काऊ बयान नहीं देंगे. इसके साथ ही वीडियो पोस्ट पर रोक है. अब 24 अगस्त को एसआईटी पूरे मामले में उनसे पूछताछ करने वाली है.

शिकायतकर्ता गिरफ्तार, पहचान उजागर

इस केस में एक और बड़ा मोड़ तब आया, जब पुलिस ने शिकायतकर्ता को गिरफ्तार कर लिया. अब तक जांच पैनल के सामने नकाब पहनकर पेश हो रहे इस शख्स की पहचान सी एन चिन्नैया के रूप में हुई है. वो पेशे से एक सफाई कर्मचारी रह चुका है. उसने दावा किया था कि साल 1995 से 2014 तक धर्मस्थल में काम किया और उस दौरान उसे कई शवों को दफनाने के लिए मजबूर किया गया.

महिलाओं-लड़कियों को दफनाने का दावा

चिन्नैया का आरोप था कि दफनाए गए शवों में बड़ी संख्या महिलाओं और नाबालिग लड़कियों की थी. उनका दावा है कि कई शवों पर यौन उत्पीड़न के निशान भी पाए गए. इस संबंध में उन्होंने मजिस्ट्रेट के सामने बयान भी दर्ज कराया है. धर्मस्थल केस में लगातार हो रहे नए खुलासों ने पूरे कर्नाटक को हिला दिया है. फिलहाल पुलिस इस मामले में ठोस सबूत जुटाने की कोशिश में लगी है.

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