कर्नाटक के मंगलुरु में धर्मस्थल केस की जांच एक बार फिर तेज हो गई है. एसआईटी शनिवार तड़के इस केस में गिरफ्तार गवाह और शिकायतकर्ता सीएन चिन्नय्या को कड़ी सुरक्षा में अज्ञात स्थानों पर 'स्पॉट महाजर' (घटनास्थल का प्रत्यक्ष निरीक्षण) के लिए ले गई. सुबह करीब 6 बजे शुरू हुई इस कार्रवाई के दौरान टीम ने उन जगहों का दौरा किया जो सीधे चिन्नय्या के बयानों से जुड़े थे. यहां से जांच टीम ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज़ भी जब्त किए.
एसआईटी के एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा कारणों से 'स्पॉट महाजर' प्रक्रिया सुबह-सुबह की गई. हालांकि, अभी बरामद दस्तावेजों की प्रकृति और उनकी अहमियत पर कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की गई है. चिन्नय्या ने पहले दावा किया था कि धर्मस्थल परिसर में कई शवों को दफनाया गया है. इनमें यौन शोषण की शिकार महिलाओं और नाबालिग लड़कियों के शव भी शामिल थे.
इन आरोपों ने मंदिर प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए थे, लेकिन अब केस लगातार नए मोड़ ले रहा है. इसी बीच, धर्मस्थल केस की दूसरी शिकायतकर्ता सुजाता भट्ट का रुख पूरी तरह बदलता दिखाई दे रहा है. शुक्रवार को एसआईटी ने उनसे लगातार तीसरे दिन पूछताछ की, जिसमें उन्होंने अपनी शिकायत वापस लेने की इच्छा जताई. इस शिकायत में उन्होंने अपनी बेटी के लापता होने की बात कही थी.
उन्होंने कहा था कि साल 2003 में उनकी बेटी अनन्या धर्मस्थल मंदिर परिसर से रहस्यमयी ढंग से लापता हो गई थी. लेकिन पूछताछ में उन्होंने अपने ही पहले के बयान बदल दिए और कुछ नए नामों का जिक्र किया. सूत्रों के मुताबिक, सुजाता पर भारी दबाव है. वो लगातार पूछताछ के चलते मानसिक रूप से बेहद कमजोर पड़ गई हैं. एसआईटी को उनके बयान पहले दिए गए दावों से उलट मिले हैं.
इससे यह शक गहरा हो गया कि ये पूरी कहानी गढ़ी गई थी. हालांकि, पुलिस अधिकारियों ने अभी तक उनके नए खुलासों पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है. विशेषज्ञों का कहना है कि भले ही सुजाता औपचारिक रूप से अपनी शिकायत वापस ले लें, लेकिन एसआईटी अपनी जांच रोक नहीं सकती. इसका कारण यह है कि धर्मस्थल केस पहले ही न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा बन चुका है.
इसमें बलात्कार, हत्या और सामूहिक दफन जैसे गंभीर आरोप दर्ज हैं. इससे पहले धर्मस्थल के धर्माधिकारी वीरेंद्र हेगड़े ने एसआईटी जांच का स्वागत किया था. वहीं उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने भी चेतावनी दी थी कि यदि शिकायतकर्ताओं के आरोप झूठे साबित हुए, तो उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. अब इस केस की असली सच्चाई एसआईटी की गहन जांच ही उजागर करेगी.