सोशल मीडिया पर मिले दोस्ती के तोहफे ने एक महिला की जिंदगी में ऐसा जहर घोल दिया, जिसकी उसने कल्पना तक नहीं की थी. नवी मुंबई की 46 वर्षीय महिला को इंस्टाग्राम पर एक शख्स से दोस्ती करना इतना भारी पड़ गया कि उसने अपना सब कुछ गंवा दिया. महिला से वादा किया गया था कि यूनाइटेड किंगडम से उसे एक महंगा तोहफा भेजा जा रहा है. लेकिन जब तक उसे सच्चाई समझ में आती, तब तक वह 49.59 लाख रुपए गंवा चुकी थी.
इस मामले में महाराष्ट्र के नवी मुंबई के रबाले पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई है. इसके अनुसार ये ठगी जून और अगस्त 2024 के बीच हुई. हालांकि मामला तब सामने आया जब पीड़िता ने बीते शुक्रवार को पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई. पुलिस अब इस हाई-प्रोफाइल साइबर फ्रॉड की हर कड़ी को जोड़ने की कोशिश में जुटी है. इस ठगी की शुरुआत एक साधारण इंस्टाग्राम फ्रेंड रिक्वेस्ट से हुई. आरोपी ने महिला से यूनाइटेड किंगडम निवासी होने का दावा किया था.
उनके बीच बातचीत का सिलसिला बढ़ा और कुछ ही दिनों में दोनों के बीच घनिष्ठता बढ़ गई. इसी दौरान उस व्यक्ति ने महिला से कहा कि वह उसके लिए एक बेहद महंगा उपहार पार्सल में भेज रहा है. कुछ दिन बाद महिला को एक कॉल आई. फोन करने वाली एक महिला थी, जिसने खुद को दिल्ली एयरपोर्ट पर तैनात कस्टम अधिकारी बताया. उसने कहा कि यूके से आया पार्सल उनके पास है. उसे लेने के लिए सीमा शुल्क और पार्सल हैंडलिंग फीस का भुगतान करना होगा.
पीड़िता ने भरोसे में आकर धीरे-धीरे 49.59 लाख रुपए आरोपियों द्वारा बताए गए अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए. रकम कई किस्तों में दी गई. पीड़िता को बार-बार यकीन दिलाया गया कि रकम चुकाने के बाद उसका पार्सल उसे सौंप दिया जाएगा. लेकिन जैसे ही रकम की मांग बढ़ने लगी और पार्सल अब तक नहीं पहुंचा, महिला को शक हुआ. जब उसने कथित कस्टम अधिकारी और इंस्टाग्राम फ्रेंड से संपर्क करने की कोशिश की तो दोनों ने संपर्क तोड़ दिया.
इसके बाद महिला को यकीन हो गया कि वह बड़े साइबर फ्रॉड का शिकार हो चुकी है. उसने रबाले थाने पहुंचकर पूरा मामला पुलिस को बताया. पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 418(4) (धोखाधड़ी), 34 (सामान्य इरादा) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है. शुरुआती जांच से पता चला है कि दोनों आरोपियों ने फर्जी पहचान का इस्तेमाल किया और सोशल मीडिया के जरिए अपने शिकार को जाल में फंसाया. उनके असली नाम और पते अब तक नहीं मिले हैं.
ये मामला अब साइबर सेल को सौंप दिया गया है, जो डिजिटल ट्रेल और बैंक लेन-देन के आधार पर आरोपियों का पता लगाने की कोशिश कर रही है. पुलिस ने आम जनता को चेतावनी दी है कि सोशल मीडिया पर किसी अनजान व्यक्ति से मिली दोस्ती और खासकर महंगे तोहफों के लालच में आकर कोई भी आर्थिक लेन-देन न करें. नवी मुंबई पुलिस का कहना है कि पहचान सत्यापित करें और बिना पुष्टि के किसी को भी पैसे ट्रांसफर करने से बचें.