Forex Trading Scam: महाराष्ट्र के ठाणे जिले में साइबर ठगी का एक गंभीर मामला सामने आया है. डोंबिवली इलाके के रहने वाले 38 वर्षीय युवक को फॉरेक्स और कमोडिटी ट्रेडिंग में मोटे मुनाफे का लालच देकर ठग लिया गया. साइबर ठगों ने खुद को प्रोफेशनल निवेश सलाहकार बताते हुए पहले भरोसा जीता. फिर आरोपियों ने कहा कि थोड़े समय में निवेश पर कई गुना रिटर्न मिलेगा. युवक उनकी बातों में आ गया और निवेश करने के लिए तैयार हो गया.
टेलीग्राम और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल
ठगी की यह वारदात अगस्त से सितंबर के बीच हुई. बाद में युवक को एहसास हुआ कि वह साइबर जालसाजों का शिकार बन चुका है. पीड़ित के अनुसार, आरोपी टेलीग्राम और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर कस्टमर सपोर्ट एग्जीक्यूटिव बनकर सामने आए. उन्होंने खुद को एक भरोसेमंद ट्रेडिंग कंपनी से जुड़ा बताया था. इसके बाद लगातार मैसेज और कॉल के जरिए वे युवक को निवेश के लिए उकसाते रहे.
फिर आरोपियों ने उस युवक को फॉरेक्स ट्रेडिंग, गोल्ड यूएसडी और अन्य कमोडिटी में निवेश का ऑफर दिया. उन्होंने स्क्रीनशॉट और फर्जी डैशबोर्ड दिखाकर मुनाफे का भ्रम पैदा किया. इसी भरोसे के कारण पीड़ित ने उनकी बातों पर यकीन कर लिया.
ऑनलाइन लिंक से कराए ट्रांजैक्शन
आरोपियों ने पीड़ित को कई ऑनलाइन लिंक भेजे, जिन्हें असली ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म बताया गया. इन लिंक के जरिए युवक को अलग-अलग बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करने के निर्देश दिए गए. शुरुआत में छोटी रकम डलवाई गई, जिससे भरोसा और बढ़ गया. इसके बाद धीरे-धीरे बड़ी रकम निवेश के लिए कहा गया. युवक ने बताए गए खातों में कुल 17.61 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए. उसे हर बार कहा गया कि जल्द ही भारी मुनाफा मिलेगा.
न रिटर्न मिला, न पैसा वापस
काफी समय बीतने के बाद भी पीड़ित को न तो निवेश पर कोई रिटर्न मिला और न ही उसकी जमा की गई रकम वापस आई. जब उसने आरोपियों से संपर्क करने की कोशिश की, तो जवाब मिलना बंद हो गया. टेलीग्राम अकाउंट और अन्य प्लेटफॉर्म भी बंद हो चुके थे. तब युवक को समझ आया कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है. इसके बाद उसने डोंबिवली पुलिस से संपर्क किया. पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है.
आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज
डोंबिवली पुलिस ने इस साइबर ठगी के मामले में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (आईटी एक्ट) के तहत एफआईआर दर्ज की है. पुलिस के अनुसार, यह ठगी अगस्त से सितंबर के बीच अंजाम दी गई. शिकायत के आधार पर साइबर सेल भी जांच में जुट गई है. पुलिस का कहना है कि ऐसे मामलों में डिजिटल सबूत बेहद अहम होते हैं. इसलिए हर ट्रांजैक्शन और ऑनलाइन गतिविधि को खंगाला जा रहा है.
बैंक खातों और डिजिटल ट्रेल की जांच
पुलिस अधिकारी ने बताया कि फिलहाल इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. जांच टीम बैंक ट्रांजैक्शन, डिजिटल ट्रेल और इस्तेमाल किए गए ऑनलाइन लिंक की बारीकी से जांच कर रही है. पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि ठगी के पीछे कितने लोग शामिल हैं. साथ ही, रकम किन खातों में गई और आगे कहां ट्रांसफर हुई, इसका भी पता लगाया जा रहा है. पुलिस ने लोगों से अपील की है कि ऑनलाइन निवेश से पहले पूरी जांच-पड़ताल जरूर करें.