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गुप्त कैमरा, पासवर्ड और बाबा का ड्रामा... स्वामी चैतन्यानंद के 'डर्टी सीक्रेट' का आखिर कैसे होगा पर्दाफाश?

गिरफ्तारी के बाद से ही पाखंडी बाबा चैतन्यानंद पुलिस के सवालों से बचने के लिए नए-नए बहाने बना रहा है. कभी कहता है उसे शॉर्ट टर्म मेमोरी लॉस है, तो कभी पासवर्ड भूलने का नाटक करता है. लेकिन दिल्ली पुलिस भी हार नहीं मानने वाली है.

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स्वामी चैतन्यानंद पुलिस हिरासत में पूछताछ के दौरान तरह-तरह के बहाने बना रहा है. (Photo: ITG)
स्वामी चैतन्यानंद पुलिस हिरासत में पूछताछ के दौरान तरह-तरह के बहाने बना रहा है. (Photo: ITG)

दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आया 'डर्टी बाबा' चैतन्यानंद अब अपनी करतूतों से पल्ला झाड़ने में जुटा है. कभी पासवर्ड भूलने का बहाना, तो कभी घबराहट का नाटक. लेकिन सच ये है कि इस पाखंडी बाबा की हकीकत अब परत-दर-परत सामने आ रही है. कैमरा, ब्लैकमेलिंग और छात्राओं के शोषण की गवाही अब पुलिस की फाइलों में दर्ज हो चुकी है.

27-28 सितंबर की दरम्यानी रात आगरा के एक होटल से पुलिस ने इस आरोपी बाबा को गिरफ्तार किया. ये जिस संस्थान का प्रमुख था, वहीं की छात्राओं ने उसके खिलाफ यौन शोषण और बदसलूकी के गंभीर आरोप लगाए हैं. पुलिस की पूछताछ में बाबा बार-बार कह रहा है कि उसे घबराहट हो रही है. उसे कुछ भी याद नहीं है. वो शॉर्ट टर्म मेमोरी लॉस है.

इस केस की जांच के दौरान सबसे बड़ा खुलासा ये हुआ है कि आरोपी ने छात्राओं के बाथरूम में कैमरा लगाया था. कैमरे का कनेक्शन सीधे उसके मोबाइल से था. यानी इंस्टीट्यूट में हर गतिविधि पर उसकी पैनी नजर रहती थी. फरारी के दौरान भी वो कॉलेज की हलचल पर नजर रख रहा था. 17 छात्राओं ने इस बाबा को यौन शोषण का गुनहगार बताया है.

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दिल्ली पुलिस ने बाबा को रिमांड पर लिया है. उससे लगातार सवाल किए जा रहे हैं. सवाल साफ हैं, क्या उसने छात्राओं को अश्लील मैसेज भेजे? क्या उन्हें मिलने के लिए बुलाया? क्या अन्य स्टाफ उसकी मदद कर रहे थे? कितने बैंक अकाउंट हैं और कहां से फंडिंग आती थी? लेकिन हर सवाल पर बाबा की जुबान अटकने लगती है. वो जवाब देने से कतरा रहा है.

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बाबा का दावा है कि उसे फोन का पासवर्ड याद नहीं. लेकिन पुलिस ने उसके तीन मोबाइल फोन और आईपैड फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिए हैं. अब दूध का दूध और पानी का पानी होना तय है. दिल्ली पुलिस बाबा से जानना चाहती है कि कैसे वो छात्राओं को ब्लैकमेल करता था? 62 साल का ये पाखंडी अब पुलिस की हिरासत में है, लेकिन अभी भी अकड़ नहीं छोड़ी.

दिल्ली पुलिस की जांच में सामने आया कि उसने फरारी के दौरान करीब 55 दिन तक होटल बदल-बदलकर छिपने की कोशिश की थी. कभी मथुरा, कभी वृंदावन, कभी आगरा. उसने करीब 15 होटल बदले. होटल के रजिस्टर में उसने अपना नाम स्वामी पार्थसारथी दर्ज कराया. 27 सितंबर शाम 4 बजकर 2 मिनट पर आगरा के होटल के कमरे नंबर 101 में उसने एंट्री ली. 

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उसी दिन आधी रात को पुलिस ने दरवाजा खटखटाया और उसे दबोच लिया. दिल्ली से 220 किलोमीटर दूर आगरा में छिपा ये बाबा पुलिस के जाल में फंस गया. डीसीपी साउथ-वेस्ट दिल्ली अमित गोयल ने कहा, "कई राज्यों में तलाशी चल रही थी. सुराग मिला कि आगरा के होटल में छिपा है. वहीं से गिरफ्तारी हुई थी. होटल के सीसीटीवी फुटेज से इसकी पुष्टि हुई है."

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रिमांड मिलने के बाद दिल्ली पुलिस उसे उसी प्रबंधन संस्थान ले गई, जहां उसने वारदात को अंजाम दिया था. वहां क्राइम सीन को रीक्रिएट किया गया. सीसीटीवी कैमरों और उसके महिला सहयोगियों को लेकर उससे पूछताछ की गई. उसकी महिला सहयोगियों पर पीड़ितों को धमकाने और जबरन मैसेज डिलीट कराने का आरोप है. पुलिस अब उनका आमना-सामना कराने जा रही है.

जांच में सामने आया कि जुलाई में बाबा विदेश गया और 6 अगस्त को लौटा. उसके खिलाफ केस दर्ज होते ही उसे देश छोड़ने से रोकने के लिए लुकआउट सर्कुलर जारी कर दिया गया था. इसके बावजूद उसने फरारी के दौरान मथुरा, वृंदावन और आगरा के होटलों में पनाह ली. उसने अपने राजनीतिक संबंधों का दावा किया. कभी पीएमओ, तो कभी हाई प्रोफाइल संबंधों का जिक्र किया.

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