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कन्नन गोपीनाथ को फिर मिला IAS ज्वॉइन करने का ऑफर, कश्मीर से 370 हटाने पर दिया था इस्तीफा

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के खिलाफ आईएएस अधिकारी के पद से इस्तीफा देने वाले कन्नन गोपीनाथ को सरकार ने फिर नौकरी ज्वॉइन करने का प्रस्ताव दिया है.

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कन्नन गोपीनाथ ने IAS के पद से इस्तीफा दे दिया था (फोटो-ट्विटर/@naukarshah)
कन्नन गोपीनाथ ने IAS के पद से इस्तीफा दे दिया था (फोटो-ट्विटर/@naukarshah)

  • कन्नन गोपी को फिर से आईएएस ज्वॉइन करने का ऑफर
  • सरकार के ऑफर को कन्नन गोपी ने किया अस्वीकार
  • कश्मीर से 370 हटाने पर कन्नन गोपी ने दिया था इस्तीफा

पिछले साल अगस्त में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ आईएएस के पद से इस्तीफा देने वाले कन्नन गोपीनाथ को फिर से नौकरी ज्वॉइन करने का प्रस्ताव मिला है. लेकिन उन्होंने सरकार के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है.

कन्नन गोपीनाथ ने इस घटनाक्रम की ट्वीट करके जानकारी दी है. कन्नन गोपीनाथ ने सरकार की तरफ से मिले पत्र को साझा करते हुए बताया, 'सरकार की तरफ से एक पत्र मिला है. मुझे फिर से आईएएस के रूप में ज्वॉइन करने को कहा गया है, लेकिन मैं कोरोना वायरस की इस महामारी के खिलाफ इस जंग में तन, मन, धन से अपनी सेवाएं दूंगा. मेरा यह काम एक स्वतंत्र और जिम्मेदार नागरिक के तौर पर होगा, किसी आईएएस अधिकारी के रूप में नहीं.'

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कन्नन गोपीनाथ ने फिर नौकरी ज्वॉइन करने के प्रस्ताव पर सरकार को दिए जवाब के बारे में बताया. उन्होंने लिखा, 'मेरे इस्तीफे को करीब आठ महीने हो गए हैं. सरकार को अधिकारियों और लोगों का सिर्फ उत्पीड़न करना आता है. मुझे पता है कि वे मुझे और परेशान करना चाहते हैं. मगर फिर भी मैं इस संकट के समय में सरकार के लिए स्वयंसेवक के तौर पर दादर एवं नगर हवेली और दमन दीव में अपनी सेवाएं देने का प्रस्ताव देता हूं, लेकिन आईएएस के तौर पर दोबारा नौकरी ज्वॉइन नहीं करूंगा.'

सरकार की तरफ से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि आपका इस्तीफा अभी स्वीकार नहीं किया गया है, और जब तक सरकार उसे स्वीकार नहीं कर लेती तब तक आप पद मुक्त नहीं समझे जा सकते हैं.

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वहीं इसके जवाब में कन्नन गोपीनाथ ने कहा है कि पिछले सात महीने से सरकार मुझे वेतन भी नहीं दे रही है. इसलिए मैं खुद को पदमुक्त समझता हूं और आईएएस की नौकरी का प्रस्ताव अस्वीकार करता हूं.

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21 अगस्त 2019 को दिया था इस्तीफा

बता दें कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी के पद से कन्नन गोपीनाथन ने जम्मू-कश्मीर में लगाए गए प्रतिबंध और मौलिक अधिकारों के हनन के विरोध में 21 अगस्त 2019 को इस्तीफा दे दिया था. केरल में 2018 में आई बाढ़ के दौरान उनके काम की काफी सराहना हुई थी.

गोपीनाथन दादरा और नगर हवेली में बिजली और गैर-पारंपरिक ऊर्जा सचिव के रूप में तैनात थे. केरल के 2012 बैच के आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा छीने जाने के बाद वहां के लाखों लोगों के मौलिक अधिकारों पर प्रतिबंध लगा दिया गया. उन्होंने कहा था, 'मैंने प्रशासनिक सेवा इसलिए ज्वॉइन की, क्योंकि मुझे लगा कि मैं उन लोगों की आवाज बन सकता हूं, जिनकी आवाज को खामोश कर दिया जाता है. लेकिन यहां मैंने खुद अपनी आवाज खो दी.'

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