कैसे होगा परीक्षण
कोरोना वैक्सीन का इंसानों पर परीक्षण करने के लिए 18 से 55 साल के 200 स्वस्थ लोगों को चुना जाएगा. इन लोगों को जर्मनी की बायोटेक कंपनी बायो एन टेक और अमेरिका की दवा कंपनी फाइजर द्वारा संयुक्त रूप से विकसित कोरोना वैक्सीन की अलग अलग किस्में लगाई जाएंगी. इसके बाद वैज्ञानिक ये अध्ययन करेंगे कि ये वैक्सीन वायरस को मारने में कितना कारगर है. इसके अलावा इस बात की जांच की जाएगी कि क्या इस वैक्सीन का कोई साइड इफेक्ट तो नहीं है.
ब्रिटिश न्यूजपेपर द इंडिपेंडेंट के मुताबिक वैक्सीन परीक्षण के दूसरे चरण में इसका परीक्षण उन लोगों पर किया जाएगा जिन्हें कोरोना से संक्रमित होने का ज्यादा खतरा है.
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20 वैक्सीन परीक्षण के स्तर पर
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को खत्म करने के लिए अलग अलग देशों में 20 तरह के वैक्सीन विकसित किए जा रहे हैं. कई वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल किया जा रहा है.
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जर्मनी के अलावा चीन, अमेरिका, ब्रिटेन और भारत भी अपने अपने यहां कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने की कोशिश कर रहा है.
25 लाख लोग संक्रमित, पौने दो लाख की मौत
कोरोना वायरस मानवीय सभ्यता के सबसे बड़े संकटों में से एक साबित हो रहा है. पिछले साल नवंबर-दिसंबर में शुरू हुई इस बीमारी से दुनिया भर में अबतक 25 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं. कोरोना से जुड़े आंकड़ों पर नजर रखने वाली संस्था जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के मुताबिक पिछले लगभग 6 महीनों में ये बीमारी दुनिया में लगभग 1 लाख 78 हजार लोगों की जान ले चुकी है.