देश के जिन इलाकों या जिलों में कोरोना वायरस का ज्यादा असर दिख रहा है, वहां पर केंद्र सरकार ने अपनी एक टीम भेजने का फैसला लिया है. ये टीम ज़मीनी हालात को परखेगी. इसको लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का भी बयान सामने आया है. अशोक गहलोत का कहना है कि केंद्र ने जो टीम भेजी है, उससे हमारे अधिकारी बात कर रहे हैं.
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि हमारे यहां बाकी सब तो ठीक है, लेकिन गेहूं और मजदूरों की समस्या है, इसको दूर करने की जरूरत है. राजस्थान के मुख्यमंत्री ने इसको लेकर ट्वीट भी किया. उन्होंने लिखा कि लॉकडाउन के दौरान राशन की मांग बढ़ गई है, ऐसे में परिवारों को अधिक से अधिक राशन की जरूरत है.
The Food Corporation of India (FCI) reserves are full of wheat stocks and new crop will also be ready soon. In this situation, I am hopeful of a positive decision from central government and that more wheat will be released for ration to the states soon.
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) April 21, 2020
मुख्यमंत्री के मुताबिक, राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से अधिक गेहूं देने की अपील की है, ताकि लोगों को दिया जा सके.
मुख्यमंत्री के अलावा राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा है कि FCI के गोदामों में गेहूं भरा हुआ है, लेकिन लोगों को खाने की समस्या हो रही है. भारत सरकार को तुरंत गोदाम खोलने चाहिए और अनाज देना चाहिए.
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आपको बता दें कि जिन इलाकों में कोरोना वायरस के ज्यादा केस सामने आ रहे हैं, वहां पर केंद्र द्वारा एक टीम भेजी जा रही है. मुंबई, पुणे, इंदौर, जयपुर, कोलकाता और पश्चिम बंगाल के कुछ दूसरे शहरों में भेजी जा रही इस टीम को ICMT नाम दिया गया है.
इन टीम को लेकर पश्चिम बंगाल की सरकार और केंद्र सरकार में ठनी हुई है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस तरह की टीम का विरोध किया है और कहा है कि राज्य सरकारों से परामर्श किए बिना ऐसे टीम भेजना गलत है.