पूरी दुनिया कोरोना से लड़ रही है और कोरोना वॉरियर्स का हौसला बढ़ा रही है, लेकिन लखनऊ में कोरोना वॉरियर्स ने तनख्वाह न मिलने पर काम का बहिष्कार किया है. मामला लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) का है. केजीएमयू के शताब्दी ब्लॉक के सफाईकर्मचारियों ने सैलरी कटने का आरोप लगाते हुए काम का बहिष्कार किया है.
इंडिया टुडे से बात करते हुए सफाई कर्मचारियों ने कहा कि पिछले साल दिसंबर तक हमें 8800 रुपये प्रति महीने की दर से सैलरी मिलती थी. पिछले तीन महीनों से हमारी सैलरी नहीं मिली. जब हमने विरोध प्रदर्शन शुरू किया तो सैलरी आई है, लेकिन कटकर. कई कर्मचारियों का कहना है कि उनकी सैलरी अभी तक आई ही नहीं है.
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कर्मचारियों का कहना है कि हमारी सैलरी घटाकर 6 से 7 हजार रुपये प्रति महीने कर दी गई है. कई लोगों को जनवरी की सैलरी नहीं मिली है. हमें वीक ऑफ भी नहीं मिल रहा है. अगर प्रशासन हमारी सैलरी को बढ़ा नहीं सकता है तो कम से कम 8800 रुपये प्रति महीने रहने दे, जो पहले से तय था.
केजीएमयू के शताब्दी ब्लॉक में स्वच्छता कार्यों का मैनेजमेंट करने वाली कंपनी के पर्यवेक्षक विजय शंकर अवस्थी ने कहा के 66 में से 18 कर्मचारियों को जनवरी की सैलरी नहीं मिली है. इसका कुछ अलग कारण होगा. उनकी चिंताओं का समाधान किया जा रहा है. हमने उनसे काम फिर से शुरू करने का अनुरोध किया है.'
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इस बीच लखनऊ के जीपीओ यानि पोस्टल विभाग के सबसे बडे दफ्तर में हंगामे की खबर है. बिना सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किए सैकड़ों कर्मचारी ऑफिस के अंदर हंगामा कर रहे हैं. कर्मचारियों और पोस्टमैन्स का आरोप कि चीफ पोस्ट मास्टर आरएन यादव जबरदस्ती उन पर दफ्तर आने का दबाव बना रहे हैं. उनके पास न तो पास है और न ही परमिशन.
कर्मचारियों का आरोप कि उन्हें नोटिस जारी कर उनके खिलाफ एक्शन लेने का पत्र जारी किया गया. गुस्साये कर्मचारी पोस्टमास्टर के दफ्तर में हंगामा कर रहे हैं सभी पोस्टमैन ऑफिस में ही धरने पर बैठे हैं. बता दें लॉकडाउन 2.0 की गाइडलाइन में पोस्ट ऑफिस को छूट दी गई है.