बिहार पुलिस विभाग के एडीजी (विधि और व्यवस्था) अमित कुमार की उस चिट्ठी को आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा मुद्दा बनाना शुरू कर दिया है, जिसमें लाखों की संख्या में प्रदेश लौटे प्रवासी मजदूरों की वजह से राज्य में अपराध बढ़ने की आशंका जताई गई थी.
इस विवादित पत्र को एक पोस्टर की शक्ल देकर शनिवार को तेजस्वी यादव ने आरजेडी कार्यालय के बाहर लगा दिया और घोषणा कर दी कि इस पत्र को लेकर वे आंदोलन करेंगे.
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दरअसल, सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को लिखे इस पत्र में एडीजी अमित कुमार ने इस बात की आशंका जताई थी कि बिहार लौटने वाले प्रवासी मजदूरों को जब रोजगार नहीं मिलेगा तो परिवार का भरण पोषण के लिए अपराध कर सकते हैं.
29 मई को लिखे गए इस पत्र पर विवाद बढ़ने के बाद एडीजी अमित कुमार ने इस पत्र को 4 जून को वापस ले लिया था, मगर इसके बावजूद भी तेजस्वी यादव आक्रमक मूड में है.
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शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस पत्र के लिए प्रवासी मजदूरों से माफी मांगने को कहा और चिट्ठी को फाड़ डाला था. वही, आज चिट्ठी को एक पोस्टर का रूप देकर तेजस्वी यादव ने खुद आरजेडी कार्यालय के बाहर लगा दिया है.
इस पोस्टर में तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार से पांच सवाल भी पूछे हैं-
1. नीतीश कुमार को बिहारी श्रमिक गुंडे क्यों दिखे?
2. नीतीश कुमार को बिहार श्रम वीर अपराधी क्यों लगे?
3. नीतीश कुमार ने मजदूर भाइयों को लुटेरा क्यों कहा?
4. नीतीश कुमार ने श्रमिकों को रोजगार से इनकार क्यों किया?
5. नीतीश कुमार ने बेरोजगारों का अपमान क्यों किया?
तेजस्वी यादव ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को चोर और लुटेरा बताकर नीतीश कुमार ने उन सभी का अपमान किया है.
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