भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) में कोहराम मचा है. वैसे ये सिलसिला पिछले हफ्ते से चल रहा है. अगर गिनती करें तो पिछले 6 दिनों से बाजार में गिरावट का माहौल है. एक के बाद एक निगेटिव खबरें आ रही हैं. जिससे सेटीमेंट बिगड़ता जा रहा है. महज हफ्तेभर पहले भारतीय शेयर बाजार रिकॉर्ड हाई पर था. निफ्टी ने रिकॉर्ड 26277 अंक का हाई बनाया था. जबकि सेंसेक्स (Sensex) 85,978.25 तक पहुंच गया था.
अब अगर सोमवार की बात करें तो सेंसेक्स गिरकर 81,030 अंक पर पहुंच गया है, ये इंडेक्स (Index) अपने ऑल टाइम हाई (All Time High) से करीब 5000 अंक फिसल चुका है. वहीं निफ्टी गिरकर 24,789 अंक पर पहुंच चुका है. निफ्टी भी करीब 1500 अंक टूट चुका है. इस गिरावट से निवेशकों में हाहाकार मचा है, खासकर रिटेल निवेशकों के हाथ-पांव फूलने लगे हैं.
6 दिन की गिरावट में ही गाढ़ी कमाई साफ
क्योंकि पिछले 6 दिन की ही गिरावट में निवेशकों की गाढ़ी कमाई डूब चुकी है, भले की इंडेक्स में 7 से 8 फीसदी की गिरावट आई है, लेकिन कुछ निवेशकों के पोर्टफोलियो 20 फीसदी तक गिर चुके हैं, ऐसे में उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि इतनी बड़ी गिरावट के क्या कारण हैं. और ये गिरावट कहां जाकर थमेगी?
दरअसल, सोमवार को भारतीय बाजार तेजी के साथ खुले, निफ्टी में 100 अंकों की बढ़त दर्ज की गई, लेकिन धीरे-धीरे बाजार में गिरावट हावी होने लगा और फिर सेंसेक्स-निफ्टी करीब 1 फीसदी टूट गए, सबसे ज्यादा गिरावट मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में देखने को मिल रही है. आईटी शेयरों में थोड़ी मजबूती देखी जा रही है. लेकिन सरकारी कंपनियों के शेयरों आज भी बड़ी गिरावट आई है, रेलवे स्टॉक्स भी बिखर गए हैं.
बाजार में गिरावट के क्या-क्या कारण
अब जब गिरावट के असली कारण तलाशते हैं, तो पिछले हफ्ते इजरायल-ईरान युद्ध सबसे बड़ा कारण था, लेकिन इसके अलावा विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से लगातार पैसे निकाल रहे हैं. पिछले 5 दिनों में ही FII करीब 40 हजार करोड़ रुपये भारतीय बाजार से निकाल चुके हैं. साथ ही चीन में जिस तरह राहत पैकेज का ऐलान हुआ है, उससे भी विदेशी निवेशक शॉर्ट टर्म में चीनी शेयर बाजार से आकर्षित हो रहे हैं, जिससे वो भारतीय बाजारों से पैसे निकाल रहे हैं.
विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल से बिगड़ा मूड
लेकिन अगर आज बाजार में बड़ी गिरावट की वजहें देखें तो दो राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव को लेकर भी जिस तरह से एग्जिट पोल में अनुमान दिखाए जा रहे हैं, उससे भी बाजार का मूड बिगड़ा है. खासकर हरियाणा को लेकर बाजार घबराया हुआ है. क्योंकि उद्योग के नजरिये से हरियाणा देश का अहम राज्य है. अगर यहां सत्ता परिवर्तन होता है, तो फिर पॉलिसी में भी बदलाव देखने को मिल सकती है.
हरियाणा में गुरुग्राम, फरीदाबाद और रोहतक जैसा इंडस्ट्रीज हब है, यहां देश-दुनिया की तमाम बड़ी कंपनियां हैं, अगर सरकार बदलती है और कांग्रेस सत्ता में आती है, तो केंद्र सरकार को पॉलिसी मेकिंग में थोड़ी चुनौती आ सकती है. वैसे देश में अधिकतर बड़े उद्योगों वाले राज्यों में बीजेपी की सरकार नहीं है. जिसमें कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, झारखंड, पश्चिम बंगाल और दिल्ली अहम है.
आज की गिरावट को एग्जिट पोल से इसलिए जोड़कर देखा जा रहा है, क्योंकि एक तो बाजार की शुरुआत तेजी के साथ हुई थी, क्योंकि ग्लोबल सेंटीमेंट उतना खराब नहीं है. शुक्रवार को बढ़त के साथ अमेरिकी बाजार बंद हुए थे, जापान के बाजार में भी करीब 2 फीसदी की तेजी देखी गई. चीन का बाजार बंद है. ईरान और इजरायल के बीच स्थिति भी पिछले हफ्ते के मुकाबले बिगड़ी नहीं है, अगर बिगड़ी होती तो इसका सबसे ज्यादा असर अमेरिकी बाजार पर होता. ऐसे में कह सकते हैं कि एग्जिट पोल का बाजार में असर दिख रहा है.