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Dhanteras 2025 Today: आज धनतरेस पर कैसे पहचाने प्योर गोल्ड... ज्वेलर नहीं बताएगा, खुद इन 3 तरीकों से करें कंफर्म

Dhanteras Gold Buying Tips: धनतेरस हो या आम दिन ग्राहकों को केवल हॉलमार्क वाली ज्वेलरी ही खरीदना चाहिए. हॉलमार्क पर पांच अंक होते हैं. सभी कैरेट का हॉलमार्क अलग होता है. मसलन 22 कैरेट पर 916, 21 कैरेट पर 875 और 18 कैरेट पर 750 लिखा होता है. 

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धनतेरस पर ज्वेलरी खरीदने की परंपरा. (Photo: AI Generated)
धनतेरस पर ज्वेलरी खरीदने की परंपरा. (Photo: AI Generated)

धनतेरस (Dhanteras 2025) और दिवाली (Diwali) के मौके पर ज्वेलरी खरीदने की पुरानी परंपरा रही है. साल भर तक लोग पाई-पाई जोड़कर सोने की ज्वेलरी खरीदते हैं. ऐसे में ये जरूरी है कि आप जो सोना-चांदी खरीद रहे हैं ,वो प्योर हो, और उसमें मिलावट न हो. आज हम आपको जो ट्रिक्स बता रहे हैं कि उससे आप पहचान सकते हैं कि जो ज्वेलरी खरीद रहे हैं तो वो प्योर है या नहीं?

जहां तक सोने की शुद्धता (Gold Purity) की बात है, तो धनतेरस हो या आम दिन केवल और केवल हॉलमार्क वाली ज्वेलरी ही खरीदें. हॉलमार्क पर पांच अंक होते हैं. सभी कैरेट का हॉलमार्क अलग होता है. मसलन 22 कैरेट पर 916, 21 कैरेट पर 875 और 18 कैरेट पर 750 लिखा होता है. 

यही नहीं, अब तो 9 कैरेट सोने की ज्वेलरी भी मिल रही है, उसमें भी हॉलमार्किंग (Hallmarking) अनिवार्य है. भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने 9 कैरेट सोने को अनिवार्य हॉलमार्किंग श्रेणियों की सूची में शामिल कर लिया है. यह नियम इसी जुलाई-2025 से लागू हो गया है, यानी अब आप हॉलमार्क वाले 9 कैरेट वाली गोल्ड ज्वेलरी खरीद सकते हैं. इससे पहले 14, 18, 20, 22, 23 और 24 कैरेट सोने के आभूषणों पर हॉलमार्किंग अनिवार्य थी.

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क्या होती है हॉलमार्किंग (Hallmarking): हॉलमार्क सोने की शुद्धता का पैमाना होता है. इसके तहत हर गोल्ड ज्वेलरी पर भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) अपने मार्क के द्वारा शुद्धता की गारंटी देता है. केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि हॉलमार्क अनिवार्य होने के बाद देश में सिर्फ 14, 18 और 22 कैरेट सोने की ज्‍वेलरी ही बिकेगी. 

इसके द्वारा इसका स​ही आंकड़ा मिल जाता है कि किसी ज्वेलरी में कीमती धातु (जैसे सोने) का कितना हिस्सा है और इसकी आधिकारिक मुहर होती है. एक तरह से यह कहा जा सकता है कि यह हॉलमार्किंग सरकार द्वारा दी गई सोने की शुद्धता की गारंटी होती है.

शुद्धता का भरोसा: BIS से सर्टिफाइड ज्वेलर अपने ज्वेलरी पर किसी भी निर्धारित हॉलमार्किंग सेंटर से हॉलमार्क हासिल कर सकते हैं. इसका आम उपभोक्ताओं को सबसे बड़ा फायदा कि है कि वे जो गोल्ड ज्वेलरी खरीदेंगे, उस पर यह भरोसा होगा कि जितने कैरेट की शुद्धता का बताया जा रहा है, उतने ही शुद्धता का वाकई मिल रहा है.

आप हॉलमार्क (Hallmark) आप शुद्ध ज्वेलरी की पहचान 4 तरह से कर सकते हैं. 
पहला (BIS मार्क)- हर ज्वेलरी पर भारतीय मानक ब्यूरो का ट्रेडमार्क यानी BSI का लोगो होगा. 
दूसरा (कैरेट में प्योरिटी)- हर ज्वेलरी की कैरेट या फाइनेंस में प्योरिटी होगी. 916 लिखा है तो इसका मतलब यह है कि ज्वेलरी 22 कैरेट के गोल्ड (91.6 फीसदी शुद्धता) की है. 750 लिखा है तो इसका मतलब यह है कि ज्वेलरी 18 कैरेट (75 फीसदी शुद्ध) गोल्ड की है. इसी तरह 585 लिखा है तो इसका मतलब कि ज्वेलरी 14 कैरेट गोल्ड (58.5 फीसदी शुद्धता) की है. 
तीसरा- हर ज्वेलरी पर एक विजिबल आइडेंटिफिकेशन मार्क होगा, ज्वेलर कोड के रूप में, यानी यह किस ज्वेलर के यहां बना है, उसकी पहचान होगी.
 

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